मोदी-भागवत के बीच ठनी! संघ ने बीजेपी को दिया अल्टीमेटम – जानिए क्यों टल रही राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति?

विजय विद्रोही

ADVERTISEMENT

NewsTak
social share
google news

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच रिश्तों में तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है. इसका ताजा उदाहरण बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हो रही देरी है. संघ ने साफ संदेश दे दिया है कि जल्द से जल्द नया अध्यक्ष चुना जाए, अन्यथा पार्टी को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

जेपी नड्डा को संघ की ‘नो एंट्री’

सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु में होने वाली संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में बीजेपी अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया है. इसकी वजह यह बताई जा रही है कि जेपी नड्डा का कार्यकाल संघ के अनुसार पहले ही समाप्त हो चुका है, जबकि बीजेपी उन्हें एक्सटेंशन देती आ रही है. संघ अब स्पष्ट रूप से नए अध्यक्ष की मांग कर रहा है, जो स्वतंत्र निर्णय लेने वाला हो और संगठन व सत्ता के बीच तालमेल बिठाने में सक्षम हो.

क्यों अटका हुआ है चुनाव?

बीजेपी के संविधान के अनुसार, जब तक आधे से ज्यादा प्रदेश इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव पूरे नहीं हो जाते, तब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की जा सकती. वर्तमान में केवल 12 प्रदेशों में यह प्रक्रिया पूरी हुई है, जबकि कम से कम 18 प्रदेशों में इसे संपन्न होना जरूरी है. दिलचस्प बात यह है कि कई राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया जानबूझकर धीमी की जा रही है, जिससे राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति टाली जा सके.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

संघ और मोदी के बीच मतभेद?

संघ की ओर से स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरी तरह स्वतंत्र होना चाहिए और केवल हाईकमान की हां में हां मिलाने वाला नहीं होना चाहिए. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, जो उनकी नीतियों के साथ सहज रहे. संघ द्वारा सुझाए गए नामों पर मोदी सहमत नहीं हैं और मोदी द्वारा सुझाए गए नामों को संघ ने खारिज कर दिया है. यही वजह है कि अध्यक्ष पद का चुनाव लगातार लटक रहा है.

मोदी-भागवत की संभावित बैठक

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी 30 मार्च को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय जाने वाले हैं, जहां वे मोहन भागवत से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर चर्चा हो सकती है.

ADVERTISEMENT

संभावित नामों पर अटकलें

अटकलें लगाई जा रही है कि 2009 जैसी स्थिति भी हो सकती है जब गडकरी जैसा एक अंजान चेहरा राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गया था, कोई लो-प्रोफाइल नेता अध्यक्ष अध्यक्ष बन जाएगा. वहीं, अगर संघ की पसंद चली, तो कोई अनुभवी नेता यह पद संभाल सकता है.  संभावित नामों में मनोहर लाल खट्टर, राजनाथ सिंह, और निर्मला सीतारमण का भी जिक्र हो रहा है, हालांकि महिला उम्मीदवार को लेकर संभावना कम जताई जा रही है. 

ADVERTISEMENT

ये भी पढ़िए: साप्ताहिक सभा: राहुल गांधी का अपनी ही पार्टी पर हमला, कांग्रेस में अंदरूनी कलह की कहानी

 

 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT