Haryana Election Results: बाबा राम रहीम की रिहाई ने कर दिया बड़ा खेल? हरियाणा में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका!
Haryana Election 2024: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की रिहाई हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में एक बड़ा राजनीतिक मोड़ साबित हो रही है. शुरुआती रुझान में बीजेपी ने हरियाणा में निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है. इसके बाद गुरमीत राम रहीम सुर्खियों में आ गए.
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न्यूज़ हाइलाइट्स
हरियाणा में बीजेपी ने कांग्रेस पर बनाई निर्णायक बढ़त, 49 सीटों पर चल रही आगे
बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलता दिखाई दे रहा, लगातार तीसरी बार बनेगी सरकार
Haryana Election 2024: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की रिहाई हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में एक बड़ा राजनीतिक मोड़ साबित हो रही है. चुनाव आयोग ने गुरमीत राम रहीम को इस महत्वपूर्ण समय में पैरोल दी, चुनावी समीकरणों को प्रभावित करने की संभावना के चलते उनकी रिहाई चर्चा में आ गई.
मंगलवार को शुरुआती रुझान में बीजेपी ने हरियाणा में निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है. इसके बाद गुरमीत राम रहीम सुर्खियों में आ गए. राम रहीम को वोटिंग से तीन दिन पहले पैरोल दी गई थी. बता दें कि हरियाणा में बीजेपी 49 और कांग्रेस 34 सीटों पर आगे चल रहे हैं. इसके साथ ही बीजेपी यहां पर लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी.
जब गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिली तो कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए थे. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि चुनाव से ठीक पहले राम रहीम को पैरोल मिलना बीजेपी के पक्ष में चुनावी धांधली की ओर इशारा करता है. कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि राम रहीम की पैरोल का इस्तेमाल चुनावों को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है. चुनाव आयोग ने इसके बाद राम रहीम पर कुछ सख्त शर्तें लगाई हैं.
इन शर्तों के तहत राम रहीम को किसी चुनावी सभा में हिस्सा लेने, किसी राजनीतिक बयान या सोशल मीडिया पर संदेश देने से रोक लगा दिया गया. हालांकि अब चुनाव नतीजों में उनकी रिहाई का असर चुनाव परिणामों पर दिखाई दे रहा है.
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बाबा का 9 जिलों की 30 सीटों पर खासा असर
राम रहीम का हरियाणा की राजनीति में काफी प्रभाव माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स और राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राज्य के 9 जिलों की 30 से अधिक विधानसभा सीटों पर राम रहीम का प्रभाव है. उनके अनुयायियों की संख्या लाखों में है, और उनके संदेशों का उनके फॉलोअर्स पर गहरा असर होता है. पिछले चुनावों में भी यह देखा गया है कि राम रहीम द्वारा समर्थकों को दिए गए संकेत तेजी से फैलते हैं और उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा बन जाते हैं. यही वजह है कि भाजपा के साथ उनका जुड़ाव और समय-समय पर उन्हें मिली पैरोल पर सवाल उठते रहे हैं.
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राम रहीम का मैसेज अनुयायियों तक तेजी से पहुंचा!
राम रहीम की पैरोल को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि उनका संदेश उनके अनुयायियों तक तेजी से पहुंच सकता है, जो भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के संगठित नेटवर्क के जरिए राम रहीम के समर्थन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके अनुयायी राज्य में एक संगठित समूह की तरह काम करते हैं, और उनके निर्देशों का पालन बड़ी संख्या में किया जाता है.
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हरियाणा के कई जिलों में राम रहीम के अनुयायियों का दबदबा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले भी उनके समर्थन से चुनाव परिणामों पर प्रभाव पड़ा है. इस बार भी ऐसा माना जा रहा है कि उनकी पैरोल से भाजपा को काफी फायदा पहुंचा है.
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