5 साल बाद पीएम मोदी रूस के दौरे पर, जानिए पुतिन से उनकी मुलाकात क्यों होगी खास

News Tak Desk

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PM Modi Russia Tour: नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बाद प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार रूस का दौरा करने जा रहे हैं. उनका ये दौरा अपने आप में काफी अहम होगा. पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ होने वाली उच्च स्तरीय बातचीत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर क्रेमलिन का कहना है कि पश्चिमी देश इस यात्रा को "ईर्ष्या" के साथ देख रहा है.

22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 8 से 9 जुलाई तक मॉस्को में रहेंगे. फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद यह मोदी की पहली रूस यात्रा होगी. 

रूस में पीएम मोदी का बड़ा कार्यक्रम

विदेश मंत्रालय ने सोमवार से शुरू होने वाली उच्च स्तरीय यात्रा की घोषणा करते हुए गुरुवार को नई दिल्ली में कहा कि दोनों नेता दोनों देशों के बीच संबंधों की समीक्षा करेंगे और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शनिवार को रूस के सरकारी VGTRK टेलीविजन चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मॉस्को में प्रधानमंत्री मोदी का काफी बड़ा कार्यक्रम होगा और दोनों नेता अनौपचारिक बातचीत कर सकेंगे.

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उन्होंने कहा कि 'जाहिर तौर पर, एजेंडा काफी बड़ा होगा. यह एक आधिकारिक दौरा होगा और हमें उम्मीद है कि दोनों प्रमुख अनौपचारिक तरीके से भी बात कर सकेंगे.' पेसकोव ने कहा कि रूस-भारत के रिश्ते रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर हैं. उन्होंने कहा कि क्रेमलिन में आमने-सामने की बातचीत होगी और इसमें दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होंगे. ऑफिशियल तास समाचार एजेंसी ने उनके हवाले से कहा, "हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पूर्ण यात्रा की उम्मीद कर रहे हैं, जो रूसी-भारत संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है."

'पीएम मोदी के दौरे को पश्चिम ईर्ष्या से देख रहा'

पेसकोव ने इस बात पर भी जोर दिया कि पश्चिम प्रधानमंत्री मोदी की आगामी रूस यात्रा को करीब से और ईर्ष्या से देख रहा है. उन्होंने कहा कि ' वे ईर्ष्यालु हैं - इसका मतलब है कि वे पीएम मोदी के दौरे पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. उनकी करीब से निगरानी का मतलब है कि वे इसे बहुत महत्व देते हैं और वे गलत नहीं हैं, ये महत्व देने लायक है. 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से, मोदी ने पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ कई टेलीफोन पर बातचीत की है और युद्ध को समाप्त करने के महत्व पर जोर दिया है जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है.

5 साल बाद जा रहे रूस

रूस के साथ अपनी मजबूत दोस्ती को दर्शाते हुए, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की निंदा नहीं की है और यह कहता रहा है कि संघर्ष को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. करीब पांच साल में यह मोदी की पहली रूस यात्रा होगी. रूस की उनकी आखिरी यात्रा 2019 में हुई थी जब उन्होंने सुदूर पूर्व के शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था.

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