2 साल में 232 दिन जेल से बाहर रहा राम रहीम, क्या चुनाव नजदीक आते ही इसे मिल जाती है पैरोल?
राम रहीम अपनी ही दो शिष्याओं से रेप का दोषी करार है. गुरमीत राम रहीम को पंचकुला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा सुनाई थी. फिर साल 2019 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई.
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Gurmeet Ram Rahim on Parole: सच्चा डेरा सौदा के प्रमुख, रेप और हत्या के आरोपी गुरमीत राम रहीम को एकबार फिर से पैरोल मिल गया है. रेप और हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे राम रहीम की पिछले दो सालों में यह 7वीं पैरोल चार सालों में 9वीं पैरोल है. अक्सर देखा गया है कि जब कहीं चुनाव होते हैं तो राम रहीम को पैरोल मिल जाती है. पिछली बार राम रहीम को राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय 21 दिन की फरलो मिली थी. अब जबकि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं तो इस बार हरियाणा सरकार ने उसे 50 दिनों की पैरोल दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक राम रहीम पिछले दो सालों में 232 दिन जेल से बाहर रहा है. क्या राम रहीम इतना ताकतवर है कि उसका असर चुनावों पर पड़ता है? क्या है इसकी कहानी?
वैसे आपको बता दें कि जो व्यक्ति जितने दिन पैरोल पर जेल से बाहर रहता है उसकी सजा उतने दिन बढ़ जाती है, फिर भी इतने जघन्य आरोपों में दोषी राम रहीम इतनी आसानी से जेल से बाहर कैसे आ जा रहा है.
पहले जानिए कौन है गुरमीत राम रहीम
गुरमीत राम रहीम का जन्म राजस्थान के श्रीगंगानगर में 15 अगस्त 1967 को हुआ था. वह 1990 में डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख बना था. डेसा सच्चा सौदा की स्थापना साल 1948 में शाह मस्ताना ने की थी. देश में डेरा सच्चा सौदा के 50 से अधिक आश्रम है. एक अनुमान के मुताबिक राम रहीम के आश्रम डेरा सच्चा सौदा के दुनिया भर में करीब 6 करोड़ से ज्यादा अनुयायी हैं. आश्रम का मेन सेंटर हरियाणा के सिरसा में स्थित है. इसके अलावा सोनीपत और यूपी के बागपत जिले के बरनावा में भी बाबा के आश्रम हैं. इसकी संपत्ति 5000 करोड़ बताई जाती है.
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किन मामलों में सजा काट रहा है राम रहीम
राम रहीम अपनी ही दो शिष्याओं से रेप का दोषी करार है. गुरमीत राम रहीम को पंचकुला में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा सुनाई थी. फिर 17 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई. सजा मिलने का कारवां यहीं नहीं रुका. 8 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में राम रहीम और चार अन्य को दोषी ठहराया था. रंजीत सिंह की 2002 में डेरा सच्चा सौदा के परिसर में हत्या कर दी गई थी. यानी राम रहीम दो बलात्कार और दो कत्ल के मामले में दोषी है.
परोल पर रिहाई का राजनीति से रिश्ता
लोग राम रहीम की जेल से बार-बार रिहाई को राजनीति से भी जोड़कर देखते हैं. जब-जब राम रहीम जेल से बाहर आया है तब-तब कहीं न कहीं चुनावों का मौसम होता है. राम रहीम के प्रभाव का फायदा उठाने के लिए उसे परोल और फरलो दी जाती है. जैसे जब फरवरी 2022 में राम रहीम को जमानत दी गई तब पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले थे. तब उसे 21 दिन की परोल दी गई थी. जून 2022 में 30 दिन की परोल, हरियाणा में नगर पालिका के चुनाव. अक्टूबर 2022 में 40 दिन की परोल तब हरियाणा में उपचुनाव और हिमाचल में विधानसभा चुनाव होने वाले थे. ये सभी आंकड़े इस बात की पुष्टि भी करते है.
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