PM Awas Yojana: भारत सरकार दे रही आपको 'सपनों का घर', 2029 तक 3 करोड़ मकान बनाने का टारगेट सेट
PM Awas Yojana: केंद्र की मोदी सरकार की कैबिनेट ने प्रधान मंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 योजना को मंजूरी दे दी है. भारत सरकार ने तय किया है कि 2029 तक 3 करोड़ मकान शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में बनाकर दिए जाएंगे. जिसके लिए पूरी प्लानिंग तैयार कर ली गई है.
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न्यूज़ हाइलाइट्स
केंद्र सरकार की कैबिनेट ने दी प्रधान मंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 योजना को मंजूरी
इनमें से दो करोड़ घर ग्रामीण इलाकों में बनाए जाएंगे जबकि एक करोड़ शहरी इलाकों में बनाए जाएंगे.
PM Awas Yojana: केंद्र की मोदी सरकार की कैबिनेट ने प्रधान मंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 योजना को मंजूरी दे दी है. भारत सरकार ने तय किया है कि 2029 तक 1 करोड़ मकान शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को मिला भी दें तो कुल 3 करोड़ मकान दोनों ही क्षेत्रों में बनाकर दिए जाएंगे. जिसके लिए पूरी प्लानिंग तैयार कर ली गई है. भारत सरकार का प्लान है कि 2024-25 और 2028-29 के बीच शहरी क्षेत्रों में ही एक करोड़ घरों का निर्माण किया जाएगा.
भारत सरकार की प्लानिंग है कि इस योजना के तहत जरूरतमंदों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में किफायती आवास इकाइयों का निर्माण, खरीद या किराए पर लेने में सक्षम बनाना. कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 के दौरान प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के कार्यान्वयन की भी अनुमति दे दी है. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना का लक्ष्य प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल तीन करोड़ नए घर बनाना है. इनमें से दो करोड़ घर ग्रामीण इलाकों में बनाए जाएंगे जबकि एक करोड़ शहरी इलाकों में बनाए जाएंगे. इन तीन करोड़ मकानों को बनाने पर केंद्र सरकार कुल 3.61 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.
किन पात्र लोगों को मिलेंगे ये मकान
पीएम इंडिया की वेबसाइट में कहा गया है कि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों, एससी/एसटी, अल्पसंख्यकों, विधवाओं, विकलांग व्यक्तियों और समाज के अन्य वंचित वर्गों सहित हाशिए पर रहने वाले समूहों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त, सफाई कर्मी, रेहड़ी-पटरी वाले, कारीगर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और झुग्गी-झोपड़ियों/चॉलों के निवासियों जैसे समूहों को इस योजना के तहत मकान दिए जाएंगे.
तीन कैटेगरी में मिलेंगे मकान
मकान तीन कैटेगरी के होंगे. पहली कैटेगरी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), दूसरी कैटेगरी में निम्न आय समूह (एलआईजी) और तीसरी कैटेगरी में मध्यम आय समूह (एमआईजी) टाइप के मकान होंगे. इनमें 3 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले ईडब्ल्यूएस परिवार माने गए हैं. 3-6 लाख रुपये के बीच वार्षिक आय वाले एलआईजी परिवार माने गए हैं. एमआईजी परिवार जिनकी वार्षिक आय 6-9 लाख रुपए के बीच रखी गई है, उसे माना गया है.
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इस तरह से निर्धारित की गई हैं पात्रता और वित्तीय सहायता की शर्तें
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) में योग्य व्यक्तिगत परिवारों को उनकी उपलब्ध खाली जमीन पर नए घरों के निर्माण की सुविधा के लिए वित्तीय सहायता आवंटित की जाएगी. बिना भूमि वाले लाभार्थियों के मामले में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) भूमि अधिकार (पट्टा) दे सकते हैं. इसके साथ ही अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (एएचपी) के तहत ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों, शहरों और सार्वजनिक या निजी एजेंसियों द्वारा स्थापित विभिन्न साझेदारियों के माध्यम से निर्माणाधीन घरों के अधिग्रहण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकेगी.
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के तहत एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाएगी. यह सहायता पांच वर्षों की अवधि में शहरी क्षेत्रों में सस्ती दरों पर घरों के निर्माण, खरीद या किराये की सुविधा के लिए दी जाएगी. राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और प्राथमिक ऋण संस्थानों (पीएलआई) के माध्यम से यह मदद दी जाएगी.
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होम लोन के ब्याज पर इस तरह मिलेगी सब्सिडी
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय समूह (एलआईजी) और मध्यम आय समूह (एमआईजी) की श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों के लिए 25 लाख रुपये तक के होम लोन पर 4% की ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी.
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