Rahul Gandhi's speech in Parliament: लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण से हटाए गए कुछ अंश, जानिए आखिर क्यों?

अभिषेक

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Rahul Gandhi's speech in Parliament: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को बीजेपी पर बिना रोक-टोक जमकर हमला किया. हालांकि कुछ समय बाद उनके कुछ बयानों को संसद से हटा दिया गया. राहुल गांधी ने सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप लगाया जिसपर सत्ता पक्ष ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बीच में उठकर बोलते नजर आए. इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह के साथ कई मंत्री राहुल गांधी के सामने बैकफुट पर नजर आए. आइए आपको बताते हैं राहुल गांधी ने क्या कहा और किन बयानों को सदन के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. 

 

पीएम मोदी राहुल गांधी के भाषण के बीच में दो बार हस्तक्षेप किया. इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने तीन बार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो बार, भूपेन्द्र यादव ने दो बार, किरण रिजिजू ने एक बार और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हस्तक्षेप किया. राहुल गांधी का भाषण एक घंटे और 40 मिनट तक चला. गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे माफी की मांग की.

अपने बयान में राहुल गांधी ने सरकार को खूब घेरा 

बीते दिन राहुल गांधी संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान बोल रहे थे. लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले भाषण में राहुल गांधी ने कहा, 'हिन्दू सिर्फ एक धर्म नहीं है जो साहस की बात करता है. वास्तव में हमारे सभी धर्म साहस की बात करते हैं. अपने भाषण में उन्होंने पैगंबर मुहम्मद का हवाला देते हुए कहा कि, कुरान निर्भयता की बात करता है. उन्होंने भगवान शिव के गुणों और गुरु नानक, ईसा मसीह, बुद्ध और महावीर की शिक्षाओं का हवाला देते हुए कहा कि सभी धर्म और महान लोग कहते हैं, 'डरो मत, डरो मत'. 

जैसे ही सत्ता पक्ष के सदस्य विरोध में खड़े हुए, राहुल गांधी ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा, 'आप हिंदू नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'हिंदू धर्म में स्पष्ट रूप से लिखा है कि किसी को सच्चाई के साथ खड़ा होना चाहिए और सच्चाई से पीछे नहीं हटना चाहिए या उससे डरना नहीं चाहिए. अपने भाषण के अंत में राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ दल से भय और नफरत नहीं फैलाने को कहा. उन्होंने कहा, 'विपक्ष को अपना दुश्मन मत समझिए. आप जिस भी चीज पर चर्चा करना चाहते हैं, हम उसके लिए तैयार हैं. आइए देश को आगे ले जाने के लिए मिलकर काम करें.'

पीएम मोदी ने उनके भाषण में हस्तक्षेप करते हुए कहा, 'यह मुद्दा बहुत गंभीर है. पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना गंभीर मुद्दा है.' इसपर राहुल गांधी ने कहा, 'केवल नरेंद्र मोदी पूरा हिन्दू समाज नहीं है, बीजेपी पूरा हिन्दू समाज नहीं है, RSS ही पूरा हिन्दू समाज नहीं है. ये बीजेपी का ठेका नहीं है. आप सिर्फ हिंसा और अराजकता की बात करते है, आप हिन्दू है ही नहीं.' पूरा सदन हिन्दू समाज है और हम सच्चाई और प्रेम की बात करते है. 

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राहुल गांधी के इन बयानों को कार्यवाही से हटा दिया गया

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वे बयान जो संसद की कार्यवाही से हटा दिए गए, उनमें बीजेपी पर उनके आरोप थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि, पार्टी अल्पसंख्यकों के साथ गलत व्यवहार कर रही है, उद्योगपति अडानी और अंबानी पर उनकी टिप्पणी, उनके आरोप की NEET परीक्षा अमीर लोगों के लिए है और इसमें मेधावी छात्रों के लिए कोई जगह नहीं है. अग्निवीर योजना भारतीय सेना की नहीं, बल्कि पीएमओ (प्रधान मंत्री कार्यालय) की है.

खड़गे के भाषण के कुछ हिस्से भी हटाये गये

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण के अंश भी संसद के रिकॉर्ड से हटा दिए गए है. एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, खड़गे के संसद भाषण रिकॉर्ड से 'सत्यनाश' (विनाश), 'घमंड' (अहंकार), 'मुजरा' (भारत में मुगल शासन के दौरान महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य प्रदर्शन) जैसे शब्द हटा दिए गए. ऐसे शब्दों के अलावा सदन ने खड़गे के कुछ बयानों को भी सदन से हटा दिया, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी पर समाज को बांटने और गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया था.

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