रीवा: पति का स्पर्म प्रिजर्व कराने के लिए जिद पर अड़ी पत्नी, डॉक्टर भी रह गए हैरान

विजय कुमार

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Wife Demands Sperm: मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक सड़क दुर्घटना में पति की मौत के बाद, उसकी पत्नी ने ऐसा कदम उठाया जिसने डॉक्टरों, पुलिस, और परिजनों को असमंजस में डाल दिया. 4 महीने पहले शादी करने वाली यह महिला अपने पति के निधन के बाद उसके स्पर्म को सुरक्षित रखने की मांग पर अड़ी गई. इस मांग ने न केवल डॉक्टरों और पुलिस को चौंकाया बल्कि इस अनूठी घटना को चर्चा का विषय बना दिया.

चुरहट निवासी जितेंद्र सिंह गहरवार की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. शव को पोस्टमार्टम के लिए सीधी के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल की मोर्चुरी में भेजा गया. इस घटना के दौरान जितेंद्र की पत्नी मौके पर मौजूद नहीं थी. जब पुलिस ने उन्हें पति की मौत की सूचना दी, तो पत्नी ने शुरू में पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दियाण्

अगले दिन पत्नी अस्पताल पहुंची और उसने डॉक्टरों और पुलिस के सामने अपने मृत पति के स्पर्म को संरक्षित करने की मांग की. उसकी दलील थी कि वह अपने पति की याद में उन्हीं के स्पर्म से जन्मे बच्चे के साथ अपनी जिंदगी बिताना चाहती है. इस मांग ने अस्पताल के डॉक्टरों और पुलिस को चकित कर दिया.

24 घंटे के अंदर प्रिजर्व करना जरूरी होता है: डॉक्टर्स

मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. रजनीश कुमार पांडे ने बताया कि मृत व्यक्ति के शरीर से स्पर्म को 24 घंटे के भीतर प्रिजर्व करना आवश्यक होता है. समय सीमा पार होने के कारण यह प्रक्रिया संभव नहीं थी. इसके अलावा, अस्पताल में ऐसी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थीं. डॉक्टरों द्वारा असमर्थता जताने पर पत्नी ने अस्पताल में हंगामा मचाया। वह अपनी मांग पर अड़ी रही, जिससे अस्पताल प्रशासन और पुलिस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि, पुलिस और डॉक्टरों ने काफी समझाइश दी, जिसके बाद पत्नी ने अपनी मांग वापस ली.

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अंततः डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया और शव को मृतक के परिजनों को सौंप दिया. इस घटना ने जहां चिकित्सा और नैतिकता से जुड़े सवाल खड़े किए, वहीं पत्नी के असाधारण निर्णय ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया.

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पत्नी का दर्द और निर्णय

संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के सह-अधीक्षक डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि मृतक की शादी महज 4 महीने पहले हुई थी. अपने पति के प्रति गहरे प्रेम और उनकी याद को हमेशा बनाए रखने के लिए पत्नी ने यह अनोखी डिमांड मांग की थी. हालांकि, समय अधिक बीत जाने और आवश्यक सुविधाओं के अभाव में यह प्रक्रिया संभव नहीं हो सकी.

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डॉ. पांडे ने बताया कि स्पर्म को संरक्षित करने के लिए एक विशेष प्रक्रिया होती है, जो मृत शरीर से 24 घंटे के भीतर ही पूरी की जा सकती है. इसके अलावा, अस्पताल में इस प्रक्रिया के लिए उपकरण या विशेषज्ञता उपलब्ध नहीं थी.

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