देश के 'रतन' टाटा नहीं रहे, 86 साल की उम्र में मुंबई में ली अंतिम सांस, PM मोदी बोले- वो बड़े सपने देखते थे

सुमित पांडेय

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नहीं रहे देश के रतन टाटा, 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.
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Ratan Tata Passes Away: टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा अब नहीं रहे. उनका 86 साल की उम्र में बुधवार रात निधन हो गया. रतन टाटा ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. यहां उन्हें कुछ दिन पहले उम्र संबंधी दिक्कतों की वजह से भर्ती कराया गया था. बुधवार रात ही उनके पार्थिव शरीर को अस्पताल से घर लाया गया.

अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स हॉल में रखा जाएगा. जहां पर आज सुबह 10 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. इससे पहले उन्हें सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उनकी तरफ से कहा गया था कि वह बिलकुल ठीक हैं और चिंता की कोई बात नहीं है.

 

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पीएम मोदी ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा- रतन टाटा जी के सबसे अनोखे पहलुओं में से एक था बड़े सपने देखने और दूसरों को कुछ देने का उनका जुनून. वे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, पशु कल्याण जैसे कारणों को आगे बढ़ाने में सबसे आगे थे. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि रतन टाटा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.

पीएम मोदी ने दुख जताते हुए एक्स हैंडल पर लिखा- "श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी कारोबारी नेता, एक दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे. उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया. उन्होंने अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता के कारण कई लोगों के बीच अपनी जगह बनाई."

ये भी पढ़ें: आज के मुख्य समाचार 9 अक्टूबर सितंबर 2024 LIVE: रतन टाटा नहीं रहे, 86 साल की उम्र में हुआ निधन, देश शोक में डूबा

दूसरों को देने और बड़े सपने देखने का जुनून: पीएम मोदी

"श्री रतन टाटा जी के सबसे अनोखे पहलुओं में से एक था बड़े सपने देखने और दूसरों को कुछ देने का उनका जुनून. वे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, पशु कल्याण जैसे कारणों को आगे बढ़ाने में सबसे आगे थे. मेरा मन श्री रतन टाटा जी के साथ अनगिनत बातचीत से भरा हुआ है. जब मैं गुजरात का सीएम था, तब मैं उनसे अक्सर मिलता था. हम विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करते थे. मुझे उनके दृष्टिकोण बहुत समृद्ध लगे. जब मैं दिल्ली आया, तब भी ये बातचीत जारी रही."

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टाटा ग्रुप की ओर से उनके परिवार ने भी उन्हें याद किया है और एक्स हैंडल पर ट्वीट कर दुख जताया है.

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