दिल्ली में महिलाओं के साथ वादाखिलाफी पर अटैकिंग हुई AAP ने भी पंजाब में ऐसा क्या कि वो भी घिर गई
दिल्ली में महिलाओं के लिए घोषित ₹2500 मासिक आर्थिक सहायता योजना पर राजनीति तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस योजना में लगाए गए नए प्रतिबंधों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि यह योजना जरूरतमंद महिलाओं के हित में बनाई गई है.
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दिल्ली में महिलाओं के लिए घोषित ₹2500 मासिक आर्थिक सहायता योजना पर राजनीति तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस योजना में लगाए गए नए प्रतिबंधों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि यह योजना जरूरतमंद महिलाओं के हित में बनाई गई है.
ये हुआ नया बदलाव
बीजेपी सरकार ने अब इस योजना के तहत ₹3 लाख सालाना आय की सीमा तय कर दी है. यानी सिर्फ उन्हीं महिलाओं को ₹2500 मिलेंगे, जिनकी सालाना आय ₹3 लाख से कम है. सरकारी नौकरी में कार्यरत महिलाओं, इनकम टैक्स देने वालों और दिल्ली सरकार की अन्य वित्तीय सहायता योजनाओं का लाभ लेने वाली महिलाओं को इस योजना से बाहर रखा गया है.
आप का बीजेपी पर हमला
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि संकल्प पत्र में इन शर्तों का जिक्र नहीं था, और अब चुनाव के बाद इन नियमों को जोड़ा जा रहा है. पार्टी का दावा है कि यदि केजरीवाल सरकार की योजना लागू होती, तो 35-40 लाख महिलाओं को लाभ मिलता, लेकिन बीजेपी सरकार की नई शर्तों के चलते सिर्फ 15-20 लाख महिलाओं को ही यह सहायता मिलेगी.
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केजरीवाल सरकार पर भी सवाल
आम आदमी पार्टी (AAP) खुद भी इस मुद्दे पर घिर रही है, क्योंकि पंजाब में उनकी सरकार ने महिलाओं को जो सम्मान राशि देने का वादा तीन साल पहले किया था, वो अभी तक पूरा नहीं किया है. वहीं, दिल्ली सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा जा रहा है कि 60-69 साल की जनरल कैटेगरी की महिलाओं को ₹2500 नहीं मिलेंगे क्योंकि उनको दो हज़ार रूपये पहले से ही मिल रहे हैं. जबकि एससी और एसटी वर्ग में इस उम्र की महिलाओं को ढाई हज़ार रुपये की राशि दी जा रही है.
8 मार्च को होगा बड़ा समारोह
सरकार ने घोषणा की है कि 8 मार्च, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर के मौके पर एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा, जहां कुछ महिलाओं को प्रतीकात्मक रूप से सहायता राशि दी जाएगी. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, अन्य मंत्री और विधायक मौजूद रहेंगे. लेकिन अब इस योजना में किए गए नए बदलाव के तहत पंद्रह से लेकर बीस लाख महिलाओं को ही ये राशि मिल पाएगी. बाकी की महिलाएं इस योजना से किसी ना किसी वजह से बाहर कर दी गईं हैं.
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