Haryana Municipal Election: मानेसर निगम में राव को खट्टर का झटका, फंस गया मेयर चुनाव!
हरियाणा में निकाय चुनावों की सियासत चरम पर है. 2 मार्च को चुनाव होना है और 12 मार्च को नतीजे आएंगे. कांग्रेस और भाजपा दोनों सिंबल पर मेयर का चुनाव लड़ रही हैं. 9 निगमों में दोनों दलों ने अपने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा है. मानेसर और गुरुग्राम नगर निगम की.
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हरियाणा में निकाय चुनावों की सियासत चरम पर है. 2 मार्च को चुनाव होना है और 12 मार्च को नतीजे आएंगे. कांग्रेस और भाजपा दोनों सिंबल पर मेयर का चुनाव लड़ रही हैं. 9 निगमों में दोनों दलों ने अपने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा है मानेसर और गुरुग्राम नगर निगम की.
गुरुग्राम देश का पहला ऐसा जिला है जहां दो नगर निगम हैं- गुरुग्राम और मानेसर. इन दोनों निगमों का चुनाव खास इसलिए भी है क्योंकि ये हरियाणा की आर्थिक राजधानी कही जाने वाले गुरुग्राम जिले में आती हैं. लेकिन मानेसर नगर निगम में भाजपा सरपंच सुंदरलाल यादव को मेयर का उम्मीदवार बनाकर फंस गई है. बीजेपी ने इस सीट से सिकंदरपुर बढ़ा गांव के सुंदरलाल सरपंच को उम्मीदवार बनाया है जो पूर्व सीएम मनोहर लाल और कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के खास माने जाते हैं.
अहीरवाल के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह सी भी इस टिकट पर अपने किसी समर्थक को एडजस्ट करना चाह रहे थे लेकिन उनकी दाल नहीं गली. राव इंद्रजीत सिंह इस इलाके के बड़े नेता हैं ऐसे में उनकी अनदेखी भाजपा को भारी पड़ सकती है.
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गुरुग्राम मेयर प्रत्याशी रानी मल्होत्रा के नामांकन में पहुंचे राव इंद्रजीत
राव इंद्रजीत सिंह आज गुरुग्राम मेयर प्रत्याशी राज रानी मल्होत्रा के नामांकन में तो पहुंचे लेकिन वो मानेसर से मेयर उम्मीदवार सुंदरलाल यादव के नामांकन में कहीं दिखाई नहीं दिए. इसके बाद ये सवाल तेज हो गए हैं कि राव इंद्रजीत सिंह मानेसर मेयर चुनाव के लिए प्रचार करेंगे या नहीं? क्या वो सुंदरलाल यादव को अपना समर्थन देंगे या नहीं?
कांग्रेस ने सबसे बड़े गांव से उम्मीदवार बनाकर फंसाया पेंच
मानेसर नगर निगम में 1 लाख 31 हजार से ज्यादा वोटर हैं. मानेसर गांव में सबसे अधिक वोटर हैं. कांग्रेस ने मानेसर गांव के नीरज यादव को अपना मेयर प्रत्याशी घोषित कर दिया है. नीरज यादव अपने गांव में ये कहकर समर्थन मांग रहे हैं कि गांव में बीजेपी का कोई उम्मीदवार नहीं है लिहाजा गांव को उनका साथ देना चाहिए. नीरज की इस अपील पर यदि मानेसर गांव उनके साथ चल गया तो फिर बीजेपी उम्मीदवार सुंदरलाल यादव की राह आसान नहीं होगी.
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राव समर्थकों की फौज पर भी सबकी नजर
मानेसर मेयर पद के लिए राव इंद्रजीत सिंह के कई मजबूत समर्थक टिकट की लाइन में थे. अब टिकट सुंदरलाल यादव के पास चला गया जो कि राव खेमे से नहीं आते. ऐसे में अब सवाल ये भी उठ रहा है कि राव इंद्रजीत सिंह अपने इन समर्थकों को क्या आदेश देंगे? क्या राव के समर्थक सुंदरलाल यादव की मदद करेंगे या नहीं?
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निर्दलीय उम्मीदवार डॉक्टर इंद्रजीत यादव बनीं X फैक्टर
मानेसर मेयर पद के लिए डॉक्टर इंद्रजीत यादव भी लंबे समय से तैयारी में लगी हैं. वो भी बीजेपी से टिकट की चाह रखे हुए थी लेकिन अब उनके निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में आने से ये मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों ने पुरुष चेहरे पर दांव लगाया है. निर्दलीय उम्मीदवार डॉक्टर इंद्रजीत यादव मानेसर नगर निगम मेयर चुनाव में अकेली महिल उम्मीदवार हैं. डॉक्टर इंद्रजीत मानेसर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले हयातपुर गांव से आती हैं.
उनके पति राकेश हयातपुरिया कुख्यात गैंगस्टर रहे हैं और डॉक्टर इंद्रजीत मनी और मसल पॉवर के साथ भी अपना चुनाव लड़ रही हैं. लिहाजा एक निर्दलीय महिला प्रत्याशी के तौर पर उनको भी मजबूत कैंडिडेट माना जा रहा है. मानेसर नगर निगम चुनाव अहीरवाल की राजनीति के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है. मानेसर निगम बनाए जाने के बाद ये पहला मेयर चुनाव है लिहाजा राव इंद्रजीत सिंह अपने किसी समर्थक को टिकट दिलाना चाह रहे थे लेकिन उनका सूत नहीं बैठा. अब देखना ये होगा कि भाजपा के दो दिग्गजों की इस लड़ाई का मेयर चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?
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