पिछले चुनाव के मुकाबले संसद में कम पहुंचीं महिला सांसद, वूमेन रिप्रेजेंटेशन पर खास रिपोर्ट

शुभम गुप्ता

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Loksabha Elections: चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चला है कि इस लोकसभा चुनाव में 2014 और 2019 के मुकाबले कम महिलाएं सांसद बनकर संसद पहुंची हैं. 2019 की तुलना में इस बार के आंकड़ों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है. इस बार कुल 74 महिलाएं सांसद बनीं हैं जो कि 2014 में 61 महिलाएं सांसद बनीं थीं. 2019 में इन दोनों आम चुनाव के मुकाबले 78 महिलाएं सांसद बनीं थीं. चुनाव आयोग का आंकड़ा ये भी बताता है कि इस बार महिला मतदाताओं का मतदान सबसे कम था.

महिला कैंडिडेट्स में हुई बढ़ोतरी

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन बार के आम चुनावों में महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी है. 2014 लोकसभा चुनाव में 669 महिलाओं उम्मीदवार उतरीं थी. वहीं 2019 में 725 और इस बार के आम चुनाव में 779 महिला उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई. हालांकि इसके तीन राज्य ऐसे भी हैं जिनमें महिला उम्मीदवारों पर कम भरोसा जताया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में 2014 में 126 महिला उम्मीदवारों को मौका दिया गया था जो कि इस बार घटकर 79 रह गया. यूपी के अलावा असम में 2014 में 16 महिलाएं उम्मीदवार थी और इस बार 12 कैंडिडेट उतारी गईं. राज्सथान में 2014 में 27 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं वहीं इस बार आंकड़ा 19 पर रह गया है.

आंकड़ो से पता चलता है कि 8 राज्यों में महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी भी है: तमिलनाडु (2014 में 55 से 77), दिल्ली (13 से 24), पश्चिम बंगाल (51 से 72), कर्नाटक (20 से 42), ओडिशा (17 से 33), और महाराष्ट्र (69 से 111).

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कुल महिला उम्मीदवार की बात करें तो 2014 के बाद से इस बार के चुनाव में 14 राज्यों में महिला उम्मीदवारों की  संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है. इनके अलावा 18 राज्यों में महिला उम्मीदवारों में कमी आई है. 2014 में कुल महिला उम्मीदवारों की संख्या 8.1 फीसदी थी और इस बार के आम चुनाव में उनकी संख्या 9.5 फीसदी पर पहुंच गई है.

विपक्षी गठबंधन ने 2014 के बाद से लगातार महिला उम्मीदवारों की टिकट काटी है. 2014 में विपक्ष ने 208 महिला कैंडिडेट बनाए थे तो 2019 में 115 ही महिला कैंडिडेट को टिकट दिया और 2024 लोकसभा चुनाव में ये आंकड़ा 97 का रह गया. एनडीए ने 2014 के चुनाव से लेकर अभी तक हर आम चुनाव में ज्यादा महिलाओं को टिकट दिया है.  एनडीए ने 2014 में 58 उम्मीदवार बनाए तो 2019 में 73 और इस बार 91 महिला कैंडिडेट मैदान में उतारीं.

महिला वोटर्स में आई कमी

2024 लोकसभा चुनाव में महिलाओं का औसत मतदान 69.24 फीसदी दर्ज किया गया है. ये पिछले तीन चुनावों के मुकाबले सबसे कम है. 2014 में 71.14 फीसदी महिलाओं ने वोट किया था. वहीं 2019 में इसमें मामूली से बढ़ोतरी दर्ज की गई. पिछले आम चुनाव में ये आंकड़ा 71.37 फीसदी रहा.

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आंकड़ो से ये पता चलता है कि 2019 से 2024 तक केवल पांच राज्यों में महिला वोटर्स में भारी वृद्धि देखने को मिली है. इनमें जम्मू-कश्मीर भी शामिल है. J&K में 12.71 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई हैं वहीं मेघालय में 4.87 फीसदी ज्यादा महिलाओं ने वोट किया. 

जम्मू-कश्मीर में वोट पर्सेंटज बढ़ने के पीछे का मुख्य कारण है धारा 370. क्योंकि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से राज्य में पहली बार कोई चुनाव हुए थे जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. गुजरात और हरियाणा में भी महिला द्वार डाले गए वोट्स में कमी देखी गई. गुजरात में 4.34 फीसदी महिला वोटर्स की गिरावट आई, वहीं हरियाणा में 6.06 फीसदी आंकड़ा कम दर्ज किया गया. 

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छत्तीसगढ़, कर्नाटक और मेघालय में लगातार महिला मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है: छत्तीसगढ़ में 2014 में 68.06% से 2024 में 72.23%), कर्नाटक (65.76% से 70.16%) और मेघालय (69.99% से 78.8)। %). इनके अलावा 10 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ऐसे भी जिनमें पिछले तीन चुनावों में लगातार गिरावट देखी गई, जैसे पंजाब (70.95% से 62.28%) और नागालैंड (87.65% से 57.9%).

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