मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा भेदभाव, सिविक सेंस का हाल और खराब; Survey रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
India Today GDB Survey MP: मध्य प्रदेश एक बार फिर सामाजिक व्यवहार और नागरिक जिम्मेदारियों के मामले में पिछड़ता नजर आ रहा है. इंडिया टुडे सकल घरेलू व्यवहार सर्वेक्षण (GB Survey) के अनुसार, राज्य विविधता और भेदभाव के मामले में सबसे खराब स्थिति में है, जबकि सिविक सेंस (नागरिक व्यवहार) के मामले में 15वें स्थान पर है.
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India Today GDB Survey MP: मध्य प्रदेश एक बार फिर सामाजिक व्यवहार और नागरिक जिम्मेदारियों के मामले में पिछड़ता नजर आ रहा है. इंडिया टुडे सकल घरेलू व्यवहार सर्वेक्षण (GB Survey) के अनुसार, राज्य विविधता और भेदभाव के मामले में सबसे खराब स्थिति में है, जबकि सिविक सेंस (नागरिक व्यवहार) के मामले में 15वें स्थान पर है. यह रिपोर्ट बताती है कि राज्य में नागरिक जिम्मेदारियों के पालन, सार्वजनिक सुरक्षा और लैंगिक समानता जैसे मामलों में सुधार की जरूरत है. क्योंकि इन प्वाइंट्स पर स्थिति चिंताजनक है.
सर्वे रिपोर्ट में मध्य प्रदेश की स्थिति
यह सर्वेक्षण 12 प्रमुख मानकों पर आधारित था, जिनमें ईमानदारी, सार्वजनिक संपत्ति की देखभाल, नागरिक जिम्मेदारियां और सामाजिक समरसता शामिल हैं. रिपोर्ट से पता चला कि मध्य प्रदेश ने इनमें से किसी भी प्रमुख मानक में शीर्ष स्थान हासिल नहीं किया, बल्कि कई मामलों में यह निचले पायदान पर रहा.
जानिए मध्य प्रदेश की रैंकिंग
श्रेणी | मध्य प्रदेश की रैंक | टॉप राज्य | सबसे खराब राज्य |
नागरिक व्यवहार | 15वां | तमिलनाडु | पंजाब |
विविधता और भेदभाव | 20वां (अंतिम) | केरल | मध्य प्रदेश |
सार्वजनिक सुरक्षा | 14वां | केरल | उत्तर प्रदेश |
लैंगिक दृष्टिकोण | 14वां | केरल | उत्तर प्रदेश |
मध्य प्रदेश के लिए क्या हैं चुनौतियां
विविधता और भेदभाव में सबसे खराब: रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश का सामाजिक ताना-बाना विविधता और सहिष्णुता के मामले में कमजोर है. यह राज्य अंतिम स्थान पर है, जिसका मतलब है कि यहां जाति, धर्म और सामाजिक भेदभाव की अधिक समस्याएं ज्यादा सामने आ रही हैं.
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सिविक सेंस में गिरावट: मध्य प्रदेश नागरिक जिम्मेदारी और सार्वजनिक शिष्टाचार के मामले में 15वें स्थान पर रहा, जिससे साफ है कि सार्वजनिक संपत्ति की देखभाल और सामाजिक जिम्मेदारियों को लेकर अभी भी जागरूकता की कमी है. इसमें सुधार की खासी जरूरत है.
सार्वजनिक सुरक्षा में खराब प्रदर्शन: राज्य 14वें स्थान पर है, जो दर्शाता है कि यहां अपराध की दर और सुरक्षा संबंधी चिंताएं बनी हुई हैं.
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लैंगिक समानता में पिछड़ापन: महिला अधिकारों और लैंगिक दृष्टिकोण के मामले में भी मध्य प्रदेश 14वें स्थान पर है, जिससे यह जाहिर होता है कि यहां अभी भी पुरुषवादी सोच और लैंगिक भेदभाव की चुनौतियां मौजूद हैं.
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ओवर आल रैंकिंग में कहां ठहरता है एमपी
सामाजिक शिष्टाचार के सकल घरेलू सर्वे में मध्य प्रदेश की हालत बहुत खराब है, सर्वे में जिन चार बिंदुओं को रखा गया है, उसमें सबसे नीचे से 19वें नंबर है. जब कि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल का नंबर आता है. चारों बिंदुओं में यही तीन राज्य टॉप पर हैं.
कहां सुधार की जरूरत?
विशेषज्ञों के अनुसार, मध्य प्रदेश को शिक्षा, सामाजिक जागरूकता, पुलिस व्यवस्था में सुधार और सख्त कानूनों के प्रवर्तन पर ध्यान देने की जरूरत है. नागरिकों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति अधिक सतर्क बनाना होगा, ताकि राज्य सामाजिक और नागरिक व्यवहार के मामले में आगे बढ़ सके. मध्य प्रदेश के लिए सर्वे रिपोर्ट एक चेतावनी है कि राज्य को सामाजिक समरसता, सार्वजनिक शिष्टाचार और लैंगिक समानता के लिए अधिक प्रयास करने होंगे. अगर सही नीतियां लागू की जाएं और लोगों को जागरूक किया जाए, तो आने वाले वर्षों में राज्य अपनी रैंकिंग में सुधार कर सकता है.
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