अदाणी पर धर्म संकट में कांग्रेस! कारोबारी संग रिश्ते पर सवाल हुए तो चिदंबरम ने माइक ही घुमा दिया
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर हो रही पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पी. चिदंबरम से भी यही सवाल पूछा गया. हालांकि चिदंबरम ने इसका जवाब देने के बजाय सुप्रिया श्रीनेत की तरफ माइक घुमा दिया दिया.
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Adani signs MoU with Telangana Govt: स्विट्जरलैंड के दावोस में हर साल विश्व आर्थिक मंच(WEF) का कॉन्फ्रेंस होता है. इस साल के कॉन्फ्रेंस की थीम ‘रीबिल्डिंग ट्रस्ट’ थी. हर साल की तरह इस बार भी WEF के मंच पर दुनिया भर के नेता मिल-जुलकर व्यापार करने के लिए मिले. हालांकि भारत में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है गौतम अदाणी और तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी में हुई डील की. डील ये हुई है कि अदाणी अगले कुछ सालों में तेलंगाना में 12 हजार करोड़ से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट करेंगे.
इस डील के बाद अब पूछा ये जा रहा है कि, अदाणी और कांग्रेस का ये रिश्ता क्या कहलाता है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर हो रही पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पी. चिदंबरम से भी यही सवाल पूछा गया. हालांकि चिदंबरम ने इसका जवाब देने के बजाय सुप्रिया श्रीनेत की तरफ माइक घुमा दिया दिया. वैसे सुप्रिया श्रीनेत भी मोदाणी-मोदाणी खूब करती रही हैं, लेकिन उन्होंने भी सवाल को टाल ही दिया.
Chief Minister Sri @revanth_anumula, along with Industries Minister Sri @Min_SridharBabu, met with Sri @gautam_adani, Chairman @AdaniOnline on the sidelines of @wef's 54th Annual Meeting in #Davos.
The hour-long meeting covered a plethora of exciting new business opportunities… pic.twitter.com/9JfclrKnnL
— Telangana CMO (@TelanganaCMO) January 16, 2024
अदाणी के लिए अच्छे रहे हैं पिछले कुछ दिन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ये आरोप लगाते रहे कि, पीएम नरेंद्र मोदी और कारोबारी गौतम अदाणी का रिश्ता है, इसलिए सब कुछ अदाणी के पास जा रहा है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर हेराफेरी के आरोप लगे तो राहुल गांधी, अदाणी के खिलाफ विपक्ष के हीरो बन गए. हालांकि अब सेबी(SEBI) की जांच में अदाणी के खिलाफ कुछ नहीं निकला. सुप्रीम कोर्ट से भी लगभग क्लीन चिट मिल गई. और इन सबके बाद कांग्रेस मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव भी हार गई, तो अदाणी-अदाणी का शोर कमजोर पड़ गया. राहुल गांधी 14 जनवरी से एक बार फिर भी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं. रोज कहीं न कहीं भाषण देते हैं, लेकिन राहुल के भाषणों में भी अब अदाणी का जिक्र कुछ कम ही नजर आ रहा है.
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रेवंत अपना धर्म निभा रहे हैं, हम अपना: जयराम रमेश
इसी बीच दावोस में रेवंत रेड्डी-गौतम अदाणी ने MoU साइन किए. इतना सब कुछ रेवंत रेड्डी बिना कांग्रेस हाईकमान से पूछे बिना और राहुल गांधी की मर्जी के बिना नहीं कर रहे होंगे. जिस सवाल को टालकर चिदंबरम और सुप्रिया श्रीनेत ने राहुल को बैकफुट पर डाल दिया वही सवाल न्यूज तक संवाददाता निधि तनेजा ने जयराम रमेश से असम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा. जयराम ने बिना हिचक या झिझक के कहा दिया रेवंत रेड्डी अपना धर्म निभा रहे हैं, हम अपना.
अदाणी पर हमलावर रहे हैं राहुल
राहुल गांधी ने तेलंगाना चुनाव में भी अदाणी-अदाणी किया था. तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनते ही अदाणी और रेवंत रेड्डी दोस्त बन गए. दावोस से पहले हैदराबाद में गौतम अदाणी के बेटे करण अदाणी रेवंत रेड्डी से मिलने पहुंचे थे. वो मुलाकात भी इन्वेस्टमेंट डील के लिए ही हुई थी. अदाणी अभी सिद्धारमैया-डीके शिव कुमार से मिलने नहीं पहुंचे हैं, लेकिन कर्नाटक में भी कांग्रेस की सरकार उनके स्वागत के लिए तैयार है.
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इससे पहले राजस्थान में गहलोत भी कर चुके हैं ऐसी डील
हो सकता है लोग हैरान हों लेकिन अदाणी पर राहुल के हमले के बीच ऐसी ही डील राजस्थान में अशोक गहलोत ने गौतम अदाणी के साथ की थी. 2022 में राजस्थान में अशोक गहलोत ने गौतम अदाणी को बुलाकर 65 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट कराया था. तब खुद राहुल गांधी ने कहा था कि, वो अदाणी के ऐसे इन्वेस्टमेंट का विरोध नहीं करते.
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तो बात अब ऐसी है कि जहां-जहां कांग्रेस की सरकार है या बनेगी वहां अदाणी साहब जाएंगे, पैसे लगाएंगे और पैसा कमाएंगे भी. कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों को राहुल गांधी और पार्टी हाईकमान से छूट मिली हुई है. हालांकि केंद्र की सरकार बदलने पर यानी देश में कांग्रेस की सरकार आने पर अदाणी का क्या भविष्य होगा, ये तब ही पता चलेगा.
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