Haryana Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी में हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है. सभी 90 सीटों पर कांग्रेस ने टिकट बांट दिए हैं. इस बीच हरियाणा कांग्रेस की बड़ी नेता और सीएम पद की दावेदार रहीं कुमारी शैलजा के एक इंटरव्यू ने बवाल काट दिया है. यह इंटरव्यू उन्होंने बीबीसी को दिया है. इस इंटरव्यू में वे खुलासा करती हैं कि उनका इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने का बहुत मन था. वे चाहती थीं कि कांग्रेस आलाकमान उनको हरियाणा चुनाव के लिए टिकट दे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
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कुमारी शैलजा सांसद हैं और इस बार कांग्रेस ने किसी भी सांसद को हरियाणा के विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया है. कुमारी शैलजा इस इंटरव्यू में बताती हैं कि वे चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन उनकी इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष्ज्ञ मल्लिकार्जुन खरगे से कोई बात नहीं हुई. अंतिम निर्णय राहुल गांधी का रहता है और मुझे चुनाव में नहीं उतारने का निर्णय भी हाईकमान का है और वह निर्णय उन्हें मंजूर है.
कुमारी शैलजा से जब पूछा गया कि इस बार तो आप सीएम पद की उम्मीदवार थीं तो इस पर कुमारी शैलजा बोलती हैं कि यह सब बातें तो मीडिया की उड़ाई हुई हैं. वे सीएम पद की कोई उम्मीदवार नहीं थीं. कुमारी शैलजा से जब नाराज होने या इस्तीफा दिए जाने की अटकलों को लेकर सवाल किया गया तो इस पर वे हंस देती हैं और कहती हैं कि मैं न तो नाराज हूं और न ही मैंने कोई इस्तीफा दिया है. यह सब तो उड़ाई हुई बाते हैं. आपको बता दें कि कुमारी शैलजा के उकलाना की रिजर्व सीट से चुनाव लड़ने की खबरें सामने आई थीं, वे खुद भी चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन कांग्रेस ने उनको टिकट नहीं दिया.
हुड्डा 10 साल सीएम रहे हैं तो कैंप जैसी बातें चलने लगीं
कुमारी शैलजा कहती हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में 10 साल सीएम रहे हैं. ऐसे में राजनीति में लोग एक दूसरे से जुड़ जाते हैं तो कैंप या गुट होने जैसी बातें होने लगती हैं. लेकिन कांग्रेस के अंदर सब कुछ हाईकमान ही होता है. हाईकमान ही अंतिम निर्णय लेता है. बाकी कैंप जैसी बातें तो चलती रहती हैं.
आप के साथ गठबंधन क्यों नहीं हुआ? खुलकर बताया
कुमारी शैलजा ने खुलकर इस इंटरव्यू में बताया कि आखिरकार आम आदमी पार्टी के साथ हरियाणा में गठबंधन क्यों नहीं हुआ. कुमारी शैलजा बताती हैं कि राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस और आप साथ में काम कर रहे हैं. राज्य में भी जरूरत के हिसाब से इस तरह का गठबंधन किया जा सकता है. लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई दबाव या प्रभाव नहीं डाला. राहुल गांधी ने राज्य की लीडरशिप को इस बारे में विचार करने को बोला लेकिन जरूरत के हिसाब से. अब राज्य के नेताओं को नहीं लगा कि हरियाणा जैसे राज्य में जहां कांग्रेस इतनी मजबूत है, वहां उसे आप के साथ गठबंधन करना चाहिए. इसलिए ये गठबंधन नहीं हुआ.
दलितों के अंदर फूट डालने की हो रही कोशिश: कुमारी शैलजा
कुमारी शैलजा से जब पूछा गया कि यदि दलितों के अंदर उप वर्गीय दलित समाज को आरक्षण दें यानी कोटा के अंदर कोटा दिया जाए तो इस पर कुमारी शैलजा का कहना था कि ये बात बोलना कि दलितों ने दूसरे दलितों का हक मारा, ये दलित समाज के अंदर फूट पैदा करने वाली बात है. कोई मुख्यधारा में पिछड़ गया है तो उसे ऊपर लाना या उठाना कोई गलत बात नहीं है लेकिन दलित समाज में ही एक दूसरे के खिलाफ खड़ा कर देना कि एक वर्ग ने दूसरे वर्ग का हक मारा है, ये दलित समाज को बांटने का काम होगा.
हरियाणा में नहीं कराएंगे जातिगत जनगणना: कुमारी शैलजा
कुमारी शैलजा साफ कहती हैं कि यदि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो वह हरियाणा राज्य में जातिगत जनगणना नहीं कराएंगे,क्योंकि जातिगत जनगणना कराने का काम केंद्र सरकार का होता है. मान्यत केंद्र की जनगणना की ही होती है. ऐसे में केंद्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना होनी चाहिए, उसके पक्ष में हैं लेकिन राज्य स्तर पर हरियाणा के अंदर जातिगत जनगणना नहीं कराएंगे.
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