दिल्ली में पॉल्यूशन से निपटने के लिए सरकार ने लिए ये अहम फैैसले, 15 साल पुरानी गाड़ियों की छुट्टी

NewsTak

ADVERTISEMENT

Delhi NCR pollution
delhi pollution
social share
google news

Delhi: दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बड़े कदम उठाने की घोषणा की है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को ऐलान किया कि 31 मार्च 2025 से 15 साल से पुराने वाहनों को दिल्ली के पेट्रोल पंपों और सीएनजी स्टेशनों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही, शहर की सभी ऊंची इमारतों, होटलों और व्यावसायिक परिसरों में एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. ये फैसले दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को काबू करने के लिए लिए गए हैं.

पुराने वाहनों पर लगाम, इलेक्ट्रिक बसों का प्लान

मंत्री सिरसा ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद बताया कि प्रदूषण का एक बड़ा कारण पुराने वाहनों से होने वाला उत्सर्जन है. इसके लिए पेट्रोल पंपों पर खास तकनीक वाले उपकरण लगाए जाएंगे, जो पुराने वाहनों की पहचान कर ईंधन देने से रोकेंगे. इस नीति को लागू करने के लिए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय से भी बात की जाएगी. इसके अलावा, दिल्ली की 90% सीएनजी बसों को 2025 के अंत तक हटाकर उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें लाने की योजना है. यह कदम स्वच्छ और पर्यावरण-friendly परिवहन को बढ़ावा देगा.

हाई-राइज बिल्डिंग्स और होटलों पर नई जिम्मेदारी

दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए अब ऊंची इमारतों और व्यावसायिक परिसरों को भी जिम्मेदार बनाया जा रहा है. सिरसा ने कहा कि सभी हाई-राइज बिल्डिंग्स, होटलों और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में एंटी-स्मॉग गन लगाना जरूरी होगा. साथ ही, खाली पड़ी जमीनों पर हरियाली बढ़ाने के लिए नए जंगल विकसित किए जाएंगे. सरकार क्लाउड सीडिंग जैसी तकनीक पर भी काम शुरू कर रही है, ताकि प्रदूषण के पीक समय में हवा को साफ किया जा सके.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

AAP पर हमला, प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया

मंत्री ने पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया और केंद्र से मिले फंड का इस्तेमाल भी नहीं किया. सिरसा ने कहा, "दिल्ली में धूल, वाहन और निर्माण से प्रदूषण होता है, लेकिन AAP ने न स्प्रिंकलर लगाए न कोई योजना बनाई. अब हमारी सरकार इसे प्राथमिकता दे रही है."

भारी वाहनों पर नजर, स्टूडेंट्स भी होंगे शामिल

सरकार ने एक स्पेशल टीम बनाने का ऐलान किया है, जो 15 साल से पुराने वाहनों की पहचान करेगी. साथ ही, दिल्ली में घुसने वाले भारी वाहनों की जांच होगी कि वे तय नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं. प्रदूषण कम करने के लिए यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को पौधरोपण अभियान से जोड़ा जाएगा. बड़े संगठनों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रदूषण नियंत्रण के लिए नए उपकरणों का इस्तेमाल करें.

ADVERTISEMENT

सिरसा ने कहा कि दिल्ली का 50% से ज्यादा प्रदूषण स्थानीय स्तर पर पैदा होता है. "हमारा मकसद है कि पहले अपने राज्य का प्रदूषण कम करें, तभी हम पड़ोसी राज्यों से बात कर सकेंगे. इसके लिए सरकार हरसंभव सहयोग देने को तैयार है." नई हाई-राइज बिल्डिंग्स के लिए भी सख्त नियम लागू होंगे, ताकि निर्माण से प्रदूषण न बढ़े.

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT