गुरमीत राम रहीम की पैरोल पर रोक की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं सुनी अपील, दिया ये जवाब
Gurmeet Ram Rahim Parole: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 2023 में दी गई पैरोल के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया. यह याचिका शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने दायर की थी, जिसमें राम रहीम की 40 दिन की अस्थायी पैरोल को चुनौती दी गई थी.
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Gurmeet Ram Rahim Parole: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 2023 में दी गई पैरोल के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया. यह याचिका शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने दायर की थी, जिसमें राम रहीम की 40 दिन की अस्थायी पैरोल को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि वह इस याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है. आपको बता दें गुरमीत राम सिंह पिछले एक महीने से पैरोल पर जेल से बाहर थे. उनको 28 जनवरी को 30 दिनों की पैरोल मिली थी, जो शुक्रवार 28 फरवरी को खत्म हो गई. अब वह सुनारिया जेल में वापस लौट गए हैं.
राम रहीम के वकीलों ने उठाए सवाल
राम रहीम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ दवे ने कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) की वैधानिकता पर सवाल उठाए. उनका तर्क था कि किसी व्यक्ति विशेष के मामले में PIL दायर करना उचित नहीं है. कोर्ट ने इस दलील पर गौर किया और याचिका को खारिज कर दिया.
हाई कोर्ट का फैसला भी रहा बरकरार
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 09 अगस्त 2024 को एसजीपीसी की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह अब अप्रासंगिक हो चुकी है. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि यदि राम रहीम भविष्य में अस्थायी रिहाई के लिए कोई आवेदन करते हैं, तो उसे 2022 के अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सख्ती से और बिना किसी भेदभाव या पक्षपात के विचार किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस टिप्पणी को ध्यान में रखा.
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SGPC ने लगाए थे गंभीर आरोप
एसजीपीसी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि गुरमीत राम रहीम, जो हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए आजीवन कारावास सहित कई सजाओं का सामना कर रहे हैं, जिनको पैरोल देना देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हो सकता है. याचिका में कहा गया था कि हरियाणा सरकार ने राम रहीम को पक्षपात करते हुए 20 जनवरी 2023 को 40 दिनों की पैरोल दी थी.
हरियाणा सरकार का जवाब
हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा था कि राम रहीम को कोई विशेष रियायत नहीं दी गई और कानून का सख्ती से पालन किया गया, जैसा कि अन्य कैदियों के मामले में किया जाता है. सरकार ने 89 अन्य कैदियों की सूची भी पेश की, जिन्हें पैरोल दी गई थी.
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सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला
SGPC ने हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि वह इस मामले में दखल नहीं देगा. कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस निर्देश को भी उचित माना, जिसमें कहा गया था कि भविष्य में राम रहीम की पैरोल पर विचार कानून के अनुसार ही होगा.
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