इंदौर कलेक्टर से रात 3 बजे क्या बात हुई कि 4 दिन से धरने पर बैठे MPPSC छात्र माने, और खत्म कर दिया आंदोलन
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के अभ्यर्थियों-छात्रों का चार दिन चला धरना-प्रदर्शन रविवार सुबह 5 बजे समाप्त हो गया. छात्रों का यह प्रदर्शन करीब 90 घंटे और 4 दिन तक चला. प्रदर्शन में प्रदेशभर के करीब 2 हजार से अधिक छात्र शामिल हुए थे.
ADVERTISEMENT
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के अभ्यर्थियों-छात्रों का चार दिन चला धरना-प्रदर्शन रविवार सुबह 5 बजे समाप्त हो गया. छात्रों का यह प्रदर्शन करीब 90 घंटे और 4 दिन तक चला. प्रदर्शन में प्रदेशभर के करीब 2 हजार से अधिक छात्र शामिल हुए थे. प्रदर्शन के दौरान दो अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठे हुए थे. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह रात को 3 बजे छात्रों से बात करने धरना स्थल पर पहुंचे थे.
गुरुवार रात से कड़कड़ाती ठंड में आमरण अनशन पर बैठे अरविंद सिंह भदौरिया की हालत शनिवार को बिगड़ गई, जिसके चलते वह बेहोश हो गए. उन्हें ड्रीप चढ़ाई गई. अरविंद के साथ स्टूडेंट लीडर राधे जाट भी आमरण अनशन पर थे. बताया जा रहा है कि अब छात्रों का एक दल सीएम मोहन यादव से मिलेगा, अपनी मांगों को अभ्यर्थी उनके सामने रखेंगे और इस पर चर्चा करेंगे.
कलेक्टर ने ढाई घंटे तक छात्रों से की चर्चा
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) मुख्यालय के सामने अपनी मांगों को लेकर चार दिनों से धरना दे रहे छात्रों का आंदोलन समाप्त हो गया. प्रशासन और आयोग द्वारा छात्रों की मांगों पर सहमति जताने के बाद, देर रात कलेक्टर आशीष सिंह समेत अन्य अधिकारी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. कलेक्टर ने लगभग ढाई घंटे तक छात्रों से बातचीत की और तड़के 5 बजे आंदोलन समाप्त कराया.
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ें...
छात्रों के पांच सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू हुआ यह धरना कड़कड़ाती ठंड में भी जारी रहा. आंदोलन में लगभग 2,000 से अधिक छात्र शामिल थे, जो आयोग से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता, परिणाम जल्द जारी करने, और अन्य सुधारात्मक कदम उठाने की मांग कर रहे थे. शनिवार देर रात करीब 3 बजे कलेक्टर और प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. छात्रों को शांत करने और उनकी चिंताओं को समझाने के लिए प्रशासन ने सक्रिय भूमिका निभाई.
छात्रों की अधिकांश मांगें MPPSC ने मानीं: कलेक्टर
कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी अधिकांश मांगें आयोग ने मान ली हैं, जबकि कुछ पर विचार जारी है. इसके अलावा, जिन मांगों पर कोर्ट में सुनवाई होनी है, उनके समाधान के लिए आयोग जल्द ही बैठक करेगा. प्रदर्शन स्थल पर पुलिस बल की तैनाती ने छात्रों को थोड़ी चिंता में डाल दिया था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा. बातचीत के बाद छात्रों ने आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया.
नेताओं का समर्थन और स्थिति का जायजा
छात्रों के आंदोलन को राजनीतिक नेताओं का भी समर्थन मिला. शनिवार रात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार धरना स्थल पर पहुंचे और छात्रों की मांगों को जायज ठहराया. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द इन मांगों को पूरा करने की अपील की. सिंघार ने एडीएम रोशन राय से भी चर्चा की और छात्रों के लिए डॉक्टर और एंबुलेंस की व्यवस्था की मांग की, क्योंकि अनशन पर बैठे छात्रों की हालत बिगड़ने लगी थी.
ADVERTISEMENT
गुरुवार रात से आमरण अनशन पर बैठे अरविंद सिंह भदौरिया की तबीयत शनिवार को बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए ड्रीप चढ़ाई गई. उनके साथ अनशन पर बैठे राधे जाट भी आंदोलन में डटे रहे. इससे पहले, रतलाम के सैलाना से विधायक कमलेश्वर डोडियार और धार के मनावर से विधायक डॉ. हिरालाल अलावा ने भी छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर अपनी एकजुटता दिखाई. उन्होंने छात्रों के मुद्दों को महत्वपूर्ण बताया और सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग की.
ADVERTISEMENT
देखिए ये वीडियो...
छात्रों का दल भोपाल रवाना, सीएम से मिलेंगे
धरना समाप्त होने के बाद छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल भोपाल के लिए रवाना हुआ, जहां वे मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात करेंगे. प्रदर्शनकारियों को उम्मीद है कि उनके मुद्दों पर सरकार जल्द कार्रवाई करेगी. प्रशासन की ओर से किए गए इस त्वरित प्रयास और बातचीत के बाद आंदोलन समाप्त हो गया, लेकिन छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे दोबारा धरना प्रदर्शन कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें: MP के ये तहसीलदार 25 हजार की रिश्वत लेते दबोचे गए तो मुंह छिपाने के लिए करने लगे ये सब, देखें VIDEO
ADVERTISEMENT