उदयपुर के मेवाड़ राजपरिवार का विवाद सुलझा, सिटी पैलेस में विश्वराज सिंह ने किए धूणी के दर्शन

ललित यादव

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उदयपुर के प्रतिष्ठित मेवाड़ राजपरिवार में प्रॉपर्टी को लेकर छिड़ा विवाद अब खत्म हो गया है. इस विवाद के कारण स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि सिटी पैलेस के बाहर पथराव तक हुआ. लेकिन अब दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है. बुधवार को बीजेपी विधायक और पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ ने पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में सिटी पैलेस के अंदर प्रवेश किया और पवित्र मानी जाने वाली धूणी पर नमन किया.  

समर्थकों ने कंधे पर उठाया

सिटी पैलेस के अंदर प्रवेश के दौरान उदयपुर में मार्च कर रहे राजपूत समुदाय के लोगों ने विश्वराज सिंह को कंधे पर उठा लिया. इस बीच, समझौते के दौरान लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को विश्वास में लिया गया और उनसे आश्वासन लिया गया कि वे या उनके समर्थक इस मामले में कोई बाधा नहीं डालेंगे.  

क्या था विवाद?

विवाद की शुरुआत सोमवार को हुई, जब चित्तौड़गढ़ किले में आयोजित एक समारोह में विश्वराज सिंह को मेवाड़ राजघराने के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया. उनके पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ का हाल ही में निधन हुआ था. इस राजतिलक के बाद विश्वराज सिंह का सिटी पैलेस की धूणी और एकलिंगनाथजी मंदिर में जाने का कार्यक्रम तय हुआ था.  

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लेकिन सिटी पैलेस की देखरेख कर रहे अरविंद सिंह मेवाड़ (महेंद्र सिंह के छोटे भाई) और उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह ने विश्वराज सिंह को धूणी पर जाने से रोक दिया. इस विवाद ने तूल पकड़ा और दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई, जिसमें तीन लोग घायल हो गए. हालात को काबू में रखने के लिए पुलिस को बैरिकेड्स लगाने और भारी सुरक्षा बल तैनात करने की जरूरत पड़ी.  

लक्ष्यराज का आरोप और बयान

लक्ष्यराज सिंह ने इस मुद्दे पर कहा कि यह विवाद राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश का नतीजा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग प्रशासन पर दबाव डालकर जबरन उनके घर (सिटी पैलेस) में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "धार्मिक रस्मों के नाम पर लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालना सही नहीं है." 

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लक्ष्यराज सिंह ने यह भी कहा कि मंदिर और सिटी पैलेस सभी के लिए खुले हैं, लेकिन कुछ शर्तों और जिम्मेदारियों के साथ. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला कानूनी रूप से हल होना चाहिए और उन्होंने कानून के तहत जवाब देने का भरोसा जताया.  

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विश्वराज सिंह का पक्ष

दूसरी ओर, विश्वराज सिंह ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि राजपरिवार की पारंपरिक रस्मों को रोकना अनुचित है. उन्होंने इसे उनका अधिकार बताया और कहा कि उन्हें अनुष्ठान पूरा करने से रोका गया, जो गलत है. उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील भी की.  

विवाद का अंत और सुलह

विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई और समझौता हुआ. इसके बाद, पुलिस और जिला प्रशासन की निगरानी में विश्वराज सिंह ने सिटी पैलेस में प्रवेश किया और धूणी का दर्शन किया.  

 

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