Haryana Election: विनेश फोगाट का दावा- पेरिस ओलंपिक के दौरान PM मोदी ने फोन कर रखी थी ये शर्तें

शुभम गुप्ता

ADVERTISEMENT

newstak
social share
google news

Vinesh Phogat: हरियाणा में चुनावी माहौल चल रहा है. 5 अक्टूबर को राज्य में वोट डाले जाने हैं. इस कड़ी में हमारे सहयोगी चैनल लल्लनटॉप ने सुर्खियों में चल रहीं पहलवान से राजनेता बनीं विनेश फोगाट से खास बातचीत की है. विनेश फोगाट ने ओलंपिक्स फाइनल में डिस्क्वालीफाई होने के बाद पीएम मोदी के फोन आने पर खुलकर बातचीत की. इसके अलावा उन्होने प्रियंका गांधी से मीटिंग, खुद के खेल मंत्री बनने और कांग्रेस के सीएम चेहरे पर बात की है. आइए जानते हैं उन्होंने खुद के राजनीति में एंट्री करने को लेकर क्या कहा है.

PM मोदी का कॉल

विनेश फोगाट ने उस क्षण को याद किया जब वह ओलंपिक फाइनल से बाहर हो गई थीं और पीएम मोदी का फोन आया था. उन्होंने कहा कि फोन पर बात करने से पहले कुछ शर्तें रखी गई थीं, जैसे कि बातचीत को सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाएगा. विनेश ने पीएम मोदी से उस समय बात करने को मना कर दिया था. विनेश का कहना है कि वह नहीं चाहती थीं कि उनकी मेहनत और भावनाओं का सोशल मीडिया पर मजाक बने. उनका मानना था कि अगर किसी को सहानुभूति दिखानी है, तो उसे बिना कैमरे और रिकॉर्डिंग के किया जाना चाहिए. इसके अलावा विनेश ने कहा कि शायद उनको (पीएम मोदी) ये जानते हैं कि जिस दिन भी विनय से बात हुई, तो विनय उनसे दो साल का हिसाब जरूर मांगेगी. 

प्रियंका गांधी से मुलाकात

ओलंपिक के बाद, विनेश एक मुश्किल दौर से गुजर रही थीं. उन्होंने बताया कि उस समय वह देश छोड़ने का भी विचार कर चुकी थीं. क्योंकि उन्हें लगने लगा था कि इस देश में उनके लिए कुछ नहीं बचा. लेकिन प्रियंका गांधी से मुलाकात ने उनका मनोबल बढ़ाया. विनेश ने प्रियंका गांधी से मुलाकात के दौरान हुईं कुछ बातों को साझा करते हुए कहा कि प्रियंका गांधी ने उन्हें अपने पिता राजीव गांधी के स्ट्रगल के किस्से सुनाए और कहा कि देश में कुछ बुरे लोगों के कारण पूरे देश को दोष नहीं दिया जा सकता.  तो उन्होंने ये भी बोला था कि आपको रेसलिंग करते रहनी चाहिए. आप रेसलिंग से जो जवाब दोगे उससे आप कई ज्यादा दुश्मनों को हरा सकती हैं. विनेश ने बताया कि इससे उन्हें राजनीति में आने और देश में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

राजनीति में एंट्री को लेकर क्या बोलीं विनेश?

विनेश फोगाट ने जंतर-मंतर पर धरने प्रदर्शन करने बात की. जहां उन्होंने अपने साथियों (बजरंग पूनिया-साक्षी मलिक) के साथ कई दिनों तक धरना दिया. ये धरना उन्होंने बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिया था. उन्होंने बृजभूषण पर यौनशोषण के आरोप लगाए थे. विनेश ने बातचीत में उन लोगों को जबाव दिया जो उनके राजनीति में एंट्री को लेकर सोची समझी साजिश करार दे रहे थे. उन्होंने कहा कि वह चाहतीं तो आसानी से राजनीति में आ सकती थीं, लेकिन उन्होंने संघर्ष का रास्ता चुना. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह गंदी राजनीति में शामिल नहीं होंगी, बल्कि साफ-सुथरी राजनीति करेंगी. उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों पर भी तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह डटकर मुकाबला करेंगी.

क्या बनने जा रही हैं खेल मंत्री?

विनेश से जब पूछा गया कि क्या वह हरियाणा की खेल मंत्री बनने जा रही हैं, तो उन्होंने जवाब में कहा कि उन्हें इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिली है. लेकिन यह जरूर बताया कि लोगों को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं, और उन्हें खेल मंत्री के रूप में देखा जा रहा है. विनेश ने कहा कि राजनीति में उनकी एंट्री का मकसद लोगों की सेवा करना है न कि सिर्फ पद हासिल करना है.

ADVERTISEMENT

अगर कांग्रेस जीती तो कौन बनेगा मुख्यमंत्री?

विनेश ने सब पूछा गया कि अगर कांग्रेस इस बार का चुनाव जीत जाती है तो आप दीपेंद्र हुड्डा, भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा में से किसे मुख्यमंत्री बनते हुए देखना चाहती हो? तो विनेश ने ने कहा कि ये मेरे हाथ में नहीं है. अगर मुख्यमंत्री बनाए जाने का अधिकार उन्हें दिया जाए तो वह खुद को मुख्यमंत्री बनाना चाहेंगी. ये बात उन्होंने मजाकिया अंदाज में कही. 

ADVERTISEMENT

विनेश ने यह भी कहा कि उन्होंने इस बारे में कभी गहराई से नहीं सोचा है और फिलहाल वह इस मुद्दे पर विचार नहीं करना चाहतीं. हालांकि, जब उनसे गंभीरता से पूछा गया कि अगर राहुल गांधी या प्रियंका गांधी उनसे मुख्यमंत्री पद के लिए सलाह मांगें, तो वह किसे चुनेंगी, तो विनेश ने बिना झिझक के कहा कि वह प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती हैं. उन्होंने प्रियंका गांधी के लिए अपनी विशेष प्रशंसा व्यक्त की और कहा कि वह चाहती हैं कि प्रियंका गांधी देश की प्रधानमंत्री बनें.

आगे क्या?

विनेश ने कहा कि उनका सपना है कि वह गांव में ही रहें और एक साधारण सा जीवन जीएं. उन्होंने कहा कि अगर वह जीतती हैं तो भी उनका जीवन गांव और खेती से जुड़ा रहेगा. उन्होंने इस इंटरव्यू के दौरान अपने बचपन के कुछ किस्से भी साझा किए, जब उन्होंने केवल 12 साल की उम्र में अपने खेतों की जिम्मेदारी संभाली थी.
 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT