हरियाणा की हार पर राहुल के राइट हैंड KC वेणुगोपाल पर लगे गंभीर आरोप तो सुप्रिया श्रीनेत दे दिया जवाब

रूपक प्रियदर्शी

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तस्वीर: इंडिया टुडे.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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केसी वेणुगोपाल पर एक पत्रकार ने हरियाणा चुनाव में गंभीर आरोप लगा दिया.

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मामले पर बीजेपी मुखर हो गई और अमित मालवीय ने पूछा- केसी चुप क्यों हैं?

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इसपर कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी को सुना दी खरी-खरी.

ऐसी एक कहावत है सफलता के सौ पिता होते हैं और असफलता अनाथ होती है. राजनीति में होता है इसका उल्टा. चुनाव जीत गए तो क्रेडिट मोदी या राहुल गांधी को. हार गए तो विलेन की तलाश शुरू हो जाती है. हरियाणा में कांग्रेस के हारने के बाद ये तो हो ही रहा है, लेकिन हार की इसी समीक्षा में फंस गए हैं कांग्रेस के पावरफुल नेता केसी वेणुगोपाल. इनके ऊपर कास्टिंग काउच का आरोप लगाया जा रहा है. हालांकि मामले में कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत का जवाब आ गया है. सुप्रिया ने इन आरोपों पर बीजेपी को जमकर लताड़ लगाई है और कहा है- 'राजनीति में पुरुषों द्वारा महिलाओं का चरित्रहनन करना आसान है. यह बात BJP की महिला नेत्री खूब जानती हैं.' 

कांग्रेस के संगठन महासचिव होने के नाते केसी वेणुगोपाल पार्टी अध्यक्ष के बाद प्रैक्टिकली नंबर 2 की पोजिशन पर हैं. कांग्रेस से जाते-जाते संजय निरुपम ने क्या खूब कहा था कि कांग्रेस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल के पांच पावर सेंटर हैं. 

केसी वेणुगोपाल के सिग्नेचर से पार्टी के ऑफिशियल कामकाज होते हैं. उम्मीदवारों को टिकट भी केसी के सिग्नेचर से मिलते हैं.  ये राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे सबके करीबी हैं. कुल मिलाकर कांग्रेस के अच्छे-बुरे दिनों में भी केसी का जलवा बरकरार रहता है. कांग्रेस का संविधान है ही ऐसा कि गांधी परिवार, कांग्रेस अध्यक्ष के बाद अगर कोई पावरफुल हो सकता है वो है संगठन महासचिव. 

केसी पर एक पत्रकार ने लगाए गंभीर आरोप

हरियाणा हार की फैक्ट फाइडिंग के बीच भयंकर आरोप लगा है कांग्रेस के पावरफुल महासचिव और राहुल गांधी के राइट हैंड केसी वेणुगोपाल पर. भयंकर इसलिए क्योंकि आरोप कास्टिंग काउच का लगा है. पत्रकार अशोक वानखेडे ने आरोप लगाया है कि केसी वेणुगोपाल ने अपनी महिला मित्र को जानबूझकर एक सीट से टिकट दिलवाया. टिकट की मजबूत दावेदार भी महिला थी जो राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में चली थी. सबके मना करने के बाद भी केसी वेणुगोपाल ने अपनी महिला मित्र को टिकट दिलवाया.

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आरोपों पर BJP हुई एक्टिव

आरोप कांग्रेस और उसके पावरफुल नेता पर लगे. बिना सच की तह तक पहुंचे बीजेपी ने आरोप को लपक लिया.  अमित मालवीय कह रहे हैं कि कांग्रेस और केसी चुप हैं. इससे आरोप सच लग रहे हैं. मालवीय ने कांग्रेस की दो महिला नेताओं के नाम लेकर दावा किया कि कांग्रेस में आगे बढ़ने के लिए कास्टिंग काउच होता है.  केसी वेणुगोपाल हरियाणा पर राहुल गांधी की बैठक की प्रेस ब्रीफिंग करने अजय माकन के साथ मीडिया, कैमरे के सामने आए लेकिन इस पर कोई बात नहीं हुई.
 

अगर ऐसा हुआ तो प्रत्यक्ष नहीं हुआ. उसके लिए प्रमाण की आवश्यकता है. पत्रकार अशोक वानखेडे़ ने कोई प्रमाण नहीं दिया.  फैक्ट ये है कि जिस सीट को लेकर विवाद है, वहां कांग्रेस की महिला उम्मीदवार हार गई. केसी वेणुगोपाल की ओर से कोई स्टेटमेंट नहीं आया है. हालांकि मामले पर सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी को जमकर घेरा है और आरोप लगाने वाले को यहां तक कह दिया- 'तुम बीमार हो, इलाज की ज़रूरत है.' सुप्रिया श्रीनेत ने ये जवाब सोशल मीडिया X पर बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय के पोस्ट पर दिया है. 


केसी वेणुगोपाल राज्यसभा के सांसद होते थे. 2024 के लोकसभा चुनाव में खुद के लिए टिकट मांगकर केरल की अलापुझा सीट से चुनाव लड़े और अच्छे मार्जिन से जीतकर लोकसभा पहुंचे. कांग्रेस के संगठन महासचिव होने के साथ-साथ संसद की लोक लेखा समिति यानी पीएसी के अध्यक्ष बने हैं. उनके पास आरबीआई गवर्नर से लेकर सेबी चेयरपर्सन तक को बुलाकर पूछताछ करने का अधिकार है.

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राहुल गांधी के कैसे राइट हैंड बने केसी?

केसी वेणुगोपाल की तारीफ इसलिए भी होती है वो केरल जैसे दक्षिण के राज्य से आए. केरल में भी नंबर वन, नंबर टू नहीं, नंबर थ्री कैटेगरी के कांग्रेस नेता रहे. दिल्ली आकर जगह बनाई. राहुल गांधी जैसे शार्प नेता की आंख-कान बन गए. कहा जाता है सोनिया गांधी, राहुल गांधी केसी वेणुगोपाल पर बहुत ट्रस्ट करते हैं. कहा तो यहां तक जाता है कि 2019 में अमेठी की हालत देखकर केसी वेणुगोपाल ने ही केरल की वायनाड सीट से भी लड़ने का आइडिया दिया था. आइडिया ऐसा हिट हुआ कि राहुल गांधी की राजनीति डूबते-डूबते बच गई.

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केसी वेणुगोपाल के खिलाफ एक लॉबी एक्टिव भी रहती है जो उन्हें पैराशूट कहती है. परिवार की कृपा वाला नेता बोलती है. कांग्रेस की लगातार हार का कारण बताया जाता है. केसी उस दौर से कांग्रेस के संगठन महासचिव हैं जब कांग्रेस ने हार के बड़े-बड़े सदमे झेले. हार के बाद ये आरोप भी लग रहे हैं कि हरियाणा में कांग्रेस के पास बरसों से ज़िला और ब्लॉक अध्यक्ष तक नहीं है. केसी वेणुगोपाल क्या कर रहे थे.

स्टूडेंट पॉलिटिक्स से उभरे केसी

कांग्रेस में बेहद पावरफुल केसी वेणुगोपाल केरल के रहने वाले हैं. जनता से चुने जाते रहे. ग्रास रुट वाली राजनीति करते हुए 
इस मुकाम तक पहुंचे. स्कूल के दिनों से स्टूडेंट पॉलिटिक्स शुरू की. यूथ कांग्रेस के लिए काम किया. केरल कांग्रेस में करुणाकरण और एके एंटनी दो पावरफुट रहे. केसी वेणुगोपाल की पॉलिटिक्स चमकी करुणाकरण की बदौलत. सिर्फ 28 साल की उम्र में केसी वेणुगोपाल को करुणाकरण ने 1991 में कासरगोड सीट से लोकसभा चुनाव लड़वा दिया था. हालांकि वो जीत नहीं पाए. 

1995 में अर्जुन सिंह के साथ करुणाकरण के बागी होने से केसी की राजनीति शुरू होने से पहले खत्म हो रही थी. तब उन्होंने युवा नेताओं के तीसरे गुट में पाला बदल लिया. ये दांव सफल रहा. केरल कांग्रेस में राजनीति चमक गई. 1996 के बाद 2001 और 2006 में भी विधायक का चुनाव जीतने की हैट्रिक बनाई. ओमन चांडी की सरकार में मंत्री बने. 2009 से पहली बार लोकसभा चुनाव जीते तो मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री पद मिला. 2014 में मोदी लहर के बाद भी केरल से दोबारा चुनाव जीते तो हाईकमान की नजर में चढ़ गए.

राहुल अध्यक्ष बने तो केसी हो गए प्रमोट

2017 में राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने तो केसी को बड़ा प्रमोशन मिला. कांग्रेस महासचिव बनाए गए. केसी वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत की जगह ली थी जो राजस्थान की राजनीति के लिए दिल्ली से वापस भेजे गए थे. सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनीं तब सुपर प्रमोशन मिला संगठन महासचिव का. तब से केसी वेणुगोपाल कुर्सी से हिले नहीं. कोई हिला पाया नहीं.

राहुल ने पद छोड़ा पर केसी टिके रहे

2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी ने तो कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ दिया लेकिन केसी टिके रहे. कांग्रेस के इलेक्शन वॉर रूम के हेड हो गए. 2020 में कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान से राज्यसभा में भेज दिया. खड़गे ने नई टीम बनाई तो केसी वेणुगोपाल तब भी संगठन महासचिव बनकर पार्टी में नंबर 2 बने रहे. कांग्रेस ने 30 पार्टियों का इंडिया अलायंस बनाया तो केसी को को-ऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी मिल गई. 

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