पूजा खेडकर की नियुक्ति ही रद्द होने के बाद 6 और अफसरों की बढ़ी मुसीबत, DOPT ने शुरू की जांच
पूजा खेडकर के फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद UPSC ट्रेनी IAS पूजा की नियुक्ति रद्द कर दी थी. उसके साथ-साथ UPSC ने ना सिर्फ उनकी उम्मीदवारी रद्द की, बल्कि आगे भी उसके किसी परीक्षा या चयन में शामिल होने पर रोक लगा दी.
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UPSC: फर्जी सर्टिफिकेट मामले में आरोपी पूजा खेडकर को पिछले दिनों सर्विस से हटा दिया गया था. उसके बाद अब कई और अफसरों की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही है. दरअसल पूजा का मामला जब चर्चा में ये था तब और कई अफसरों के चयन पर सवाल खड़े हुए थे. अब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने 6 अन्य अफसरों के मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक जिन अफसरों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की गई है, उनका नाम और उनके प्रमाण पत्र पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जा रहे थे. सोशल मीडिया पोस्ट वायरल होने के बाद कुछ प्रोबशनर्स और कुछ सेवारत अधिकारियों के विकलांगता प्रमाण पत्र अब जांच के दायरे में आ गए हैं.
UPSC ने पूजा खेडकर को किया डिबार
पूजा खेडकर के फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद UPSC ट्रेनी IAS पूजा की नियुक्ति रद्द कर दी थी. उसके साथ-साथ UPSC ने ना सिर्फ उनकी उम्मीदवारी रद्द की, बल्कि आगे भी उसके किसी परीक्षा या चयन में शामिल होने पर रोक लगा दी. यानी की अब पूजा UPSC या किसी भी स्टेट के PCS परीक्षा में भाग नहीं ले पायेंगी. कुल मिलाकर अब वो कभी अधिकारी नहीं बन पाएगी.
2012 से 2023 तक सात बार बदला नाम
UPSC से मिली जानकारी के मुताबिक पूजा खेडकर का मामला अकेला ऐसा केस है, जिसमें कमीशन उनके उम्मीदवारी की पहचान नहीं कर सका. इसके पीछे की वजह ये रही कि, पूजा ने परीक्षा फार्म भरते समय सिर्फ अपना ही नहीं, बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी कई बार बदल लिया था. UPSC ने कहा है कि उसके पास उपलब्ध दस्तावेजों की शुरुआती जांच से ये साफ हो चुका है कि पूजा खेडकर ने सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन यानी सीएसई-2022 के नियमों का उल्लंघन किया. इसी बेसिस पर उम्मीदवारी रद्द की गई है.
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30 जुलाई को पक्ष रखने नहीं पहुंची पूजा
UPSC ने 18 जुलाई को पूजा खेडकर को इन्हीं आरोपों के सिलसिले में कारण बताओ नोटिस जारी किया था. नोटिस में उनसे पूछा गया था कि, आखिर उन्होंने कैसे फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदल कर लिमिट से ज्यादा बार UPSC की परीक्षाओं में हिस्सा लिया? उन्हें अपना जवाब देने के लिए 25 जुलाई तक वक्त दिया गया था, हालांकि पूजा ने 4 अगस्त तक का वक्त मांगा था. जिस पर UPSC ने उन्हें 30 जुलाई की दोपहर साढ़े तीन बजे तक का समय दिया था, ताकि वो अपना पक्ष रक सकें, लेकिन इसके बावजूद पूजा ने अपनी बात नहीं रखी तब जाकर UPSC ने उनकी नियुक्ति ही रद्द कर दी. अब खबरें ये भी आ रही है कि, फर्जीवाड़े के आरोप में पूजा खेडकर गिरफ्तार हो सकती है.
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