USAID फंडिंग विवाद: विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- 'जल्द सामने आएंगे तथ्य', भारत कर रहा जांच

ललित यादव

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USAID Funding Dispute: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें ट्रंप ने दावा किया था कि यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी है. ट्रंप के इस बयान ने भारतीय चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की आशंका को जन्म दिया, जिसके बाद जयशंकर ने कहा कि सरकार इस मामले की गहन जांच कर रही है और जल्द ही सभी तथ्य सामने आ जाएंगे.

दिल्ली यूनिवर्सिटी में उठा मुद्दा

दिल्ली यूनिवर्सिटी लिट्रेचर फेस्टिवल में बोलते हुए विदेश मंत्री ने इस संवेदनशील मुद्दे पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यूएसएआईडी को भारत में "गुड फेथ" (सद्भावना) के आधार पर काम करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब अमेरिका से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कुछ गतिविधियां संदिग्ध उद्देश्यों से की जा रही हैं. जयशंकर ने जोर देकर कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और संबंधित एजेंसियां इसकी पड़ताल में जुटी हैं.

ट्रंप के आरोपों ने बढ़ाई चिंता

20 फरवरी को मियामी में एक कार्यक्रम के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने यूएसएआईडी की फंडिंग पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह राशि भारत में मतदान को प्रभावित करने या "'किसी और को चुनाव जिताने' " के लिए हो सकती है. इस बयान के बाद भारत सरकार ने इसे "बेहद चिंताजनक" करार दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को कहा कि संबंधित विभाग इस मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही स्थिति स्पष्ट होगी.

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क्या है USAID विवाद?

USAID एक अमेरिकी सरकारी एजेंसी है जो वैश्विक स्तर पर विकास कार्यों के लिए फंडिंग प्रदान करती है. ट्रंप के दावे के अनुसार, इस एजेंसी ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर आवंटित किए थे. हालांकि, उनके बयान ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या इस फंडिंग का मकसद भारतीय लोकतंत्र को प्रभावित करना था. जयशंकर ने कहा कि ऐसी 
संस्थाओं को अपनी गतिविधियों की रिपोर्ट देना अनिवार्य है और सरकार इसकी जांच कर रही है.

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"तथ्य सामने लाने की प्रक्रिया जारी"

जयशंकर ने फेस्टिवल में मौजूद संजीव सान्याल, जो प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य हैं, के सवाल का जवाब देते हुए कहा, "ट्रंप प्रशासन के कुछ लोगों ने जो जानकारी दी है, वह चिंताजनक है. इससे पता चलता है कि कुछ गतिविधियां एक खास नैरेटिव या विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए की जा रही हैं." उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से देख रही है और जल्द ही सच्चाई सामने आएगी.

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भारत की सख्त प्रतिक्रिया

ट्रंप के बयान के बाद भारत ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है. विदेश मंत्रालय ने इसे न सिर्फ चिंताजनक बताया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय लोकतंत्र में किसी भी तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है. जांच के बाद ही यह तय होगा कि यूएसएआईडी की फंडिंग का असली मकसद क्या था.
 

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