Rajasthan: कांग्रेस MLA जुबेर खान का निधन, गांधी परिवार से थी नजदीकी, अब 7 सीटों पर होगा उपचुनाव

ललित यादव

ADVERTISEMENT

zubair khan ramgarh
zubair khan ramgarh
social share
google news

Rajasthan: अलवर के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान (61) का शनिवार, 14 सितंबर की सुबह 5:50 बजे निधन हो गया. वह करीब डेढ़ साल से बीमार चल रह थे. एक साल पहले ही विधायक जुबेर खान ने लिवर ट्रांसप्लांट कराया था और हाल ही में उनकी स्थिति बेहद गंभीर हो गई थी, जिससे डॉक्टरों ने लगभग 15 दिन पहले इलाज करने से हाथ खींच लिया था. उनका अंतिम संस्कार आज शाम 5:50 बजे रामगढ़ में किया जाएगा.

जुबेर खान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अलवर के माचड़ी गांव के बगड़ राजपूत स्कूल और नवीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की थी.  इसके बाद वे दिल्ली गए, जहां उन्होंने जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. जुबेर खान के दो बेटे हैं, आदिल (29) और आर्यन (26). आदिल और आर्यन दोनों ही एमबीए हैं. छोटे बेटे ने LLB की पढ़ाई के बाद दिल्ली में प्रैक्टिस शुरू की है. उनकी पत्नी, सफिया जुबेर भी राजनीति में सक्रिय हैं और पूर्व में विधायक रह चुकी हैं.

लोकसभा चुनाव के बाद से बिगड़ी तबीयत

पिछले डेढ़ साल से बीमार रहे जुबेर खान ने एक साल पहले लिवर ट्रांसप्लांट कराया था. लोकसभा चुनाव के दौरान अत्यधिक भाग-दौड़ से उनकी सेहत और बिगड़ती चली गई. इसी बीच उन्हें आईसीयू में रखा गया और उपचार के लिए जयपुर भी ले जाया गया. उन्होंने ढाई पेडी में अपने घर में ही आईसीयू तैयार करवा लिया था.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

जुबेर खान का राजनीतिक करियर

जुबेर खान का राजनीतिक सफर 1990 में रामगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनने के साथ शुरू हुआ, जब उनकी उम्र 25 साल 4 महीने थे. 1993 में उन्होंने फिर से विधायक का चुनाव जीता. इसके बाद वे NSUI के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रहे. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी रहे और 2003 में फिर विधायक बने. उन्होंने विधानसभा में सचेतक का पद भी संभाला, लेकिन 2008 में चुनाव हार गए. उनकी पत्नी को 2010 में जिला प्रमुख बनाया गया और 2012 में वे AICC के सचिव बने. 2013 में वे फिर विधानसभा चुनाव हार गए, लेकिन 2018 में उनकी पत्नी ने जीत दर्ज की. जुबेर 2021 में मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन बने और 2023 में फिर से विधायक बने.

जामिया यूनिवर्सिटी में रहे छात्रसंघ अध्यक्ष

जुबेर खान जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे और राजीव गांधी से मुलाकात के बाद एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव बने. गांधी परिवार के करीबी बनने के कारण उन्हें 1993 में टिकट मिला. उन्होंने राजीव गांधी के साथ चुनाव प्रचार किया और प्रियंका गांधी के साथ यूपी में भी काम किया.

ADVERTISEMENT

अब 7 सीटों पर होगा उपचुनाव

राजस्थान विधानसभा के नए भवन में कभी एक साथ 200 विधायक नहीं रहे. यह संयोग है कि कभी विधायकों की संख्या पूरी नहीं हुई. कभी विधायकों के निधन, जेल जाने, या लोकसभा जीतने के कारण. इस बार भी पांच विधायक सांसद बन गए हैं और दो विधायकों का निधन हुआ है. अब प्रदेश में 7 विधानसभा सीटें खाली हो गई है. 5 सीटें तो ऐसी हैं जिनपर सांसदों ने विधानसभा चुनाव लड़ा था और अब वे विधायक बन गए. वहीं सलूंबर सीट, बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा का निधन के बाद खाली हुई. अब रामगढ़ सीट पर विधायक जुबेर खान का निधन हो गया. ऐसे में प्रदेश में 7 सीटों पर उपचुनाव होगा. 

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT