Bharatpe ने अपने पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के साथ किया समझौता, करोड़ों की हेराफेरी का था मामला

बृजेश उपाध्याय

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तस्वीर: अशनीर ग्रोवर के सोशल मीडिया X से.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच शर्तों के साथ समझौता हुआ है.

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अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी पर 88.67 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप थे.

फिनटेक (Fintech) कंपनी 'भारत पे' ने अपने पूर्व को-फाउंडर अशनीर-ग्रोवर के साथ समझौता कर लिया है. साल 2022 से चल रही कानूनी लड़ाई पर अब विराम लग गया है. भारत पे और अशनीर ग्रोवर के बीच 88.67 करोड़ रुपये के फंड की हेराफेरी के मामले में कानूनी लड़ चल रही थी. कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान में यह जानकारी मिली है. इधर खुद अशनीर ग्रोवर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ये जानकारी दी. 

दोनों के बीच समझौता शर्तों के साथ हुआ है. समझौते के मुताबिक अब ग्रोवर किसी भी तरह से कंपनी से जुड़े नहीं हैं और न ही उनके पास कंपनी की कोई शेयरहोल्डिंग होगी. ग्रोवर को मार्च 2022 में कंपनी के निदेशक मंडल ने भारतपे के प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया गया था. तब से दोनों पक्ष लगातार कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे. 

भारतपे ने बयान में कहा कि 'भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है. समझौते के तहत ग्रोवर किसी भी क्षमता में भारतपे से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे.’’ समझौते के बाद, ग्रोवर के कुछ शेयर कंपनी के लाभ के लिए ‘रेसिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट’ को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे और उनके शेष शेयरों का प्रबंधन उनके पारिवारिक न्यास द्वारा किया जाएगा. 

बयान में कहा गया, ‘‘दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है. हम ग्रोवर को शुभकामनाएं देते हैं. भारतपे अपने व्यापारियों और ग्राहकों को उद्योग-अग्रणी समाधान प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा.’’सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ग्रोवर ने पोस्ट किया, वह भारतपे के साथ एक समझौते पर पहुंच गए हैं.पोस्ट में उन्होंने कहा-" मैं भारतपे के बोर्ड और मैनेजमेंट में पूरा भरोसा रखता हूं, वे कंपनी को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए कार्य कर रहे हैं."

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ग्रोवर ने आगे लिखा "मैं भारतपे के साथ अब किसी भी प्रकार से जुड़ा नहीं रहूंगा. इसमें शेयरहोल्डिंग भी शामिल है. मेरे बाकी के शेयर फैमिली ट्रस्ट द्वारा मैनेज किए जाएंगे. दोनों पार्टियों ने केस को आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया है. मुझे विश्वास है कि भारतपे के सभी पक्षों को इसका लाभ होगा."

आपको बता दें कि अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर पर 88.67 करोड़ रुपये फंड की हेराफेरी के आरोप लगाने के बाद भारतपे से निकाल दिया गया था. इसके बाद कंपनी ने पैसों की वापसी के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) की ओर से इस मामले में दीपक गुप्ता को गिरफ्तार किया था, जो कि ग्रोवर के परिवार से ही था. इससे पहले एक अन्य आरोपी अमित बंसल को भी ईओडब्ल्यू की ओर से गिरफ्तार किया गया था. भारत पे और ग्रोवर, दोनो ही पक्ष लंबे समये से इस कानूनी लड़ाई में उलझे हुए थे, लेकिन अब ये विवाद लगभग सुलझ गया है.

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