महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी ने इस उम्मीदवार को टिकट देने से रोकने लगाया वीटो! जानें, शिंदे सरकार की नई मुसीबत

रूपक प्रियदर्शी

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सीएम एकनाथ शिंदे- फाइल फोटो
सीएम एकनाथ शिंदे- फाइल फोटो
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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कुछ उम्मीदवारों को लेकर बीजेपी ने जताया है एतराज.

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शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी को बीजेपी ने बोल दिया है दो टूक.

Maharashtra elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने सहयोगी दल शिवसेना को कुछ उम्मीदवारों को टिकट देने से रोकने वीटो लगाया है. कौन हैं ये उम्मीदवार, जिन्हें लेकर बीजेपी ने शिंदे सरकार के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है. इसमें सबसे प्रमुख नाम है स्वीकृति शर्मा का. जो मुंबई के मशहूर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी हैं. बीजेपी के विरोध की वजह भी यही है.

जुलाई में जब एकनाथ शिंदे ने स्वीकृति शर्मा को पार्टी ज्वाइन कराई थी तब कुछ सोचा ही होगा कि क्यों ले रहे हैं, क्या, कैसे इस्तेमाल करेंगे. स्वीकृति शर्मा को मामूली नहीं, बड़ा भाव देकर पार्टी में लाए एकनाथ शिंदे. चुनाव से ठीक पहले अपने बंगले नंदनवन बुलाकर स्वीकृति शर्मा और उनकी दोनों बेटियों को शिवसैनिक बनाया. शिवसेना में शामिल होने स्वीकृति शर्मा करीब 50 गाड़ियां लेकर सीएम शिंदे के बंगले तक पहुंची थीं.

विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटने शुरू हुए तो चर्चा तेज चली है कि मुंबई की अंधेरी ईस्ट सीट जो कि शिवसेना के खाते में आई है वहां से स्वीकृति शर्मा शिवसेना की उम्मीदवार होंगी. शिवसेना या शिंदे ने कुछ कहा नहीं लेकिन बीजेपी म्यान से तलवार निकालकर खड़ी हो गई. बीजेपी ने महायुति की दोनों पार्टियों के दो बड़े चर्चित चेहरों को टिकट देने से खुलकर मना कर दिया है.

बीजेपी ने इन उम्मीदवारों पर जताया एतराज

बीजेपी का वीटो है कि एनसीपी से अजित पवार नवाब मलिक को टिकट नहीं देंगे. स्वीकृति शर्मा को एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना से टिकट नहीं मिलना चाहिए. बीजेपी के दोनों पार्टनर्स ने बीजेपी का मूड मिजाज देखकर शुरूआती लिस्ट में तो दोनों सीटों पर ऑफिशियली उम्मीदवार नहीं बनाया. अजित पवार ने नवाब मलिक वाली सीट अणुशक्तिनगर से बेटी सना मलिक शेख का टिकट कन्फर्म कर दिया. स्वीकृति शर्मा की पिक्चर क्लियर होनी है.

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स्वीकृति शर्मा को लेकर बीजेपी की आपत्ति ये है कि वो मुंबई के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे प्रदीप शर्मा की पत्नी हैं. बीजेपी को प्रदीप शर्मा से दिक्कत है. प्रदीप शर्मा ने एनकाउंटर करके खूब शोहरत और खूब विवाद बटोरे. 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीति में भी किस्मत आजमाई. तब शिवसेना में उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे एक साथ होते थे. नालासोपारा से प्रदीप शर्मा को उद्धव ठाकरे ने टिकट दिया था लेकिन चुनाव हार गए.

प्रदीप शर्मा से नाराज है बीजेपी 

प्रदीप शर्मा सुपर कॉप, सिंघम, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुकारे गए. लेकिन फंस गए अंडरवर्ल्ड कनेक्शन में. फर्जी एनकाउंटर केस में 2008 में मुंबई पुलिस से बर्खास्त किए गए. 2013 में कोर्ट से बरी हुए.  2017 में नौकरी वापस मिली. इसी साल मार्च में फिर उसी केस में उम्रकैद की सजा हुई. सुप्रीम कोर्ट से सजा निलंबित और जमानत मिली. महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने प्रदीप शर्मा को राहत का विरोध भी नहीं किया. 

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रिटायरमेंट से ठीक पहले 2019 में वीआरएस लेकर राजनीति में उतरे थे लेकिन न कानून की नजर में बेगुनाह साबित हुए, न बीजेपी ने माफ किया. लोकसभा चुनाव में प्रदीप शर्मा ने एनजीओ पीएस फाउंडेशन के जरिए मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट पर शिंदे शिवसेना के उम्मीदवार रवींद्र वायकर के लिए प्रचार किया था. 

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इस बड़े विवाद से जुड़ा है प्रदीप शर्मा का नाम

अगला विवाद 2021 में हुआ. मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो बरामद हुई थी.  आरोपी मनसुख हिरेन था जिसकी संदिग्ध हत्या हुई. उस हत्याकांड से प्रदीप शर्मा का कनेक्शन जुड़ा. एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया. 2024 में फर्जी एनकाउंटर केस में सजा भी हो गई. दोनों मामलों में प्रदीप शर्मा जेल से बाहर हैं. जो राजनीति में प्रदीप शर्मा नहीं कर सके उसी अधूरे मिशन को पूरा करने स्वीकृति शर्मा शिवसेना में आईं लेकिन बीजेपी ने अड़ंगा लगा दिया.

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