दिल्ली के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस में से एक है रेल म्यूजियम, बच्चों के साथ जरूर करें विजिट!

News Tak Desk

10 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 10 2024 12:21 PM)

यदि आप अपने बच्चों के साथ दिल्ली में कहीं घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं तो रेल म्यूजियम आपके लिए एकदम परफेक्ट जगह है. तो चलिए आज हम आपको इस म्यूजियम के बारे में अधिक विस्तार से बताते हैं. 

newstak
follow google news

10 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला रेल म्यूजियम दिल्ली के सबसे बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस में से एक है. आपको बता दें कि यहां देशभर से रेलवे के हेरिटेज को लाकर संरक्षित किया गया है. यहां पर 19वीं सदी के लोकोमोटिव से लेकर अब तक की रेलवे की 100 से अधिक वस्तुओं को संरक्षित किया गया है. इन सबके अलावा यह म्यूजियम बच्चों के मनोरंजन के लिए 3डी वर्चुअल ट्रेन की सवारी, स्टीम लोको सिम्युलेटर, टॉय ट्रेन और एक इनडोर गैलरी की सुविधा भी प्रदान करता है, जो इसे बच्चों के साथ घूमने के लिए दिल्ली के बेस्ट प्लेसेस में से एक बनाती है. ऐसे में यदि आप अपने बच्चों के साथ दिल्ली में कहीं घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं तो रेल म्यूजियम आपके लिए एकदम परफेक्ट जगह है. तो चलिए आज हम आपको इस म्यूजियम के बारे में अधिक विस्तार से बताते हैं. 

यह भी पढ़ें...

रेल म्यूजियम का इतिहास 

जानकारी के मुताबिक, 7 अक्टूबर 1971 को तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरी इस रेल म्यूजियम की आधारशिला रखी थी, जिसे रेलवे परिवहन संग्रहालय (आर.टी.एम.) कहा जाता था और इसका उद्देश्य रेलवे के अलावा रोडवेज, वायुमार्ग, जलमार्ग के इतिहास को कवर करना था. जिसके बाद 1 फरवरी 1977 को तत्कालीन रेल मंत्री कमलापति त्रिपाठी ने इस रेल म्यूजियम का उद्घाटन किया था.  

ये है रेल म्यूजियम में रखीं कुछ मुख्य प्रदर्शनियां

आपको बता दें, इस म्यूजियम में कई रेल और उसके इंजनों का प्रदर्शनी लगा हुआ है. इस म्यूजियम में आप मूल रूप से नीचे दिए गए इंजनों और अन्य चीजों को देख सकते हैं-

  • फेयरी क्वीन:- यह इस म्यूजियम की सबसे पॉपुलर प्रदर्शनी है. और यह सबसे पुराना काम करने वाला स्टीम लोकोमोटिव है.
  • फायर इंजन:- इस इंजन का निर्माण जॉन मॉरिस एंड संस लिमिटेड ऑफ सैलफोर्ड द्वारा किया गया था. बता दें, आज इनमें से केवल 2 इंजन ही मौजूद हैं, जिनमें से एक को यहां प्रदर्शित किया गया है. जबकि दूसरे को व्हाइटवेब्स म्यूजियम ऑफ ट्रांसपोर्ट, क्ले हिल, लंदन में संरक्षित किया गया है.
  • पटियाला स्टेट मोनोरेल ट्रेनवेज:- जानकारी के मुताबिक, यह मोनोरेल 1907 में बनाई गई थी. इस ट्रेन में सिंगल रेल ट्रैक है और इसे अक्टूबर 1927 को बंद कर दिया गया था. 
  • इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव 4502:- यह भारत की पहली पीढ़ी के 1500V डीसी लोकोमोटिव इंजन में से एक है. इसे खाकी (केकड़े) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह आराम करते समय कराहने जैसी आवाज करता है. बता दें, यह मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर साल 1994 तक परिचालन में था.
  • बेट्टी ट्रामवेज:- यह ट्रेन राजकोट में चलती थी.
  • प्रिंस ऑफ वेल्स की सैलून:- यह सैलून कार प्रिंस ऑफ वेल्स की भारत यात्रा के लिए बनाई गई थी.
  • महाराजा इंदौर की सैलून कार:- यह महाराजा इंदौर की सैलून कार थी.
  • मैसूर के महाराजा की सैलून कार:- यह मैसूर के महाराजा की सैलून कार थी. इसे महाराजा के सम्मान में बनाया गया था.

रेल म्यूजियम घूमने जाने का सबसे अच्छा समय

वैसे तो आप साल के किसी भी महीने रेल म्यूजियम घूमने आ सकते हैं, लेकिन यदि आप रेल म्यूजियम के साथ-साथ दिल्ली के अलग-अलग टूरिस्ट स्पॉट की ट्रिप पर भी जाने की सोच रहे हैं तो इसके लिए सर्दियों का मौसम (अक्टूबर से मार्च तक) सबसे अच्छा समय माना गया है. क्योंकि इस दौरान दिल्ली का मौसम काफी सुहावना और तापमान कम होता है जिससे आप आसानी से दिल्ली घूम सकते हैं.

रेल म्यूजियम की टाइमिंग व एंट्री फीस  

जानकारी के मुताबिक, रेल म्यूजियम सप्ताह के प्रत्येक सोमवार को छोड़कर मंगलवार से रविवार तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है. इस बीच आप यहां कभी भी जा सकते हैं.

         वहीं रेल म्यूजियम की एंट्री फीस की बात करें तो यहां 3-12 साल के बच्चों के लिए 10 रुपए और बड़ों के लिए 50 रुपए है. हालांकि वीकेंड के दिन यहां बच्चों की टिकट 20 रुपए और बड़ों की टिकट 100 रुपए है.

रेल म्यूजियम तक कैसे पहुंचें

आपको बता दें, ये म्यूजियम नई दिल्ली के चाणक्यपुरी क्षेत्र में स्थित है. और राष्ट्रीय राजधानी होने की वजह से दिल्ली हवाई, रेल और सड़क मार्ग द्वारा भारत के सभी शहरों से बहुत अच्छी तरह से कनेक्टेड है. ऐसे में आप यहां बड़े आसानी से फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग से ट्रेवल करके आ सकते हैं.

    follow google newsfollow whatsapp