पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के चीफ अब शुभंकर सरकार, कौन हैं ये, इन्हें क्यों मिला खास जिम्मा?

अभिषेक

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WB Congress Chief Subhankar Sarkar: कांग्रेस पार्टी ने बीते दिनों शुभंकर सरकार को पश्चिम बंगाल का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया. बंगाल में कांग्रेस सालों से अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में थी जो ममता बनर्जी पर जमकर हमले करते हुए नजर आए हैं. CM ममता ने भी उन्हें खूब टारगेट किया है. इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को बहरामपुर लोकसभा सीट पर अधीर रंजन चौधरी के सामने उतार दिया जहां उन्होंने चौधरी को 85022 वोटों से हरा दिया. चौधरी और ममता की लड़ाई पुरानी रही है. अब कांग्रेस पार्टी ने इसी लड़ाई का 'द एंड' करने के लिए शुभंकर सरकार को आगे कर दिया है. 

अब कांग्रेस पार्टी ने अधीर रंजन चौधरी की जगह एक नए चेहरे शुभंकर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है. पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में एक ऐसे चेहरे को चुना है जो राज्य इकाई में सभी के लिए चहेते ही है. पार्टी के लिए सबसे अच्छी बात तो ये है कि, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस(TMC) का कांग्रेस के प्रति जो विरोध का रवैया रहा है उसमें थोड़ी नरमी आने की उम्मीद है. आइए आपको बताते हैं आखिर कौन हैं शुभंकर सरकार और उनके अध्यक्ष बनने से क्या हो सकते है बदलाव?

अध्यक्ष बनाए जाने पर क्या कहा शुभंकर सरकार ने?

अध्यक्ष बनाए जाने पर शुभंकर सरकार ने कहा, 'मैं शून्य से शुरू कर रहा हूं. मैं अपने कार्यकर्ताओं, जिला और ब्लॉक स्तर के नेताओं से बात करूंगा और फिर निर्णय लूंगा'. सरकार ने कहा, 'मैंने अपना राजनीतिक करियर एक बूथ एजेंट के रूप में शुरू किया और फिर छात्र, राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में काम किया.' आज पार्टी ने मुझे प्रदेश का अध्यक्ष बनाया है मैं इसके लिए शीर्ष नेतृत्व का आभारी हूं. मैं पूरी ईमानदारी और मेहनत से अपना काम करूंगा.'

पहले जानिए कौन हैं शुभंकर सरकार?

शुभंकर सरकार का जन्म मेदिनीपुर के एक छोटे से गांव में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार में हुआ था. वो  64 साल के है. उनके दादा-दादी और उनके पिता देबब्रत सरकार स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल थे. उन्होंने कॉलेज में रहते हुए ही अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और 1996 से 2004 तक राज्य में पार्टी की छात्र शाखा, पश्चिम बंगाल छात्र परिषद के प्रमुख बने. बाद में वह राष्ट्रीय छात्र संघ के राष्ट्रीय महासचिव बने. फिर उन्होंने 2004 से 2006 तक भारतीय युवा कांग्रेस में कार्य किया. 2013 में उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया और वह 2018 तक इस पद पर बने रहे. AICC के राष्ट्रीय सचिव के रूप में अपने पिछले कार्यकाल में उन्होंने ओडिशा के राज्य प्रभारी के रूप में कार्य किया. 

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'क्या ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच की दूरी को कम करेंगे शुभंकर'

शुभंकर सरकार को बंगाल में उदारवादी नेता के रूप में देखा जाता है. वैसे उनके कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे कई तरह की बातें चल रही है. हालांकि सभी बातों में सबसे प्रमुख बात ये है कि, शुभंकर एक ऐसा चेहरा हैं जिन्हें पार्टी के सभी गुट मुहर लगाते है और वो ममता बनर्जी की TMC और कांग्रेस के बीच के तनाव को कम कर सकते हैं. आपको बता दें कि, इससे पहले अधीर रंजन चौधरी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे और वो लगातार ममता बनर्जी और TMC पर निशाना साधते रहे हैं. ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच के खटास की प्रमुख वजह वहीं माने जाते रहे है. 

शुभंकर सरकार की नियुक्ति पर TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने उनको बधाई दी. उन्होंने लिखा, 'शुभंकर सरकार दूसरी पार्टी से हैं, लेकिन वो हमारे लंबे समय के दोस्त हैं, लंबे समय से परिचित हैं, और हमारी बातचीत भी होती है. नई पीढ़ी के किसी नेता को एक राजनीतिक दल की कमान संभालते देखना अच्छा है.' उन्होंने यह भी लिखा कि, आशा है कि, आने वाले समय में बंगाल में एक नई सियासत देखने को मिलेगी.'

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