हरियाणा की इस पार्टी पर मंडराया ये खतरा, पार्टी के दिग्गज नेताओं के हारने के बाद अस्तित्व पर संकट

News Tak Desk

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Abhay Chautala
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इंडियन नेशनल लोकदल पर मंडराया क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा छीने जाने का खतरा.

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चुनावी सिंबल भी गंवा सकती है पार्टी, हरियाणा चुनाव में रहा था खराब प्रदर्शन.

Indian National Lok Dal: हरियाणा की कभी प्रमुख पार्टी रही इंडियन नेशनल लोकदल बुरे दौर से गुजर रही है. हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन इतना खराब रहा है कि अब उसके अस्तित्व पर ही संकट आ गया है. हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद INLD के इलेक्शन सिंबल और क्षेत्रीय पार्टी के दर्जे पर खतरा मंडरा रहा है. इस चुनाव में INLD को महज 4.14 फीसदी वोट मिले. और पार्टी केवल दो सीटों पर जीत दर्ज कर पाई. डबवाली और रानियां सीट. डबवाली से आदित्य देवीलाल और रानियां से अर्जुन चौटाला को जीत मिली है. पार्टी के सबसे बड़े चेहरे अभय चौटाला भी ऐलनाबाद सीट से चुनाव हार गए.

क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा बचाए रखने के लिए INLD को राज्य में 2 सीट के साथ कम से कम 6 फीसदी वोट हासिल करना जरूरी थी. लेकिन INLD पूरी तरह से इस शर्त को पूरा नहीं कर पाई. पार्टी को दो सीटें तो मिली, लेकिन उसका वोट शेयर 6 फीसदी से कम रहा.

क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा बनाए रखने के लिए जरूरी है कि कम से कम पार्टी को तीन सीटों पर जीत दर्ज करनी चाहिए. लेकिन INLD इस शर्त को भी पूरा नहीं कर पाई. 2019 के विधानसभा चुनाव में भी INLD इन शर्तों को पूरा नहीं कर पाई थी. इस चुनाव में INLD को महज 1 सीट मिली थी. और वोट शेयर 2.44 फीसदी था.

छिन सकता है पार्टी का चुनावी चिन्ह चश्मा

इलेक्शन सिंबल और क्षेत्रीय दल का स्टेट्स बचाने के लिए चुनाव आयोग के एक्ट 1968 की धारा 6 ए और सी के तहत दी गई शर्तों को पूरा नहीं कर सकी. जिसके चलते पार्टी का चुनाव चिन्ह चश्मा उनसे छिन सकता है. वहीं इसकी तुलना में INLD से ही टूटकर निकली पार्टी जेजेपी के पास अभी 2029 चुनाव तक का मौका है. इस चुनाव में जेजेपी को एक फीसदी से भी कम वोट मिले थे. लेकिन 2019 के चुनाव में उसे 15 फीसदी वोट मिले थे. 2029 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करके वह अपना सिंबल बचा सकती है.

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किसने बनाई थी इंडियन नेशनल लोकदल

INLD का गठन पूर्व डिप्टी पीएम ताऊ देवीलाल ने की थी. 1998 में INLD को क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिला था. INLD हरियाणा में सत्ताधारी पार्टी और मुख्य विपक्ष दोनों ही भूमिका में रह चुकी है. INLD के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं. लेकिन पिछले कई चुनावों से पार्टी का प्रदर्शन लगातार नीचे गिरा है और अब तो पार्टी पर सिंबल और क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा बचाए रखने का संकट आ गया है.

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