पुष्पा भाऊ यानी अल्लू अर्जुन के पापा ने बॉलीवुड को लेकर बोल दी ऐसी सच्चाई, जिस पर खड़ा हो गया विवाद

अभिषेक शर्मा

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Allu Aravind
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तेलगू एक्टर अल्लू अर्जुन के पिता अल्लू अरविंद ने बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं पर की टिप्पणी

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बॉलीवुड की फिल्मों के इन दिनों अच्छा प्रदर्शन नहीं करने पर की है टिप्पणी.

bollywood news: पुष्पा फिल्म से पूरे देश में पुष्पा भाऊ के नाम से चर्चित हुए तेलगू सिनेमा के एक्टर अल्लू अर्जुन के पिता अल्लू अरविंद सुर्खियों में हैं. अल्लू अरविंद ने बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं और बड़े एक्टरों पर टिप्पणी की है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है. अल्लू अरविंद ने बताया है कि आखिर क्यों बॉलीवुड की फिल्मों का प्रदर्शन गिरता जा रहा है और कैसे तेलगू, तमिल, कन्नड फिल्में पैन इंडिया में बेहतरीन प्रदर्शन कर रिकॉर्ड कमाई कर रही हैं.

अल्लू अरविंद का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल है. अल्लू अरविंद कहते हैं कि बॉलीवुड के फिल्म निर्माता अच्छा सिनेमा बनाते हैं और वह उनकी सोच की इज्जत करते हैं. लेकिन एक समस्या है. बॉलीवुड के जो चोटी के फिल्म निर्माता और डायरेक्टर हैं वे लोग बांद्रा और जुहू के बीच फंसे हुए हैं. वो बांद्रा और जुहू में बड़े हुए हैं और उनका कल्चर और विजन भी उसी तरह है. इसीलिए वो फिल्में भी वैसी ही बना रहे हैं. उन्हें ये समझना होगा कि यूपी और बिहार भी हैं. तेलुगू और तमिल में बनी फिल्में यूपी और बिहार के लोगों को इतनी पसंद क्यों आती हैं? इसकी वजह कंटेंट है. हम अपने प्यार में भेदभाव नहीं करते हैं.

अल्लू अरविंद का यह बयान एक तरह से बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं पर तंज है जिसमें यह कहने की कोशिश की गई है कि हिंदी फिल्म निर्माता भारत के बड़े हिंदी राज्यों को समझ पाने में असफल रहे हैं. वे खुद जिस तरह की आलीशान जिंदगी जीते हैं, वैसा ही सिनेमा बनाते हैं लेकिन भारत ऐसा देश है, जहां हर स्तर पर आपको कई विविधताएं नजर आएंगी. यदि फिल्मों में वह नहीं दिखेगा तो बड़े दर्शक वर्ग को फिल्म अपील नहीं करेगी.

बॉलीवुड और साउथ इंडिया सिनेमा का भेद मिटाया जाए- अल्लू अरविंद

अल्लू अरविंद खुद भी कुछ हिंदी फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं. अल्लू अरविंद कहते हैं कि बॉलीवुड, साउथ इंडिया सिनेमा आदि जिस भी तरह के भेद हैं, उन्हें खत्म करना चाहिए और सभी को भारतीय सिनेमा कहना चाहिए. भाषा के आधार पर सिनेमा को अलग-अलग नहीं देखना चाहिए. दर्शकों ने इस भेद को खत्म कर दिया है, इसलिए कन्नड, तेलगू, तमिल, मलयालम आदि क्षेत्रीय भाषाओं का सिनेमा जब हिंदी में डब होकर उत्तर भारत में दिखाया जाता है तो उसे भी दर्शक खूब पसंद करते हैं.

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