बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार फिर दिखे साथ, क्या पक रहा है?

रूपक प्रियदर्शी

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Tejaswi Surya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को एक नया भारत देने का वादा किया है, जिसे वे ‘न्यू इंडिया’ कहते हैं. पीएम मोदी ने कई मौकों पर अपने विज़न को प्रस्तुत करते हुए यह दावा किया है कि भारत उनकी सरकार के नेतृत्व में तेजी से तरक्की कर रहा है. लेकिन बेंगलुरु साउथ के सांसद तेजस्वी सूर्या के हालिया बयान ने न्यू इंडिया की धारणा पर सवाल खड़े कर दिए.

तेजस्वी ने अपने गुस्से को सार्वजनिक तौर पर जाहिर किया, जिसमें उन्होंने सरकार की प्रणाली की धीमी गति पर चिंता जताई. कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार और तेजस्वी सूर्या की मेट्रो यात्रा के दौरान यह मुद्दा उजागर हुआ. दोनों नेता बेंगलुरु के नम्मा मेट्रो ग्रीन लाइन एक्सटेंशन की शुरुआत में मौजूद थे, जो काफी समय से अटका हुआ था.

सात साल की देरी से शुरू हुई छोटी-सी मेट्रो लाइन

बेंगलुरु की ग्रीन लाइन मेट्रो का विस्तार, जो केवल 3.14 किलोमीटर लंबा है, सात साल की देरी के बाद आखिरकार शुरू हुआ. यह प्रोजेक्ट 2017 में आरंभ हुआ था और इसे 27 महीने में पूरा होना था, परंतु इसमें 91 महीने लग गए. इस दौरान, इसकी लागत 298 करोड़ रुपए से बढ़कर 1168 करोड़ रुपए तक पहुंच गई. लंबे समय से बेंगलुरु की जनता इस मेट्रो लाइन का इंतजार कर रही थी, ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिल सके. इस लाइन से रोज़ाना करीब 44,000 यात्री यात्रा करेंगे.

तेजस्वी सूर्या ने खुद कहा कि इस मेट्रो को शुरू कराने में उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप कराना पड़ा, जिससे न्यू इंडिया के धीमे प्रशासनिक तंत्र का खुलासा होता है. तेजस्वी के मुताबिक, कई बार प्रयास करने के बाद भी शहरी विकास मंत्रालय से मंजूरी पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.

न्यू इंडिया की धीमी ब्यूरोक्रेसी पर सूर्या की नाराजगी

सांसद तेजस्वी सूर्या ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि न्यू इंडिया में प्रोजेक्ट्स को पूरी करने और उन्हें शुरू करने में अब भी भारी देरी हो रही है. उनके अनुसार, न्यू इंडिया के नौकरशाही तंत्र को युवा भारत की उम्मीदों के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए फास्ट ट्रैक मंजूरी लेने के लिए कई कॉल्स किए गए और कई अफसरों से संपर्क किया. फिर भी सिस्टम की असक्षमता सामने आई. तेजस्वी का मानना है कि यदि देश को सही मायनों में न्यू इंडिया बनाना है, तो नौकरशाही को अधिक मुस्तैदी और समय की पाबंदी के साथ काम करना होगा.

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सूर्या ने जताई चिंता

बेंगलुरु जैसे महानगर में ट्रैफिक जाम से राहत देने वाले मेट्रो प्रोजेक्ट्स की धीमी प्रगति ने सूर्या को चिंता में डाल दिया है. नम्मा मेट्रो की येलो लाइन जो 2021 में शुरू होनी थी, अब 2025 में शुरू होने की उम्मीद है. इसी तरह पिंक लाइन भी एक साल की देरी से चल रही है. सरकार ने 2026 तक बेंगलुरु में 175 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क बिछाने का लक्ष्य रखा है, परंतु अब तक केवल 77 किलोमीटर ही पूरा हो पाया है. तेजस्वी का यह बयान बताता है कि न्यू इंडिया में विकास की राह में अब भी कई बाधाएं हैं, जिन पर ध्यान देने की सख्त जरूरत है.

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