CM योगी और पल्लवी पटेल की मुलाकात ने बढ़ाया अनुप्रिया-केशव मौर्य का 'पारा'? जानिए क्या है दोनों से कनेक्शन

रूपक प्रियदर्शी

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CM Yogi- Pallavi Patel Meeting: उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने शुक्रवार को सीएम योगी को लेकर चल रही चर्चा को लेकर पर विराम लगा दिया. लोकसभा चुनाव में यूपी के खराब रिजल्ट के बाद योगी आदित्यनाथ सीएम रहेंगे या जाएंगे इसको लेकर काफी चर्चा हो रही थी. इस बीच भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि सीएम बदलने की चर्चा गलत है, यही बोलकर भूपेंद्र चौधरी ने कन्फर्म कर दिया कि बातें तो इसी सब की चल रही हैं. 

योगी-पल्लवी पटेल की मुलाकात ने बढ़ाया यूपी राजनीति का तापमान!

योगी को लेकर भयंकर तेज राजनीति के बाद लखनऊ की एक मुलाकात ने यूपी की पॉलिटिक्स और हॉट कर दी है. सस्पेंस का दायरा और बढ़ गया है. योगी रहेंगे या जाएंगे वाली अटकलों के बीच योगी से मिलने पहुंच गईँ पल्लवी पटेल. पल्लवी के साथ पति पंकज निरंजन भी आए थे. वैसे तो योगी-पल्लवी पटेल की मुलाकात में शिष्टाचार का भी एंगल है. नई अटकल ये शुरू है कि पल्लवी पटेल को साथ लेकर योगी बाबा केशव प्रसाद मौर्य या अनुप्रिया पटेल या दोनों से निपटने के लिए किसी बड़े प्लान पर तो काम नहीं कर रहे?

पल्लवी पटेल ने केशव मौर्य को हराया था चुनाव

लोकसभा चुनाव में बीजेपी-NDA को भारी नुकसान के बाद केशव प्रसाद मौर्य और अनुप्रिया पटेल दोनों ने भौएं तान रखी हैं. जबरदस्त कोल्ड वॉर चल रहा है. योगी के दिल्ली पहुंचने से पहले केशव मौर्य दिल्ली गए थे. जाते समय सैड दिखे. लौटे स्माइल करते हुए. अनुप्रिया चिट्ठियां लिखकर योगी की सरकार को बता रही हैं कि कहां क्या गलत चल रहा है. जबर टेंशन के बीच इस मुलाकात कनेक्शन ये है कि पल्लवी पटेल का कनेक्शन केशव प्रसाद मौर्य से भी है और अनुप्रिया पटेल से भी. 

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पॉलिटिक्स में पल्लवी पटेल का कद अभी भी उतना बड़ा नहीं जितनी बड़ी यूएसपी है. 2022 के विधानसभा चुनाव में पल्लवी पटेल ने सिराथू सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पछाड़ा था. चुनाव हारने के बाद केशव प्रसाद मौर्य के राजनीतिक कद में ऊंच-नीच नहीं हुई लेकिन पल्लवी पटेल का पॉलिटिकल ग्राफ एकदम से चढ़ गया. बीजेपी विरोधियों को पल्लवी पटेल में भविष्य का दमदार नेता दिखने लगा. केशव मौर्य को हराने के बाद पल्लवी पटेल ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस से नजदीकी बढ़ाई. अखिलेश यादव से अलायंस किया. राहुल गांधी की फैन बनकर भारत जोड़ो यात्रा में भी चली गईं. फिर न जाने क्या हुआ कि सपा और कांग्रेस का पोटेंशियल वीक दिखने लगा तो उन्होंने यूटर्न मार लिया.

बहने हैं पल्लवी और अनुप्रिया पटेल

राज्यसभा चुनाव में जया बच्चन की उम्मीदवारी का विरोध करते हुए सपा से रिश्ते-नाते तोड़ दिए. असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM से अलायंस किया लेकिन सपा-कांग्रेस के साथ नहीं गईं. बीजेपी के साथ खुलकर जाने में दिक्कत ये रही है कि दीदी अनुप्रिया पहले से जमी हुई हैं. दीदी अनुप्रिया मोदी सरकार में मंत्री हैं. जीजाजी आशीष पटेल योगी सरकार के मंत्री हैं. दोनों बहनों की बिलकुल नहीं बनती.

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पल्लवी पटेल अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की बेटी हैं. अनुप्रिया पटेल पल्लवी पटेल सगी बड़ी बहन हैं. मिर्जापुर, भदोही, रॉबर्ट्सगंज जैसे इलाके में पटेल परिवार को असरदार माना जाता है. सोनेलाल पटेल के निधन के बाद दोनों बेटियों में विरासत की जंग शुरू हुई. अपना दल का बंटवारा हुआ. अनुप्रिया पटेल के पास अपना दल सोनेवाल गया. पल्लवी पटेल के पास मां कृष्णा पटेल और अपना दल कमेरावादी नाम की पार्टी आई. अनुप्रिया पटेल हमेशा से बीजेपी के साथ रहीं. पल्लवी पटेल बीजेपी विरोध की राह पकड़ने के बाद वापस बीजेपी के आसपास दिख रही हैं.

गुपचुप हुई सीएम योगी से पल्लवी की मुलाकात

लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ-साथ उसके सहयोगियों को भी झटके लगे. किसी तरह अनुप्रिया पटेल अपनी सीट जीत गई. पार्टी के उम्मीदवार हारे. पल्लवी पटेल का खाता भी नहीं खुला. उन्होंने इंडिया गठबंधन तब झटका दिया जब उसका चांस बढ़िया हो रहा था. बीजेपी के साथ तब दिख रही हैं जब ग्राफ तेजी से गिरा है. 

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योगी को लेकर अनिश्चितता है तो पल्लवी पटेल भी न तीन में हैं, न तेरह में. आम तौर पर योगी का ऑफिस ऐसी मुलाकातों की कम से कम फोटो रिलीज करता है लेकिन ये मुलाकात और मुद्दा दोनों गोपनीय रखा गया जिसकी थोड़ी जानकारी सूत्र निकाल पाएं हैं. साफ नहीं कि अगर किसी आइडिया को लेकर योगी और पल्लवी पटेल मिले तो वो है क्या. अगर कोई आइडिया भी नहीं तो दोनों को एक-दूसरे से मिलने का आइडिया क्यों आया.

 

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