प्रशांत किशोर ने माना कि उनके आंकड़े गलत साबित हुए पर BJP के लिए फिर किया ये बड़ा प्रिडिक्शन

News Tak Desk

08 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 8 2024 4:29 PM)

लोकसभा चनाव 2024 के नतीजे आने के बाद 9 जून को एनडीए गठबंधन केंद्र में 293 सीटों के साथ सरकार बनाने जा रही है. इस बीच, दिग्गज राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने (Prashant Kishor) इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल और कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बातचीत की.

Political strategist Prashant Kishor

Political strategist Prashant Kishor

follow google news

Prashant Kishor news: लोकसभा चनाव 2024 के नतीजे आने के बाद 9 जून को एनडीए गठबंधन केंद्र में 293 सीटों के साथ सरकार बनाने जा रही है. इस बीच, दिग्गज राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने (Prashant Kishor) इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल और कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बातचीत की. प्रशांत किशोर ने बताया कि बीजेपी की सीटें कम होने के क्या कारण रहे. इसके साथ उन्होंने माना कि चुनाव नतीजों से जुड़ी उनकी भविष्यवाणी भी गलत साबित हुई. इस दौरान उन्होंने बीजेपी के '400 पार' के नारे का भी जिक्र किया. साथ ही, प्रशांत किशोर ने बीजेपी को लेकर एक और प्रिडिक्शन कर दिया है. आइए जानते हैं पीके ने क्या-क्या कहा... 

यह भी पढ़ें...

'अधूरे नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी बीजेपी'

प्रशांत किशोर कहते हैं, बीजेपी ने जो 400 पार का नारा दिया था वो अपने आप में अधूरा था. बीजेपी के 2014 लोकसभा चुनाव के नारे का जिक्र करते हुए कहते हैं कि इस नारे में बीजेपी से स्पष्ट थी  कि ‘बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार’. इस नारे का साफ मतलब, बीजेपी की महंगाई के खिलाफ लड़ाई और लोगों को उससे निजात दिलाना था. तो वहीं  उन्होंने ‘अबकी बार 400 पार’ की बात करते हुए कहा कि इसको जनता ने अहंकार माना. विपक्ष ने इस नारे को बीजेपी के खिलाफ ही इस्तेमाल किया और आरोप लगाया कि  बीजेपी इसलिए 400 पार की बात कर रही है क्योंकि वो संविधान बदलना चाहती है. 

'पार्टी से खुश मगर सांसद से नाराज कार्यकर्ता'

प्रशांत किशोर का मानना है कि जरूरत से ज्यादा मोदी पर निर्भर रहना बीजेपी की बड़ी कमजोरी है. बीजेपी ने जब 400 पार का नारा दिया तो उसकी पार्टी के कार्यकर्ता के मन में ये बात आई कि जब 400 पार सीटें आ ही रहीं हैं तो वो अपने क्षेत्र के सांसद को सबक सिखाए. इसके पीछे का कारण कार्यकर्ता के अपने क्षेत्र के सांसद  के खिलाफ गुस्सा था. वो बीजेपी के तो साथ थे , लेकिन सांसद  से नाराज थे .

मेरे आंकड़े गलत साबित हुए: प्रशांत किशोर 

आंकड़ों के सही साबित न होने पर प्रशांत किशोर ने कहा 'हम मानते हैं कि हमारे नंबर गलत साबित हुए हैं.  हमारा 20 प्रतिशत आकलन गलत हुआ, लेकिन जिन्होंने कहा था कि बीजेपी की सिर्फ 180 सीटें आएंगी, वो भी गलत साबित हुए हैं . मुझे लग रहा है कि भारत में हम लोगों से दो गलती हो रही है. एक मौजूदा व्यवस्था में वोट शेयर के सीटों में बदलाव का जो तरीका है, वो सटीक नहीं है. दूसरा, मैंने फील्ड पर काम करते वक्त महसूस किया कि वो डर के कारण अपनी बात को खुलकर नहीं रख पा रहे हैं . जहां सरकार जितनी मजबूत रहेंगी, वहां लोग खुलकर अपने मन की बात नहीं रख पायेगें.'

'20 -30 साल तक बीजेपी रहेगी प्रमुख पार्टी'

इस पर उन्होंने कहा कि, "बीजेपी आने वाले 20-30 सालों में भारत की एक ऐसी चुनावी पार्टी बनी रहेगी जिसे हरा पाना बहुत कठिन होगा. इसका ये भी अर्थ नहीं है कि वो हर चुनाव जीतते रहेंगे. भारतीय राजनीति बीजेपी के इर्द-गिर्द घूमती रहेगी.आप बीजेपी के साथ हैं या आप बीजेपी के ख़िलाफ़ हैं.'

(ये स्टोरी न्यूज Tak के साथ इंटर्नशिप कर रही निहारिका सिंह ने लिखी है.)

    follow google newsfollow whatsapp