डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद अमेरिकी महिलाओं ने क्यों खाई सेक्स न करने की कसम?

शुभम गुप्ता

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4B Movement(India Today)
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4B Movement: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से कई अमेरिकी महिलाएं उनके चुनावी जीतने से नाखुश हैं. ट्रंप के खिलाफ अमेरिका के अलग-अलग शहरों में महिलाओं ने प्रदर्शन किया है. इसमें न्यूयॉर्क और सिएटल जैसे शहर भी शामिल हैं. प्रदर्शन कर रहीं महिलाएं ट्रंप की जीत के पीछे पुरुषों को दोषी ठहरा रही हैं. उन्होंने ट्रंप की जीत के विरोध में 4B मूवमेंट से जुड़ने का फैसला किया है. इस आंदोलन के तहत महिलाएं विरोध के रूप में सेक्स न करने, शादी न करने और बच्चों न पैदा करने की कसम खा रही हैं.

ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को खत्म करने का समर्थन किया है और उन्होंने महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर हमला बोला है. उनका कहना है कि ट्रंप  महिलाओं की फीजिकल ऑटोनॉमी और अधिकारों का सम्मान नहीं करते. इसलिए उनके विरोध में खड़ा होना जरूरी है. सोशल मीडिया पर भी इस आंदोलन को लेकर महिलाएं समर्थन जुटा रही हैं.

क्या है 4B मूवमेंट?

4B मूवमेंट की शुरुआत दक्षिण कोरिया में हुई थी. जहां "B" का मतलब "नहीं" है.  4B नाम, B से शुरू होने वाले चार शब्दों से बना है: बिहोन (विषमलैंगिक विवाह नहीं), बिचुलसन (कोई संतान नहीं), बियोनाए (कोई डेटिंग नहीं), और बिसेकसेउ (कोई विषमलैंगिक यौन संबंध नहीं).

साउथ कोरिया में क्यों उभरा ये मूवमेंट?

ये आंदोलन Meetoo और 'कोर्सेट से बचो' जैसे आंदोलनों के बाद दक्षिण कोरिया में आया. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले नौ सालों में सैकड़ों महिलाओं को उनके पुरुष पार्टनर्स द्वारा हिंसा का सामना करना पड़ा. इन मामलों ने समाज में महिला विरोधी विचारधारा के प्रति गंभीर चेतना जगाई है. बढ़ती महंगाई और घरेलू कामों के बढ़ते दबाव के कारण भी महिलाएं बच्चों को जन्म देने से बचना चाहती हैं.

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ट्रंप की जीत के बाद बढ़ा महिलाओं का गुस्सा

अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद महिलाओं का गुस्सा और बढ़ गया है. CNN के एग्जिट पोल के अनुसार, महिलाओं के 46% वोट ट्रंप को मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस को 54% महिलाओं का समर्थन मिला. ट्रंप के गर्भपात के खिलाफ बयान और नीतियों ने महिलाओं को और भी नाराज कर दिया है. 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को समाप्त कर दिया. इसका ट्रंप ने खुलकर समर्थन किया था. इसके कारण ट्रंप को महिलाओं के एक बड़े वर्ग की आलोचना का सामना करना पड़ा.

कमला हैरिस ने भी चुनावी अभियान के दौरान ट्रंप की महिला-विरोधी छवि को मुद्दा बनाया और इसी आधार पर वोट मांगे. कई अमेरिकी महिलाओं ने ट्रंप के खिलाफ 4B मूवमेंट का सहारा लेते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की. उनका मानना है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से महिलाओं के अधिकारों पर लगातार हमले हो सकते हैं और इस स्थिति का विरोध करना आवश्यक है.

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