आंध्रप्रदेश के पूर्व सीएम जगनमोहन रेड्‌डी और उनकी बहन के बीच चल रही है 'महाभारत', जानें पूरी कहानी

रूपक प्रियदर्शी

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जगन मोहन रेड्डी- फाइल फोटो
जगन मोहन रेड्डी- फाइल फोटो
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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जगन मोहन रेड्डी ने अब अपनी बहन शर्मिला रेड्डी को कानूनी लड़ाई में खींच लिया है.

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इस बार मामला संपत्ति का है. राजनीतिक प्रतिद्वंदिता पहले से है.

Andhra Pradesh: जगन मोहन रेड्डी ने अब अपनी बहन शर्मिला रेड्डी को कानूनी लड़ाई में खींच लिया है. इस बार मामला संपत्ति का है. शर्मिला रेड्डी के खिलाफ जगन मोहन रेड्डी और उनकी पत्नी भारती रेड्डी ने National Company Law Tribunal यानी NCLT में शिकायत की है. दोनों भाई-बहन के बीच राजनीतिक लड़ाई अब निजी लड़ाई में बदल चुकी है. राजनीतिक प्रतिद्वंदिता से शुरू हुई ये लड़ाई अब निजी लड़ाई में बदल चुकी है और रेड्‌डी भाई-बहन एक दूसरे के खिलाफ अब कोर्ट में भी खड़े हाे गए हैं.

एक-दूसरे से लड़कर जगन मोहन रेड्डी भी हारे. बहन शर्मिला रेड्डी भी हारीं. चुनाव से पहले जगन मोहन ने बोला था कि शर्मिला के कांग्रेस में चले जाने से उन्हें दुख पहुंचा. ऐसा लग रहा था कि राजनीतिक लड़ाई के कारण भाई-बहन में मनमुटाव है. पैसे, संपत्ति को लेकर भी कोई विवाद नहीं था. चुनाव हारने के बाद भी दोनों की तल्खी कम नहीं हुई बल्कि और ज्यादा तीखी और ज्यादा आपसी हो गई है.

जगन मोहन रेड्डी ने अब शर्मिला रेड्डी को कानूनी लड़ाई में खींच लिया है. इस बार मामला संपत्ति का है. शर्मिला रेड्डी के खिलाफ जगन मोहन रेड्डी और उनकी पत्नी भारती रेड्डी ने National Company Law Tribunal यानी NCLT में शिकायत की है. ये कहते हुए कि बहन के लिए NO LOVE LEFT इसलिए गिफ्ट में जो शेयर दिए थे वो वापस किए जाएं.

इस कंपनी को लेकर भाई-बहन में हुआ विवाद

विवाद है सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को लेकर है, जिसके मालिक जगन मोहन रेड्डी और उनकी पत्नी भारती रेड्डी हैं. जगन मोहन ने शिकायत की है कि शर्मिला रेड्डी उनके और भारती रेड्डी के शेयर अपने और मां विजय लक्ष्मी के नाम अवैध रुप से ट्रांसफर करा लिए हैं. वो भी तब जबकि कंपनी को ईडी ने अटैच किया हुआ है.

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कौन हैं जगन मोहन रेड्‌डी

कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व सीएम वाई एस राजशेखर रेड्डी के बेटे हैं जगन मोहन रेड्डी. बेटी हैं वाई एस शर्मिला. जगन मोहन से एक साल छोटी हैं शर्मिला. 2021 के बाद भाई-बहन के विवाद हुआ तो मां विजयम्मा यानी विजयालक्ष्मी बेटे के खिलाफ बेटी शर्मिला की साइड हो गईं. एक वक्त में कांग्रेस के सांसद रहे जगन मोहन रेड्डी ने पिता की मौत के बाद कांग्रेस से अलग वाईएसआर कांग्रेस नाम की पार्टी बना ली. करीब 10 साल के संघर्ष के बाद इतने ताकतवर बन गए कि आंध्र प्रदेश का विधानसभा और लोकसभा चुनाव जीतकर सरकार बना ली. 

बहन शर्मिला और मां विजयम्मा संघर्ष के दिनों तक भाई जगन मोहन की ढाल बनी रहीं. जब जगन जेल में थे तब दोनों ने मिलकर लड़ाई लड़ी. 2021 में न जाने क्या हुआ कि रिश्ते खराब होने लगे. शर्मिला तेलंगाना शिफ्ट हो गईं. उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस तेलंगाना नाम की पार्टी बनाई जो कुछ खास चली नहीं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया. ऱाहुल गांधी ने शर्मिला की कांग्रेस में ज्वाइनिंग कराई. वाईएसआर की विरासत के लोभ में आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया लेकिन इससे दोनों चुनावों में कांग्रेस का कोई भला नहीं हुआ. 

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रेड्‌डी भाई-बहन के पास है अरबों की संपत्ति

धन धान्य में रेड्डी परिवार कभी कमजोर नहीं रहा. लोकसभा चुनाव लड़ते समय शर्मिला ने पति समेत करीब 182 करोड़ की संपत्ति की डिटेल दी थी. एफिडेविट में इस बात का जिक्र था कि उन पर भाई जगन का 82 करोड़ 58 लाख और भाभी भारती का करीब 19 लाख 56 हजार का कर्ज है. जगन ने पत्नी समेत 529 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी. इतने दिनों में दोनों भाई-बहन का रिश्तेदारी तब दिखी जब शर्मिला के बेटे की शादी में जगन मोहन शामिल होने पहुंचे थे.

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न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जगन ने दावा किया कि पिछले एक दशक में उन्होंने बहन शर्मिला को सीधे या मां के जरिए करीब 200 करोड़ दिए. उन्होंने 2019 में MoU साइन करके सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज के 51 परसेंट शेयर्स प्यार और स्नेह के कारण शर्मिला को दिए. कोर्ट केस होने के कारण शेयर्स ट्रांसफर नहीं हुए थे. भविष्य में ट्रांसफर होने की बात थी. अब शर्मिला के रवैये और बर्ताव से ठेस पहुंची है. अब ये कोई रहस्य नहीं है कि हम भाई बहन के बीच कोई प्यार बचा नहीं है.

जगन मोहन ने NCLT में किया था ये दावा

जगन ने NCLT से दावा किया है कि ये शेयर विरासत में मिली संपत्ति नहीं हैं.  प्यार और स्नेह के कारण दिया था. अब NO LOVE LEFT तो शेयर वापस लेना चाहते हैं. जगन ने कहा कि वो चौंक गए जब कंपनी के बोर्ड ने जुलाई में उनके और भारती के शेयर मां विजयम्मा को ट्रांसफर कर दिए. कोर्ट अटैचमेंट के बाद भी शर्मिला वो शेयर हड़प रही हैं जो जगन और भारती रेड्डी के हैं. जगन ने NCLT से मांग की है कि मां को ट्रांसफर 74 लाख 26 हजार 294, भारती रेड्डी वाले 40 लाख 50 हजार और क्लासिक रियल्टी के 12 लाख शेयर्स का ट्रांसफर रद्द कर दिया जाए. बिना कोर्ट की मंजूरी ऐसा किया जाना गलत है.

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