बदलापुर दुष्कर्म मामले के आरोपी ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में मौत
badlapur rape case: महाराष्ट्र के बदलापुर में बीते अगस्त महीने में नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वाले मुख्य आरोपी की मौत हो गई है. आरोपी ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर पुलिस पर फायरिंग की. जवाबी कार्रवाई में आरोपी अक्षय शिंदे की मौत हो गई.
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न्यूज़ हाइलाइट्स
बदलापुर दुष्कर्म केस के मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की हुई मौत.
पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीनकर की थी फायरिंग, जवाबी कार्रवाई में मारा गया.
badlapur rape case: महाराष्ट्र के बदलापुर में बीते अगस्त महीने में नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वाले मुख्य आरोपी की मौत हो गई है. आरोपी ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर पुलिस पर फायरिंग की. जवाबी कार्रवाई में आरोपी अक्षय शिंदे की मौत हो गई. जब पुलिस हिरासत में आरोपी अक्षय शिंदे को लेकर जा रहे थे, तभी उसने इस घटना को अंजाम दिया.
आरोपी अक्षय शिंदे को पुलिस द्वारा तलोजा जेल से एक मामले में हिरासत में लेकर जा रही थी. इसी दौरान पुलिस गाड़ी में अक्षय शिंदे की पास में बैठे एक पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीन ली. हाथापाई के दौरान अक्षय ने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर दी. जिसकी चपेट में आने से एक पुलिसकर्मी घायल भी हो गया. अक्षय भागने की कोशिश कर रहा था, इसलिए जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अक्षय शिंदे पर भी फायर किया.
इस फायरिंग में अक्षय शिंदे गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके बाद पुलिस उसे लेकर अस्पताल पहुंची जहां इलाज के दौरान अक्षय शिंदे ने दम तोड़ दिया. अक्षय शिंदे महाराष्ट्र के बदलापुर दुष्कर्म केस का मुख्य आरोपी था. दो नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप इस पर था. जिसके बाद बदलापुर इलाके में लोगों में खूब आक्रोश था और लोगों ने इस मामले में बहुत हंगामा कर दिया था.
बदलापुर दुष्कर्म केस की पूरी कहानी क्या थी?
बदलापुर में 14 अगस्त को एक स्कूली बच्ची ने घर जाकर अपने अभिभावकों को बताया कि उसके गुप्तांगों में दर्द है. जब अभिभावकों ने डॉक्टर को दिखवाया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है. पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद जब पड़ताल शुरू हुई तो मालूम चला कि एक अन्य बच्ची के साथ भी आरोपियों ने दुष्कर्म किया था. आरोपी अक्षय शिंदे एक सफाईकर्मी है, जिसने इस दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों ने इतना अधिक हंगामा किया कि इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद करना पड़ी. इस हंगामे की वजह से 72 लोगों को पुलिस को गिरफ्तार करना पड़ गया था. सरकार ने मामले की जांच के लिए सीनियर आईपीएस अफसर आरती सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल गठित किया था.
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