चुनाव में किया था राहुल गांधी ने KCR के खिलाफ जांच का वादा, SC में मिली बड़ी जीत, जानिए मामला

रूपक प्रियदर्शी

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Congress: पहले विधानसभा चुनाव, फिर लोकसभा चुनाव-तेलंगाना की राजनीति पलटी क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे से लड़ते हुए केसीआर के करप्शन को टारगेट किया था. बीजेपी को तो कोई खास फायदा नहीं मिला लेकिन केसीआर वाली सत्ता कांग्रेस के हाथ में आ गई. चुनाव बाद भी रेवंत रेड्डी केसीआर को भूले नहीं. केसीआर एंड कंपनी के करप्शन को खोज- खोजकर निकाला जा रहा है. जांच का वादा राहुल गांधी और रेवंत रेड्डी ने चुनावों में किया था. 

केसीआर के करप्शन की जांच के लिए रेवंत रेड्डी ने एक सदस्यीय ज्यूडिशियल इन्क्वायरी कमीशन बनाया था. पटना हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी लेकिन केसीआर कहां हार मानने वाले थे. पहले जांच रूकवाने के लिए तेलंगाना हाईकोर्ट में नाकाम लड़ाई लड़ी. फिर सुप्रीम कोर्ट से जांच कमीशन को अवैध करार देने की मांग की. ये दोनों ही मिशन फेल हुए. 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनी केसीआर की गुहार

सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर और जांच रिपोर्ट आने से पहले केसीआर ने कमीशन को हेड कर रहे जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए. सुप्रीम कोर्ट से शिकायत कर दी कि बिना जांच जस्टिस रेड्डी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लांछन लगाया है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने ये बात पकड़ ली.

सुप्रीम कोर्ट ने रेवंत रेड्डी सरकार और कमीशन के हेड रेड्डी को जमकर सुनाया लेकिन जांच पर रोक नहीं लगाई. तेलंगाना सरकार को आदेश दिया कि जज बदलकर जांच करिए. धारणा बननी चाहिए कि न्याय हुआ है.  इतना सब होने पर जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से कह दिया कि वो आगे जांच नहीं करना चाहते हैं. केसीआर जो चाहते थे वो होते-होते रह गया. रेड्डी पर सवाल उठाकर कमीशन तो बदलवा ली लेकिन जांच नहीं रूकवा पाए. रेवंत रेड्डी सरकार झटके के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में केसीआर पर भारी पड़ गई. 

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केसीआर पर करप्शन के आरोप

कांग्रेस-बीजेपी के केसीआर पर करप्शन के बहुत सारे आरोप हैं. रेवंत रेड्डी की सरकार ने जांच कमीशन से 2014 से 2023 के बीच केवल बिजली के मामलों में करप्शन की जांच करने को कहा था. केसीआर के सीएम रहते छत्तीसगढ़ से बिजली खरीदने और दो पावर प्लांट बनाने में नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा है. केसीआर कह रहे हैं कि राजनीतिक बदले की भावना से जांच हो रही है. 

हाई लेवल हो रही पूरे मामले की जांच

केसीआर के दांवपेंच के बाद भी रेवंत रेड्डी जांच से कदम पीछे हटाने को तैयार नही हैं. अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि तेलंगाना सरकार जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी की जगह किसी और जज जांच के लिए कहेगी. मतलब केसीआर के खिलाफ जांच तब तक बंद नहीं होगी जब तक ऐसा करने के लिए कोई सुप्रीम ऑर्डर न हो.
 

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मामला कितने हाई लेवल का है इसे ऐसे समझिए. जांच करा रही है तेलंगाना सरकार. जांच हो रही है तेलंगाना के पूर्व सीएम की. केस है सुप्रीम कोर्ट मे चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच के सामने. जांच करने वाले हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस हैं. केस लड़ रहे हैं तेलंगाना सरकार के लिए अभिषेक मनु सिंघवी, जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी के लिए गोपाल शंकरनारायण और केसीआर के लिए मुकुल रोहतगी जैसे वकील.

टूट रही केसीआर की पार्टी

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दो ऐसे राज्य हैं जहां सरकारें बदलने के बाद भी राजनीतिक जंग खत्म नहीं हुई है. आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू जगन मोहन रेड्डी से सत्ता छीन लेने के बाद चुन-चुनकर बदला ले रहे हैं. रेवंत रेड्डी केसीआर को जरा पॉलिटिकली हैंडल कर रहे हैं. करप्शन के आरोपों की जांच के लिए कमीशन बनाया. धीरे-धीरे केसीआर की टीम टूट रही है. आधा दर्जन से ज्यादा विधायक, सांसद बीआरएस से कांग्रेस में आ चुके हैं. अगले चुनाव तक केसीआर के साथ कितने लोग बचेंगे, इसकी गिनती धीरे-धीरे कम हो रही है.
 

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