मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीज पर दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में रखी जा रही 24 घंटे नजर, सरकार ने जारी किया अलर्ट

अभिषेक शर्मा

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Monkey Pox (Photo: WHO)
मंकी पॉक्स (फोटो: डब्ल्यूएचओ)
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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देश में मंकी पॉक्स का पहला संदिग्ध केस सामने आया है.

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हरियाणा के हिसार निवासी 26 साल के एक युवक में मंकी पॉक्स के लक्षण मिले हैं.

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मरीज को दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में विशेष निगरानी में रखा गया है.

monkey pox: देश में मंकी पॉक्स का पहला संदिग्ध केस सामने आया है. हरियाणा के हिसार निवासी 26 साल के एक युवक में मंकी पॉक्स के लक्षण मिलने के बाद उसे दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में विशेष निगरानी में रखा गया है. वहीं केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए अलर्ट भी जारी किया है. लोक नायक अस्पताल में दो दिन पहले मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीज को भर्ती कराया गया था. उसको मंकी पॉक्स के लिए बनाए गए विशेष वार्ड में रखा गया है.

बताया जा रहा है कि हिसार का यह युवक भारत में मंकी पॉक्स का शिकार हुआ पहला संदिग्ध मरीज है. शुरुआती जांच में इसके शरीर में पश्चिमी अफ्रीकन क्लेड- 2 के लक्षण मिले हैं. इस केस के सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी साझा की है कि अभी तक इस बीमारी के जोखिमपूर्ण स्थिति तक फैलने की संभावनाएं नहीं मिली है. लेकिन सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर अलर्ट जारी करने और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

हिसार का युवक कुछ समय पहले ही विदेश यात्रा से लौटा था. शुरूआती लक्षणों के बाद उसकी जांच कराई गई, जिसमें मंकी पॉक्स से मिलते-जुलते लक्षण मिले. विस्तृत जांच के बाद हिसार के युवक को मंकी पॉक्स का संदिग्ध मरीज माना गया और इसके बाद उसे लोक नायक अस्पताल में विशेष निगरानी में रखकर इलाज शुरू किया गया. मरीज पर लगातार निगाह रखी जा रही है और दवाओं के असर को जांच जा रहा है.

लोक नायक अस्पताल में 20 बेड किए गए आरक्षित

मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीजों के आने की संभावना को देखते हुए दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में एक अलग आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है. इसमें 20 बेड संदिग्ध मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं. इसके अलावा जीटीबी और बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में भी संदिग्ध मरीजों के लिए आईसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं.

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2022 में भी फैला था मंकी पॉक्स

वर्ष 2022 में भी दुनियाभर में मंकी पॉक्स बड़े पैमाने पर फैला था. तब दुनियाभर में इससे संक्रमित करीब 116 देशों के 99 हजार 176 मरीज सामने आए थे. तब दुनियाभर में इसकी वजह से 208 मरीजों की मौत हुई थी. भारत में भी 2022 में तकरीबन 30 मामले सामने आए थे.

कुछ ऐसे होते हैं मंकी पॉक्स के लक्षण

इसके लक्षणों में शरीर के विभिन्न हिस्सो पर दाने निकलना, फफोले बनना, बुखार आना, गले में खराश या दर्द होना शामिल हैं. बुखार के साथ-साथ शरीर पर चकत्ते, फफोले निकलने लगें तो तुरंत जांच कराएं. ये सभी लक्षण मंकी पॉक्स के हैं.

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कैसे फैलता है मंकी पॉक्स

मंकीपॉक्स मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के साथ सीधे संपर्क से फैलता है. यह संक्रमित व्यक्ति के घावों या संक्रमित सामग्री से भी फैल सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंकी पॉक्स का संक्रमण आमतौर पर 2 से 4 हफ्ते तक रहता है. इससे अधिक घबराने की जरूरत नहीं है. सिर्फ सामान्य देखभाल से भी मरीज इसमें ठीक हो जाते हैं.

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