UP: पति ने पत्नी समेत पूरे परिवार की क्यों ले ली जान, एक साल बाद दिवाली मनाने घर आया था आरोपी
Varanasi Crime: पुलिस की जानकारी के अनुसार मृतकों में 42 वर्षीय नीतू गुप्ता, 25 वर्षीय बेटा नवनेंद्र, 15 वर्षीय बेटा सुवेंद्र और 16 वर्षीय बेटी गौरंगी शामिल हैं. हत्या के बाद राजेंद्र गुप्ता वहां से फरार था, लेकिन बाद में उसका शव घर से 10 किलोमीटर दूर एक अन्य जगह पर मिला.
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Varanasi Crime: यूपी के वाराणसी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक परिवार के चार सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मरने वालों में मां और उसके तीन बच्चे शामिल हैं. इस दर्दनाक हत्याकांड का आरोप परिवार के मुखिया राजेंद्र गुप्ता पर लगाया गया है. बताया जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने के बाद राजेंद्र ने भी खुदकुशी कर ली.पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर राजेंद्र के शव को बरामद किया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया है. मामले की जांच शुरू कर दी है.
कैसे सामने आई वारदात की सच्चाई?
इंडिया टुडे के पत्रकार रौशन जायसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक घटना वाराणसी के भदैनी इलाके के निवासी राजेंद्र गुप्ता के घर में घटी. 5 नवंबर की सुबह घर में काम करने आई एक महिला ने दरवाजा खोला तो वहां लाशें पड़ी हुई देख कर हक्की-बक्की रह गई. उसके शोर मचाने के बाद पड़ोसियों ने पुलिस को तुरंत सूचना दी.
पुलिस की जानकारी के अनुसार मृतकों में 42 वर्षीय नीतू गुप्ता, 25 वर्षीय बेटा नवनेंद्र, 15 वर्षीय बेटा सुवेंद्र और 16 वर्षीय बेटी गौरंगी शामिल हैं. हत्या के बाद राजेंद्र गुप्ता वहां से फरार था, लेकिन बाद में उसका शव घर से 10 किलोमीटर दूर एक अन्य जगह पर मिला. पुलिस का मानना है कि राजेंद्र ने खुदकुशी कर ली है.
परिवार और पड़ोसियों का बयान
राजेंद्र के घर में किराएदार भी रहते थे. लेकिन उन्हें हत्या का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था. पड़ोसियों ने बताया कि राजेंद्र स्वभाव से काफी गुस्सैल था और किसी से खास संबंध नहीं रखता था. राजेंद्र की मां ने बताया कि उसके और उसकी पत्नी नीतू के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. मां का मानना है कि राजेंद्र ही परिवार की हत्या करने के बाद वहां से चला गया होगा, क्योंकि वह लगभग एक साल से घर नहीं आया था.
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पुलिस की स्थिति और आगे की जांच
डीसीपी गौरव बंसवाल ने मीडिया से बातचीत में पुष्टि की कि महिला और बच्चों की हत्या गोली मारकर की गई है. उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर किसी प्रकार की संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं, जिससे शक की सुई राजेंद्र गुप्ता पर ही जाती है. पुलिस ने यह भी कहा कि हत्या के पीछे पारिवारिक विवाद और प्रॉपर्टी विवाद की भी संभावना की जांच की जा रही है.
गौरतलब है कि राजेंद्र पर 1997 में अपने ही पिता और एक गार्ड की हत्या का भी आरोप लगा था. इसके चलते वह जेल जा चुका था. हाल ही में जमानत पर बाहर आया था. डीसीपी बंसवाल ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल हुई पिस्तौल की जांच की जा रही है. पुलिस ने इस मामले में तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के पहलू को भी ध्यान में रखते हुए जांच का दायरा बढ़ा दिया है.
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