पोस्टमार्टम के बाद चिता पर लेटा हुआ मृत युवक हो गया जिंदा, झुंझुनूं में डॉक्टर्स की बड़ी लापरवाही, 3 सस्पेंड
राजस्थान को झुंझुनू में पोस्टमार्टम करने के बाद एक मृत घोषित व्यक्ति के जिंदा होने का हैरतअंगेज मामला सामने आया है. इस खुलासे के बाद राजस्थान सरकार ने गंभीर लापरवाही मानते हुए तीन डाक्टरो को निलंबित कर दिया है.
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राजस्थान को झुंझुनू में पोस्टमार्टम करने के बाद एक मृत घोषित व्यक्ति के जिंदा होने का हैरतअंगेज मामला सामने आया है. इस खुलासे के बाद राजस्थान सरकार ने गंभीर लापरवाही मानते हुए तीन डाक्टरो को निलंबित कर दिया है. झुंझुनूं के बग्गड़ में रोहिताश नाम का एक दिव्यांग और मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति मां सेवा संस्थान में रह रहा था.
गुरूवार की सुबह बेहोशी की हालत में युवक को इलाज के लिए सरकारी बीडीके अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया था. जहां बीडीके अस्पताल में डॉक्टर ने रोहिताश को मृत घोषित मृत घोषित कर दिया. मृत घोषित करने के बाद बीडीके अस्पताल की मोर्चरी में रोहिताश के कथित शव को डाक्टरों ने शिफ्ट करवा दिया. दो घंटे बाद शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार के लिए संस्थान को सुपुर्द किया गया था मगर अंतिम संस्कार पर ले जाने के दौरान मृत रोहिताश जिंदा हो गया. आनन फानन में रोहिताश को लाया गया बीडीके अस्पताल जहां पर उसे बीडीके अस्पताल के आईसीयू में किया शिफ्ट किया गया है.
सीसीटीवी कैमरों को घूमा दिया गया
इस हैरतअंगेज घटना की सूचना पर सरकार ने तहसीलदार ओर बगड़ थानाधिकारी को जांच के लिए अस्पताल भेजा. बीडीके अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों को घूमा दिया गया था. जिला कलक्टर रामवतार मीणा ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए स्वास्थ्य विभाग को पूरी रिपोर्ट भेजी जहां देर रात सरकार ने दोषी डाक्टरों पर एक एक एक्शन लिया है.
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जिला कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद पीएमओ सहित तीन चिकित्सकों पर कार्रवाई की गई है. बीडीके अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सन्दीप पचार, डॉ योगेश जाखड़ ओर डॉ नवनीत मील को निलंबित किया गया है.
तीन डॉक्टर्स को किया सस्पेंड
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त शासन सचिव मीणा ने आदेश जारी किए हैं. निलम्बन काल मे डॉ सन्दीप पचार का मुख्यालय सीएमएचओ ऑफिस जैसलमेर, डॉ योगेश जाखड़ का मुख्यालय सीएमएचओ ऑफिस बाड़मेर जैसे सरहदी इलाकों में सजा के रूप में किया गया है. जबकि डॉ नवनीत मील का निलंबन काल के दौरान मुख्यालय सीएमएचओ ऑफिस जालोर रहेगा.
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कलेक्टर ने दी ये जानकारी
कलेक्टर रामवतार मीणा ने बताया कि बीडीके अस्पताल के पीएमओ सहित तीनों चिकित्सकों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है. 25 साल के मूकबधिर रोहिताश की जयपुर के सवाईमान सिंह अस्पताल में मौत हो गई. श्मशान से ज़िंदा लौटने के बाद झुंझुनूं के सरकारी अस्पताल में रखा हुआ था. जहां पर सुबह इसे जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में लाया गया था . फिलहाल शव को मोर्चरी में रखा हुआ है. झुंझनु पुलिस के आने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा.
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