'चुनाव में नहीं हुए 400 पार तो अब ऐसे कर लो', कांग्रेस ने मोदी सरकार को किया चैलेंज

रूपक प्रियदर्शी

ADVERTISEMENT

newstak
social share
google news

Congress: लोकसभा चुनाव में बीजेपी और मोदी ने जरा भी अविश्वास नहीं दिखाया कि एनडीए की सीटें 400 के पार नहीं जाएंगी. असलियत वाले नारे में बीजेपी को 300 के पार जाना था. एनडीए को 400 के पार जाना था. ऐसा नतीजा आया कि दोनों नारे फेल हो गए. बीजेपी बहुमत से भी पीछे रह गई. 

सरकार कांग्रेस या इंड़िया गठबंधन की भी नहीं बनी लेकिन पूरे विपक्ष को मौका मिल गया मोदी को चिढ़ाने का कि 400 पार नहीं हुआ. कांग्रेस के कम्युनिकेशन हेड जयराम रमेश ने बजट को लेकर मोदी पर 400 वाला ताना मारा है. कह रहे हैं कि ऐसे तो 400 पार नहीं हुआ. कम से कम बजट में न्यूनतम मजदूरी को ही 400 पार करा दीजिए. 

मोदी सरकार में न्यूनतम मजदूरी गिर रही- कांग्रेस

कांग्रेस का हमला ये है कि मोदी सरकार के समय धीमी वेतन वृद्धि और महंगाई के कारण न्यूनतम मजदूरी गिर गई है. उसे 400 रुपये प्रति दिन तक ले जाने की जरूरत है. सरकार के आंकड़ों का जिक्र करते हुए जयराम ने कहा कि मजदूरों की परचेजिंग कैपेसिटी 10 साल में गिर गई है. मनमोहन सिंह के समय खेतिहर मज़दूरी हर साल 6.8 परसेंट की दर से बढ़ रही थी लेकिन मोदी के कार्यकाल में मजदूरी में हर साल 1.3 परसेंट गिर रही है.
 

लोकसभा चुनाव में 272 की लड़ाई में सबसे ज्यादा 400 वाले नंबर की गूंज रही थी. मोदी 400 सीटों के नारे लगा रहे थे. राहुल गांधी मजदूरों के हक में न्यूनतम मजदूरी 400 करने का वादा कर रहे थे. सत्ता में आने पर हर मजदूर की मजदूरी पहले दिन से 400 रुपये प्रतिदिन तक बढ़ाने की कसम खाते रहे. मोदी को 400 सीटें नहीं मिली. राहुल को 272 सीटें नहीं मिली. न्यूनतम मजदूरी भी 400 पार हो न सकी.

हालांकि चुनाव बाद भी राहुल ने किसान, मजदूर, युवा वाले मुद्दे छोड़े नहीं हैं. कुछ दिन पहले राहुल गांधी दिल्ली के जीटीबी नगर में कंस्ट्रक्शन मजदूरों के साथ काम करते दिखे थे. 

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

विपक्ष ला सकता है बिल!

23 जुलाई को बजट पेश होना है. मोदी सरकार 3 का पहला बजट होगा. सारे देश की नजरें टिकी हैं कि चुनाव में नुकसान के बाद सरकार पहला बजट कैसा लाएगी. संसद के बजट सत्र को लेकर ये चर्चा जोर से चल रही है कि संसद में राहुल गांधी या विपक्ष की ओर से न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये या किसानों के हक में MSP के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाया जा सकता है. प्राइवेट मेंबर बिल सरकार नहीं लाती. किसी विषय पर कानून बनाने के लिए सरकार का ध्यान दिलाने के लिए ये हथियार है जो हर सांसद के पास होता है.

राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तंज

सबसे ज्यादा राजनीतिक विवाद मनरेगा की मजदूरी को लेकर है. यूपीए सरकार साल में कम से कम 100 दिन काम मिलने और फिक्स्ड मजदूरी की गारंटी की योजना लाई थी. यूपीए सरकार की सबसे हिट योजनाओं में रहा मनरेगा जिसका क्रेडिट आज भी कांग्रेस लेती है. मोदी सरकार ने मनरेगा बंद नहीं किया लेकिन सोनिया, राहुल गांधी आरोप लगाते रहे हैं कि सरकार ने मनरेगा में पैसे देना कम कर दिया. सरकार ने अलग-अलग राज्यों के लिए मनरेगा की मजदूरी फिक्स की तो राहुल गांधी ने ताना मारा था कि मजदूरों का वेतन मोदी सरकार ने 7 रुपये बढ़ाया है. 700 करोड़ खर्च करके आपके नाम पर 'धन्यवाद मोदी' अभियान भी शुरू कर सकते हैं.

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT