हरियाणा चुनाव का दिलचस्प गणित आया सामने, जानें किस जाति ने बीजेपी और किसने कांग्रेस को दिया वोट
Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ दिलचस्प आंकड़े सामने आ रहे हैं. सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे में सामने आया है कि जाट और गुर्जर जाति के अधिकतर वोटरों ने कांग्रेस को चुना है तो वहीं गैर जाट जातियों ने बीजेपी को बड़े पैमाने पर चुना, जिसकी वजह से बीजेपी की एक बार फिर से सरकार में वापसी हुई है.
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न्यूज़ हाइलाइट्स
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ दिलचस्प आंकड़े सामने आ रहे हैं.
सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे में सामने आए हैं दिलचस्प आंकड़े.
Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ दिलचस्प आंकड़े सामने आ रहे हैं. सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे में सामने आया है कि जाट और गुर्जर जाति के अधिकतर वोटरों ने कांग्रेस को चुना है तो वहीं गैर जाट जातियों ने बीजेपी को बड़े पैमाने पर चुना, जिसकी वजह से बीजेपी की एक बार फिर से सरकार में वापसी हुई है.
सीएसडीएस-लोकनीति के आंकड़ों के अनुसार बीजेपी को पंजाबी, खत्री, ब्राह्मण, राजपूत, ओबीसी में सबसे अधिक यादव वोटरों ने बीजेपी को वोट दिए. वहीं कांग्रेस के खाते में जाट, गुर्जर, दलित समुदाय से जाटव, सिख और मुस्लिम समाज के वोट मिले हैं. जाट समुदाय ने भले ही कांग्रेस को अधिक संख्या में चुना लेकिन गैर जाट वोटरों को बड़े पैमाने पर बीजेपी अपनी ओर खींच पाने में सफल रही है.
इन आंकड़ों के अनुसार 53 फीसदी जाट वोटरों ने कांग्रेस और 28 फीसदी जाट बिरादरी ने बीजेपी को वोट दिया है. 50 प्रतिशत जाटव वोटर कांग्रेस की ओर चले गए. 35 फीसदी ने बीजेपी को समर्थन दिया. बसपा-इनेलो गठबंधन को सिर्फ 6 फीसदी जाटव वोट से संतोष करना पड़ा. अन्य दलित जातियों में से 47 प्रतिशत ने बीजेपी को वोट दिया. वहीं 33 फीसदी कांग्रेस के साथ गए. गैर जाटव दलित वोटर्स का 8 फीसदी ही वोट इनेलो-बीएसपी गठबंधन को मिल पाया है.
बीजेपी ने इन जातियों की दम पर बनाई है सरकार
51 प्रतिशत ब्राह्मण वोटर ने बीजेपी को चुना. कांग्रेस को 31 फीसदी ब्राह्मणों का ही साथ मिला. राजपूत समेत अन्य सवर्ण जातियों में से 59 प्रतिशत बीजेपी के साथ बने रहे. 22 फीसदी ने कांग्रेस को चुना. पंजाबी खत्री समाज के 68 फीसदी वोट बीजेपी को और 18 फीसदी कांग्रेस व 14 फीसदी वोट अन्य दलों को मिले.
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जाट-गुर्जर कांग्रेस के साथ, लेकिन नहीं दिला पाए सरकार
कांग्रेस को बड़े पैमाने पर जाट-गुर्जर समुदाय का साथ मिला. लेकिन ये साथ इतना काफी नहीं था कि कांग्रेस को सरकार बनाने में मदद कर दे. 53 फीसदी जाट वोटरों ने कांग्रेस को चुना. जबकि बीजेपी को 28 फीसदी ही जाट वोट मिले. इनेलो-बीएसपी, जेजेपी समेत अन्य दलों के पाले में भी सिर्फ 19 फीसदी जाट वोट आए. गुर्जर वोटर भी कांग्रेस के साथ अधिक रहे. कांग्रेस को 44 फीसदी गुर्जर वोट मिला जबकि बीजेपी को 37 प्रतिशत गुर्जरों ने अपना वोट दिया. सिख और मुस्लिम समाज ने भी कांग्रेस का अधिक संख्या में साथ दिया. 47 प्रतिशत सिख वोटरों ने कांग्रेस को वोट दिया जबकि 21 प्रतिशत ने बीजेपी को वोट किया.
इसी तरह कांग्रेस को सर्वाधिक 59 फीसदी मुस्लिम वोट मिले. बीजेपी को 7 प्रतिशत और इनेलो-बीएसपी को 3 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिला है. कुल मिलाकर जाट, गुर्जर, सिख और मुसलमानों के कांग्रेस के साथ आ जाने के बावजूद गैर जाट और गैर जाटव समुदाय ने इतने बड़े पैमाने पर बीजेपी को चुना है कि उनकी सरकार हरियाणा में लगातार तीसरी बार बन गई है.
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