'राव इंद्रजीत सिंह की बेटी होने के बावजूद 10 साल तक नहीं मिला टिकट'- अटेली से उम्मीदवार आरती राव ने कही बड़ी बात 

अभिषेक

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Aarti Singh Rao: अगले महीने हरियाणा में विधानसभा के चुनाव है. 5 अक्टूबर को वोटिंग वहीं 8 अक्टूबर को मतगणना होनी है. प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस इन्हीं दोनों दलों के बीच लड़ाई है. लोकसभा चुनाव में दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. अब बारी विधानसभा चुनाव की है. हरियाणा में इस बार कई नए खिलाड़ी चुनावी मैदान में आए है. उन्हीं में से एक राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव हैं. राव साहब पिछले कई चुनावों से अपनी बेटी के लिए टिकट की डिमांड कर रहे है लेकिन उनकी हसरत अब जाकर पूरी हुई है और आरती सिंह राव अटेली से उम्मीदवार हैं. पहली बार चुनाव लड़ रही आरती ने इंडियन एक्स्प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में टिकट न मिलने, प्रदेश में बीजेपी के प्रदर्शन और भविष्य की अपनी योजनाओं को लेकर कई प्रमुख बातें कहीं हैं. आइए आपको बताते हैं बातचीत के कुछ प्रमुख अंश. 

वैसे आपको बता दें कि, राव इंद्रजीत सिंह दक्षिणी हरियाणा के बड़े नेताओं में से एक है. इस बार बीजेपी ने प्रदेश में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है ऐसे में राव इंद्रजीत भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में से एक है. पहले वो कांग्रेस पार्टी में थे फिर साल 2014 में भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने पिछले दो लोकसभा चुनावों में आरती के लिए गुड़गांव से टिकट की मांग की, लेकिन सफल नहीं हुए. हालांकि इस बार आरती चुनावी मैदान में हैं. 

'राव इंद्रजीत सिंह की बेटी होने के बावजूद 10 साल तक नहीं मिला टिकट'

लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रहने के बाद भी आप चुनाव नहीं लड़ पाईं. पहली बार आप कुछ चुनावी मैदान में हैं क्या लग रहा है आपको? इस सवाल पर आरती सिंह राव ने कहा, 'मैं वोट हासिल करने के लिए अपनी विरासत के बारे में नहीं बोलती. ऐसा इसलिए है क्योंकि विपक्ष ने दावा किया कि मैं इस क्षेत्र को नहीं जानती और एक बाहरी व्यक्ति हूं. मैं लोगों को यह समझाना चाहती हूं कि, मैं पिछले 15 वर्षों से बिना किसी टिकट के क्षेत्र में काम कर रही हूं. मुझे यह टिकट बिल्कुल भी आसानी से नहीं मिला है. मैं भले ही राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हूं, लेकिन मुझे 10 साल तक टिकट नहीं मिला. मैं 20 साल से प्रोफेशनल शूटिंग कर रही थी मेरे पिता ने कभी मेरे लिए ट्रिगर नहीं खींचा.'

बीजेपी साल 2014 से अटेली में जीत रही है. अगर आप चुनी जाती है तो आप क्या अलग करेंगी?

इस पर उन्होंने कहा कि, खेलों में मेरा 20 साल का करियर रहा है और मैंने निशानेबाजी में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. मैं जानती हूं कि मेरे क्षेत्र के युवा खेलों में संभावनाएं तलाश रहे हैं. मैं बुनियादी ढांचा विकसित करना चाहती हूं, चाहे वह निशानेबाजी के लिए हो या सेना में भर्ती होने के लिए हो या सिर्फ उन लोगों के लिए हो जो खेलों से प्यार करना चाहते हैं. मैं क्षेत्र की लड़कियों के लिए काम करना चाहती हूं. मैं यह सुनिश्चित करना चाहती हूं कि उन्हें अटेली में बेहतर उच्च शिक्षा सुविधाएं मिलें.

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अहीरवाल रेजिमेंट बनाने पर सरकार को बढ़ाना चाहिए कदम 

सेना में उठ रही लंबे समय से अहीरवाल रेजिमेंट बनाने पर आरती सिंह राव ने कहा, 'जिस भी क्षेत्र ने अपने लोगों को सेना में भेजा है, वहां उनके नाम पर एक रेजिमेंट का नाम रखा गया है, लेकिन हमारे यहां ऐसा कभी नहीं हुआ. हमारे अनेक लड़के न सिर्फ सेना में गए बल्कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. हमने भी अपना खून-पसीना दिया है. सरकार और सेना को अहीरवाल रेजिमेंट (जो समुदाय विशिष्ट नहीं है बल्कि दक्षिणी हरियाणा के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुड़गांव जिले शामिल हैं) बनाने पर ध्यान देना चाहिए.

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