राजस्थान में राशन लेने के लिए अनोखा नियम...लोग घरों से कंबल-तौलिया लेकर पहुंच रहे, जानें क्यों

NewsTak

ADVERTISEMENT

Rajasthan
Rajasthan
social share
google news

Rajasthan New Ration Rules: राजस्थान में सरकारी राशन की दुकानों पर अब एक अजीबोगरीब शर्त लागू हो गई है. अगर आपको राशन चाहिए, तो अपने साथ कंबल या तौलिया जरूर लाना होगा. ऐसा इसलिए, क्योंकि आई स्कैनिंग मशीन तेज धूप में काम नहीं करती और इसके लिए अंधेरे की जरूरत पड़ती है. राशन विक्रेताओं ने साफ कह दिया है कि लाभार्थियों को खुद ही अंधेरे का इंतजाम करना होगा. नतीजा? लोग घर से कंबल या तौलिया लेकर पहुंच रहे हैं और सिर ढककर स्कैनिंग करवा रहे हैं, ताकि राशन मिल सके.

धूप बनी स्कैनर की दुश्मन

जोधपुर के कई इलाकों में उचित मूल्य की दुकानें खुले मैदान में चलती हैं. तेज धूप के कारण आई स्कैनर बार-बार खराबी दिखाता है, जिससे राशन वितरण में देरी होती है. दुकानदार बाहर काउंटर लगाकर काम करते हैं, जिससे यह समस्या और बढ़ जाती है. एक विक्रेता ने कहा, "आई स्कैनर को अंधेरा चाहिए, वरना स्कैन पूरा नहीं होता. बार-बार एरर से परेशानी होती है, इसलिए लोगों से कंबल लाने को कहते हैं." लोग अब सिर पर कंबल ओढ़कर या तौलिया डालकर तकनीकी प्रक्रिया पूरी करते हैं.

विभाग ने भी मानी तकनीकी मजबूरी

जोधपुर के डीएसओ द्वितीय अश्वनी गुर्जर ने इस मामले पर कहा, "मुझे नहीं पता था कि लोग कंबल लेकर राशन ले रहे हैं, लेकिन यह सच है कि आई स्कैनर अंधेरे में बेहतर काम करता है. शायद इसलिए ऐसा हो रहा हो." उन्होंने बताया कि यह तकनीकी जरूरत पूरे राजस्थान में लागू है, लेकिन धूप में चलने वाली दुकानों पर यह दिक्कत ज्यादा सामने आती है.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

अंधेरे की व्यवस्था का झंझट

लोगों की इस परेशानी को दूर करने के लिए दुकानों पर अंधेरे का एक कोना बनाया जा सकता है, लेकिन ज्यादातर राशन दुकानें इतनी बड़ी नहीं हैं कि यह मुमकिन हो सके. एक लाभार्थी ने शिकायत की, "सरकार का नियम है तो मानना पड़ता है, पर यह तरीका बड़ा अटपटा है." दुकानदारों का कहना है कि जब तक दुकानों में अंधेरे की सुविधा नहीं होगी, तब तक यही तरकीब अपनानी पड़ेगी.

फर्जीवाड़ा रोकने की तकनीक से नई मुसीबत

राशन वितरण में धांधली रोकने के लिए सरकार ने थंब इंप्रेशन और आई स्कैनिंग को जरूरी बनाया है. इसके लिए नई POS मशीनें भी दी गई हैं. मगर धूप में स्कैनर की नाकामी ने यह अनोखी स्थिति पैदा कर दी है. जोधपुर में लोग तकनीक के साथ कदम मिलाने के लिए कंबल और तौलिया ढोने को मजबूर हैं.

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT