दीपावली 31 अक्टूबर को मनाएं या 1 नवंबर को, इंदौर में हुई विद्वानों की इस बैठक में हो गया तय, जानें सबकुछ

अभिषेक शर्मा

30 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 30 2024 6:48 PM)

MP News: मध्यप्रदेश में दीपावली को लेकर विद्वानों की एक अहम बैठक इंदौर में आयोजित हुई. इस बैठक में पंचाग और ज्योतिष के जानकार और विद्वान पंडितों द्वारा शास्त्र और पंचागों का गहन अध्ययन करने के बाद तय कर दिया गया है कि आखिर 31 अक्टूबर और 1 नवंबर में से किस दिन दीपावली मनाई जानी चाहिए.

देव दीपावली

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मध्यप्रदेश में दीपावली को लेकर विद्वानों की एक अहम बैठक इंदौर में आयोजित हुई.

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31 अक्टूबर और 1 नवंबर में से किस दिन मनाएंगे दीपावली, विद्वानों ने बता दिया.

MP News: मध्यप्रदेश में दीपावली को लेकर विद्वानों की एक अहम बैठक इंदौर में आयोजित हुई. इस बैठक में पंचाग और ज्योतिष के जानकार और विद्वान पंडितों द्वारा शास्त्र और पंचागों का गहन अध्ययन करने के बाद तय कर दिया गया है कि आखिर 31 अक्टूबर और 1 नवंबर में से किस दिन दीपावली मनाई जानी चाहिए.

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इंदौर में आयोजित बैठक में पंचाग के विद्वानों ने बताया कि इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों ही दिन अमावस्या तिथि प्रदोष काल में है. ऐसी स्थिति में धर्म शास्त्रों का कहना है कि दो दिन अमावस्या होने पर दूसरे दिन दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत होता है. इसलिए इस बैठक का जो नतीजा निकला है, उसके अनुसार 1 नवंबर को ही दीपावली मनाई जाएगी. यही शास्त्र और विधि सम्मत रहेगा. विद्वानों की इस बैठक में सर्व सम्मति से इस नतीजे पर पहुंचा गया है.

इस बैठक में ज्योतिष, धर्म शास्त्र और पंचाग के जानकार विद्वान शामिल हुए थे. इनमें से 90 प्रतिशत ने माना कि 1 नवंबर को ही दीपावली मनाना उचित होगा. कुछ विद्वानों का मत 31 अक्टूबर को लेकर भी था लेकिन अधिकतर विद्वानों ने 1 नवंबर को ही दीपावली मनाने पर अपनी सहमति दी है.

दो दिन अमावस्या, इसलिए ऐसी नौबत आई

इस बार दो दिन लगातार अमावस्या लगातार पड़ रही है. जिसकी वजह से यह कंफ्यूजन पैदा हो गया कि दीपावली को 31 अक्टूबर को मनाया जाए या फिर 1 नवंबर को. गणि आधारित पंचाग और लाघव पद्धति आधारित पंचाग अलग-अलग गणना प्रस्तुत करता है. जिसके कारण इस तरह का कंफ्यूजन सामने आता है. इसलिए सभी विद्वानों ने इंदौर में एकजुट होकर इसका एक हल निकालने की कोशिश की है. हालांकि जिसे जब त्यौहार मनाना हो, वह तो मनाएगा ही. लेकिन जो लोग धर्म शास्त्र और पंचाग को देखकर त्यौहार मनाते हैं और पूजा करते हैं, उनके लिए अधिकतकर विद्वानों का मत है कि 1 नवंबर को ही दीपावली मनानी चाहिए.

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