6 राज्यों की 8 सीटों पर पलटेगा लोकसभा चुनाव का रिजल्ट? चुनाव आयोग ने किया प्रोसेस तेज, समझिए

रूपक प्रियदर्शी

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Election Commission: 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए. वैसे तो ज्यादा कुछ नहीं बदला. नरेंद्र मोदी तीसरी बार भी पीएम बन गए. राहुल गांधी को पहली बार विपक्ष के नेता का पद मिला. बदला सिर्फ इतना कि बीजेपी को बहुमत से कम सीटें आईं. चुनाव का नतीजा ऐसा आया कि बीजेपी से तीसरी बार सरकार में होने का जश्न नहीं मना पा रही है. इंडिया गठबंधन इसी से खुश है कि 400 पार के नारे लगा रही बीजेपी को बहुमत से रोक दिया. 

ऐसा संभव है कि लोकसभा चुनाव का एक और नतीजा अगले कुछ दिनों में आए. लोकसभा की एक-दो नहीं, 8 सीटों का नतीजा पलटने का चांस बन रहा है. चुनाव आयोग में 8 सीटों पर ईवीएम-वीवीपैट पर्चियों के मिलान का प्रोसेस शुरू हो गया है. हारने वाले उम्मीदवार चुनाव नतीजे के 45 दिन के अंदर अपील कर सकते थे. ये समय निकल चुका है. अगस्त के आखिर या सितंबर के शुरूआत में ये नतीजा आ सकता है कि 8 सीटों के नतीजे सही थे या कोई झोल था. 

8 सीटों पर फिर से आएंगे नतीजे

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 6 राज्यों की 8 लोकसभा सीटों पर हारने वाले उम्मीदवारों ने ईवीएम-वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग चुनाव आयोग से की है. कुल मिलाकर 92 पोलिंग स्टेशन की मशीनों की जांच होगी. आंध्र प्रदेश और ओडिशा की 3 विधानसभा सीटों के लिए भी ऐसी मांग आई है. विधानसभा की 26 पोलिंग स्टेशन की मशीनें जांच के दायरे में हैं. गौर करने वाली बात ये है कि 543 में से सिर्फ 8 सीटों पर चुनाव नतीजे को रीचेक करने की मांग की गई है, 535 सीटों पर चुनाव जीतने और हारने वालों ने नतीजे स्वीकार कर लिए हैं.

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बीजेपी उम्मीदवार ने भी EC से की मांग

चुनाव आयोग की इस सुविधा का लाभ उठाने वाले बीजेपी के हारे उम्मीदवार भी हैं. महाराष्ट्र की अहमदनगर सीट से एनसीपी से 28929 वोटों से चुनाव हारने वाले राधाकृष्ण विखे पाटिल ने रिव्यू की मांग की है. ओडिशा की झारसुगुड़ा से बीजेडी की दीपाली दास सिर्फ 1265 वोटों से बीजेपी से हारी थी. दीपाली दास ने 13 मशीनों की जांच की मांग की है. दीपाली की शिकायत ये है कि 17 राउंड की काउंटिंग तक लीड लेने के बाद भी आखिरी 2 राउंड की गिनती से हार गईं.

लोकसभा चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से ऐसी सुविधा देने के लिए कहा था. चुनाव आयोग ने दूसरे और तीसरे नंबर पर आए उम्मीदवारों के लिए ये सुविधा शुरू कर दी है. कैसे, क्या होगा, इसकी SOP जारी कर दी है. एक प्रक्रिया ये है कि चुनाव आयोग ईवीएम वेरिफिकेशन में मॉक पोल कराएगा जिसमें उम्मीदवार या उसके प्रतिनिधि 1400 वोट डालकर मशीन चेक कर सकते हैं.

उम्मीदवार को देनी होगी कितनी फीस?

उम्मीदवार अपनी पसंद के बूथ और फलां ईवीएम का डेटा रीचेक करा सकते हैं. वीवीपैट की पर्चियों से ईवीएम में पड़े वोटों का मिलान करा सकते हैं. इसके लिए प्रति मशीन 40 हजार प्लस जीएसटी फी डिपॉजिट करानी होगी. नियम है कि 5 परसेंट वोटों का मिलान पर्चियों से कराया जाएगा. अगर उम्मीदवार की शिकायत सही मिली तो एक्शन भी होगा और उम्मीदवार को पैसा भी लौटाया जाएगा. वरना डिपॉजिट जब्त होगा. 

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26 अप्रैल के जजमेंट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा था कि किसी सिस्टम पर आंख मूंदकर अविश्वास करने से संदेह ही पैदा होता है. जजमेंट में कोर्ट ने क्लियर कर दिया था कि ईवीएम-वीवीपैट पर्चियों का 100 परसेंट मिलान नहीं होगा. ईवीएम पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ताओं ने बैलेट से चुनाव की मांग की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.

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