क्या खेला की आहट से नीतीश कुमार पर सॉफ्ट थे तेजस्वी? अब दिखा रहे तीखे तेवर! समझिए  

आशीष अभिनव

12 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 12 2024 11:36 AM)

Tejashwi Yadav Yatra: आरजेडी को ये बात भली-भांति मालूम है कि नीतीश कुमार के बिना सत्ता की राह मुश्किल है. नीतीश कुमार के पास इतने विधायक हमेशा रहे कि सरकार उनके बिना नहीं बन सकती थी. सत्ता के लिए पार्टियां समझौता के लिए तैयार रहती ही है. तेजस्वी अगर दो बार डिप्टी सीएम रहे तो इसमें नीतीश कुमार की ही भूमिका रही.

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Tejashwi Yadav Yatra: राष्ट्रीय जनता दल(RJD) नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यात्रा पर हैं. ये यात्रा अगस्त में शुरू होने वाली थी लेकिन इसमें देरी हुई. तेजस्वी की यात्रा में हुई देरी का कनेक्शन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जोड़ा जा रहा है. आइए आपको बताते हैं कि, यात्रा के शुरू होने में आखिर देरी की वजह क्या रही? क्या तेजस्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले का इंतजार कर रहे थे? 

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नीतीश कुमार के प्रति तेजस्वी इतने सॉफ्ट क्यों हुए?

तेजस्वी यादव जानते हैं कि नीतीश कुमार पिछले 20 साल से सत्ता की धुरी हैं. बिना उनके सरकार बनाना मुश्किल है. लोकसभा चुनाव के बाद जेडीयू की अहमियत केंद्र में भी बढ़ी है. इसकी वजह से जेडीयू कई मुद्दों पर केंद्र सरकार के फैसले पर असहमति जता चुकी है. चाहे अग्निवीर योजना हो, लेटरल एंट्री का मामला हो, जातीय जनगणना का मामला हो या समान नागरिक कानून यानी UCC का मामला हो. ये ऐसे मामले रहे हैं जिसपर आरजेडी की भी वही राय रही है जो जेडीयू की रही है. आरजेडी और जेडीयू की लंबे समय में विशेष राज्य के दर्जे की भी मांग रही. ऐसे आरजेडी को लगा कि नीतीश कोई खेल कर सकते हैं. यही वजह रही तेजस्वी हमेशा नीतीश कुमार पर सॉफ्ट रहे. 

सत्ता के लिए नीतीश कुमार का साथ जरूरी

आरजेडी इस बात को भली-भांति समझता है कि नीतीश कुमार के बिना सत्ता की राह मुश्किल है. नीतीश कुमार के पास इतने विधायक हमेशा रहे कि सरकार उनके बिना नहीं बन सकती थी. सत्ता के लिए पार्टियां समझौता के लिए तैयार रहती ही है. तेजस्वी अगर दो बार डिप्टी सीएम रहे तो इसमें नीतीश कुमार की ही भूमिका रही. दूसरा सबसे अहम सवाल वोट बैंक का है. नीतीश कुमार का राजनीतिक ग्राफ भले गिरा हो लेकिन उनके पास पिछड़ा-अतिपिछड़ा के अलावा महिलाओं का एक अच्छा खासा वोट बैंक है. इसी वोट बैंक के बदौलत नीतीश कुमार करीब 19 सालों से सूबे के सीएम हैं. बिना इस वोट बैंक में सेंधमारी किए बगैर बीजेपी और आरजेडी दोनों के लिए अपने दम पर सत्ता में आना मुश्किल है. 

यात्रा में देरी की वजह ये तो नहीं?

तेजस्वी यादव की यात्रा 15 अगस्त से प्रस्तावित थी लेकिन इसमें करीब एक महीने की देरी हुई. वरिष्ठ पत्रकार विनय कुमार कहते हैं आरजेडी इस इंतजार में थी कि नीतीश कुमार और बीजेपी का रिश्ता खराब होता है और नीतीश कुमार फिर कोई खेल करते हैं तो बिहार में फिर से महागठबंधन की सरकार बन सकती है. लेकिन नीतीश कुमार ने जेपी नड्डा के बिहार दौरे के दौरान मंच से ये कह दिया अब आरजेडी के साथ नहीं जाएंगे. इसके बाद से तेजस्वी और आरजेडी के अन्य नेता नीतीश कुमार पर हमलावर हो गए. 

अब क्या विकल्प है तेजस्वी के पास? 

तेजस्वी फिलहाल यात्रा पर हैं. अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. तेजस्वी ने पहले भी संकेत दिए थे कि पार्टी में कोई कड़ा फैसला लेना पड़ा तो लेंगे. तेजस्वी जनता से वादा भी कर रहे हैं. उन्होंने 200 यूनिट बिजली फ्री देने का ऐलान भी दिल्ली की तर्ज पर कर दिया है. अब वो अपनी यात्रा में नीतीश कुमार की नाकामी गिना रहे हैं. बीजेपी पर भी खूब हमला कर रहे हैं. जातिगत जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही, उन्हें सोशल इंजीयरिंग का भी विशेष ध्यान देना होगा जिसके प्रयोग के लिए नीतीश कुमार जाने जाते हैं.

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