कांग्रेस की गारंटी कॉपी कर चंद्रबाबू नायडू ने बीजेपी को बुरा फंसा दिया, जानिए कैसे? 

रूपक प्रियदर्शी

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Andhra Pradesh News: कर्नाटक, तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के बाद आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे. पिछले चुनावों में चंद्रबाबू नायडू ने देखा था कि, कैसे गारंटी वाले वादों से कांग्रेस की राजनीति पलट गई थी. तेलगु देशम पार्टी की सत्ता में वापसी के लिए चंद्रबाबू नायडू ने बीजेपी के साथ अलायंस तो किया था लेकिन अपने मेनिफेस्टो में बहुत कुछ कांग्रेस से लिया. फिर क्या था नायडू को भी कांग्रेस जैसा फायदा मिला और बड़ी जीत के साथ आंध्र प्रदेश में सरकार बना ली. 

चंद्रबाबू नायडू ने महिलाओं को 15 हजार, बेरोजगारों को 3 हजार भत्ता, युवाओं को 5 साल में 20 लाख नौकरी जैसे सुपर सिक्स वादे किए थे. जनता ने भरोसा करके सरकार बनवा दी. अब वादा पूरा करने का समय शुरू है. हालांकि अभी तक किसी योजना पर काम शुरू नहीं हुआ है. यही वजह है कि, चंद्रबाबू नायडू पैसे-कौड़ी के इंतजाम में बार-बार दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं. 

शुरू की फ्री बस सर्विस

जब तक कुछ हाथ नहीं आता तब तक उन्होंने सबसे सस्ता, आसान और लोकप्रिय स्कीम शुरू करने का एलान कर दिया. 15 अगस्त से आंध्र प्रदेश की महिलाओं के लिए फ्री बस सर्विस शुरू होने जा रही है. कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु में फ्री बस सर्विस कैसे चल रही है? इसकी डिटेल स्टडी एपीएसआरटीसी ने की है. रोज कितनी महिलाएं यात्राएं करती हैं, सरकार पर कितना बोझ पड़ता है, समस्याएं क्या आ रही हैं?  महिलाओं को कितना फायदा हो रहा है, सबकी डिटेल जुटाने के बाद स्कीम को हरी झंडी मिली है.

कर्नाटक में महिलाओं को फ्री बस सर्विस वाली स्कीम को लेकर हल्ला मचा है. कहा जा रहा है कि कर्नाटक स्टेट ट्रांसपोर्ट को 300 करोड़ का घाटा हो गया. भरपाई के लिए बस किराया 20 परसेंट तक बढ़ाया जा रहा है. बीजेपी पूरे जोर-शोर से कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आई है. जैसे ही बीजेपी ने कर्नाटक में विरोध शुरू किया, चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश में स्कीम शुरू करने का धमाका कर दिया. 

बीजेपी के सामने पैदा हुआ धर्म संकट 

आंध्र प्रदेश में टीडीपी और बीजेपी की जिगरी यारी चल रही है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलायंस करके लड़े. जब चंद्रबाबू ने सुपरसिक्स मेनिफेस्टो बनाया तब बीजेपी की सहमति थी. जब स्कीम लागू करने जा रहे हैं तब बीजेपी सरकार की पार्टनर है. कर्नाटक में कांग्रेस की फ्री बस सर्विस का विरोध और और आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ समर्थन, बड़ा धर्म संकट पैदा हो गया है बीजेपी के सामने.

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महिलाओं को कैश देने वाली स्कीम बीजेपी ने मध्य प्रदेश में चलाती है. मोदी सरकार भी किसानों को कैश देने की स्कीम चलाती है. इसका चुनावों में बराबर फायदा मिलता रहा लेकिन महिलाओं के लिए फ्री बस सर्विस बीजेपी के किसी राज्य में नहीं चलती. जहां जिसने चुनावी वादा किया, उसे चुनावों में जमकर फायदा हुआ. फ्री में कुछ देने को पीएम मोदी रेवड़ी कहकर रैलियों में गरजते रहे लेकिन अब बाबू ने ही मोदी को फंसा दिया है. 

महिलाओं को लुभाने का सबसे अचूक दावा है फ्री स्कीम 

फ्री की राजनीति का एक पक्ष ये है कि सरकार पर जितने का बोझ पड़ता है, जनता को उतने की बचत होती है. इसी बचत से चुनावों में वोट आते हैं. तेलंगाना में महिलाओं को फ्री बस सर्विस देने में अभी तक कोई दिक्कत नहीं आई है. हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना सरकार को पहले चार महीने में 1177 करोड़ का बोझ पड़ा लेकिन इतने की ही बचत तेलंगाना की महिलाओं को हुई. इसका पहला राजनीतिक फायदा कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में हुआ. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक सरकार ने महिलाओं को 5500 करोड़ की फ्री बस टिकट दी. 229 करोड़ टाइम महिलाओं ने फ्री बस सर्विस की सुविधा उठाई. कर्नाटक में अब ये हल्ला मचा कि कर्नाटक स्टेट ट्रांसपोर्ट को 300 करोड़ का घाटा हो गया. कर्नाटक में 15-20 परसेंट बस किराया बढ़ाने की बात चल रही है तो बीजेपी विरोध पर उतर आई. 

आंध्रा से पहले तमिलनाडु, तेलंगाना और कर्नाटक में लागू हो चुकी है ये स्कीम 

कर्नाटक, तेलंगाना से पहले तमिलनाडु में स्टालिन सरकार ने 2021 में फ्री बस सर्विस शुरू की थी. तमिलनाडु सरकार का अनुमान है कि महिलाओं को हर महीने करीब 800 रुपये की बचत हो रही है. करीब 50 से 55 लाख महिलाएं फ्री बस ट्रैवल करती हैं. 2021 में स्कीम शुरू होने से मई 2024 तक महिलाओं ने करीब 468 करोड़ ट्रिप सरकारी बसों से की. तमिलनाडु सरकार मानती है कि फ्री बस स्कीम ने महिलाओं को घर चलाने में बड़ी मदद पहुंचाई हैं. इसका राजनीतिक फायदा हर चुनाव में स्टालिन-कांग्रेस को मिल रहा है. 

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तमिलनाडु का सक्सेसफुल मॉडल कांग्रेस ने पहले कर्नाटक, फिर तेलंगाना में शुरू किया. टीडीपी पहली ऐसी पार्टी बनी जिसने एनडीए में रहते हुए बीजेपी को साथ लेकर इंडिया गठबंधन वाला म़ॉडल लागू किया. दिल्ली में भी केजरीवाल ने महिलाओं की बस सर्विस फ्री की. अब चंद्रबाबू नायडू इसी मॉडल पर चलने के लिए तैयार हुआ तो दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने क्रेडिट ले लिया. 

 

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