मप्र हाईकोर्ट के इस फैसले से कर्मचारियों को मिल गई बड़ी राहत, अब अधिक राशि के भुगतान पर रिकवरी नहीं
MP High Court: मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिसके बाद राज्य के कर्मचारियों में हर्ष की लहर दौड़ गई है. हाईकोर्ट के फैसले की वजह से कई कर्मचारियों काे बड़ी राहत मिली है.
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न्यूज़ हाइलाइट्स
मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिसकी खूब चर्चा है.
फैसले के बाद राज्य के कर्मचारियों में हर्ष की लहर दौड़ गई है.
हाईकोर्ट के फैसले की वजह से कई कर्मचारियों काे बड़ी राहत मिली है.
MP High Court: मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिसके बाद राज्य के कर्मचारियों में हर्ष की लहर दौड़ गई है. हाईकोर्ट के फैसले की वजह से कई कर्मचारियों काे बड़ी राहत मिली है. अमूमन सरकारी विभागों की अपनी गलती की वजह से कई बार कर्मचारियों को उनके वेतन-भत्तों का अधिक भुगतान हो जाता था तो उसके बाद सरकार ऐसे कर्मचारियों पर रिकवरी निकालकर उन्हें अतिरिक्त पैसे को वापस करने दबाव बनाती थी.
कर्मचारी सरकारी नियमों के अधीन होने की वजह से उस पैसे को वापस करने को मजबूर होता था. लेकिन अब ऐसा करने पर एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने रोक लगा दी है. गृह विभाग में मिनिस्ट्रियल कैडर के मौजूदा व रिटायर कर्मचारियों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. पात्रता से अधिक वेतन के भुगतान के बाद गृह विभाग ने 50 लोगों के खिलापफ 10 से 35 लाख रुपए तक की रिकवरी के नोटिस जारी कर दिए थे.
जिसके बाद कर्मचारियों ने हाईकोर्ट की शरण ली. कर्मचारियों ने कोर्ट में तर्क रखा कि उनके पास वेतन या भत्ते की राशि में जो अतिरिक्त भुगतान आया है, वह उनकी गलती का नतीजा नहीं है. सरकारी विभागों की अपनी गलती की वजह से उन्हें यह भुगतान मिला, लेकिन अब रिकवरी लाखों रुपए में होने की वजह से उसे वापस करना बेहद मुश्किल है.
हाईकोर्ट ने दिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला
इस पर एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सरकार के इस आदेश को निरस्त कर दिया. जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट एक आदेश में स्पष्ट कर चुका है कि यदि विभाग की गलती से कर्मचारी को अधिक राशि का भुगतान हो जाता है तो उससे रिकवरी नहीं की जा सकती. हालांकि वर्तमान में जो लोग काम कर रहे हैं, विभाग उनके वेतन का पुन निर्धारण कर सकता है. ताकि भुगतान में सुधार किया जा सके.
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यह फैसला बनेगा सभी विभागों के लिए नजीर
हाईकोर्ट के इस फैसले का लाभ न सिर्फ गृह विभाग के कर्मचारियों को मिलेगा बल्कि अन्य विभागों के कर्मचारियों के लिए भी यह फैसला नजीर साबित होगा. क्योंकि इस तरह के मामले पीएचई, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन, कृषि विभाग सहित अन्य कई विभागों में सामने आए हैं. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी.
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