सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच आखिर क्यों नहीं हो रहीं PAC के सामने पेश! केसी वेणुगोपाल अड़े

रूपक प्रियदर्शी

congress general secretary KC Venugopal- File Photo
congress general secretary KC Venugopal- File Photo
social share
google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

माधबी बुच को केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली पीएसी के सामने पेश होना था.

point

बैठक शुरू होने से ठीक पहले माधवी बुच ने दूसरी बार भी कन्नी काट ली.

KC Venugopal: पिछली लोकसभा में कांग्रेस के पास नंबर नहीं थे इसलिए विपक्ष के नेता का पद नहीं मिला. फिर भी पब्लिक अकाउंट्स कमेटी यानी पीएसी की चेयरमैनशिप अधीर रंजन चौधरी को मिली. 2024 के चुनाव के बाद कांग्रेस को विपक्ष का नेता पद भी मिला और पीएसी चेयरमैनशिप भी बरकार रही. राहुल गांधी पीएसी चेयरमैन बन सकते थे. उन्होंने केसी वेणुगोपाल को जिम्मेदारी दिलवाई. केसी वेणुगोपाल ने चेयरमैन का चार्ज लेते ही बीजेपी की दुखती रग अदाणी, माधवी बुच, सेबी पर हाथ रख दिया है. 

अदाणी, सेबी और माधबी बुच के कनेक्शन का जो आरोप अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने लगाया था उसकी जांच पीएसी ने शुरू कर दी है. पीएसी के पास सेबी, आरबीआई जैसी टॉप सरकारी संस्थाओं के ऑडिट का अधिकार होता है. पीएसी ने समन किया सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को. जवाब मांगा जाना है कि अदाणी से क्या कनेक्शन है. सेबी ने अदाणी के फेवर में क्या किया? 

माधबी बुच को केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली पीएसी के सामने पेश होना था लेकिन बैठक शुरू होने से ठीक पहले माधवी बुच ने दूसरी बार भी कन्नी काट ली. मैसेज किया कि कुछ मजबूरियां हैं जिसके कारण वो और उनकी टीम पेश दिल्ली नहीं आ पा रही है. माधबी  बुच इससे पहले भी पेशी से कन्नी काट चुकी हैं. 

माधबी ने सबसे पहले समिति के समक्ष पेश होने के लिए छूट मांगी थी जो दी नहीं गई. पीएसी के पास ये अधिकार होता है कि पेशी से छूट दे या नहीं. तब माधबी  बुच ने कन्फर्म किया कि पीएसी के सामने आएंगी. फिर ऐन मौके पर सुबह 9.30 बजे कह दिया कि दिल्ली नहीं आ पा रही हैं.  जब नहीं ही आईं तो केसी वेणुगोपाल क्या करते. बीजेपी सांसदों के भारी हंगामे के बाद भी पीएसी की बैठक स्थगित कर दी.

बीजेपी सांसद कर रहे केसी वेणुगोपाल का विरोध

पीएसी सरकार और विपक्ष की पार्टियों के सांसदों को मिलाकर बनती है. पीएसी में केसी वेणुगोपाल को चैलेंज करने के लिए बीजेपी ने रविशंकर प्रसाद, निशिकांत दुबे, सुधांशु त्रिवेदी, अनुराग ठाकुर, तेजस्वी सूर्या जैसे तेज तर्रार सांसदों को तैनात किया है. माधबी  बुच को बुलाने पर रविशंकर प्रसाद, निशिकांत दुबे ने आसमान सिर पर उठाया हुआ है. स्पीकर ओम बिरला से शिकायत की कि केसी वेणुगोपाल देश के वित्तीय ढांचे को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए टूल किट जैसे काम कर रहे हैं. 

निशिकांत दुबे ने पहले भी लोकसभा स्पीकर से शिकायत की हुई है कि पीएसी को माधवी बुच को बुलाने का अधिकार नहीं है. रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि केसी वेणुगोपाल ने माधबी बुच को बुलाने का फैसला खुद लिया. कमेटी के बाकी सदस्यों से पूछा तक नहीं. बीजेपी ये कहते नहीं दिखना चाहती कि माधबी पुरी को बुलाने पर एतराज है. वो कह रही है कि केसी वेणुगोपाल गलत प्रक्रिया से पीएसी चला रहे हैं. 

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से माधवी पुरी बुच घिरीं विवादों में

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से माधबी पुरी बुच बड़े विवादों में घिरीं हैं. कांग्रेस ने अदाणी का फेवर करने के साथ सेबी में रहते हुए एक साथ तीन जगहों से करोड़ों की सैलरी लेने का भी आरोप लगाया. पवन खेड़ा कहते हैं कि शतरंज के खेल का असली खिलाड़ी कोई और है. माधबी  पुरी बुच तो बस मोहरा हैं. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अदाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में माधबी पुरी और उनके पति धवल बुच की हिस्सेदारी है. उनके दफ्तर से भी कई आरोप लगे. विरोध प्रदर्शन तक किया सेबी कर्मचारियों ने. 

माधबी  सारे आरोपों को नकार चुकी हैं. इतने विवाद, इतने सवालों के बाद भी सरकार ने माधबी पुरी को जीवनदान दिया हुआ है.  सरकारसफाई से संतुष्ट है. ये कन्फर्म है कि माधबी अगले साल फरवरी तक अपना कार्यकाल पूरा करेंगी. आगे सरकार एक्सटेंशन देने के मूड में नहीं है.

फरवरी तक समय काटना माधबी पुरी के लिए आसान नहीं रहने वाला. दो बार पीएसी के बुलाने पर नहीं आईं. केसी वेणुगोपाल कोई रियायत देने के मूड में नहीं हैं. सेबी, अदाणी ये सारे वो मुद्दे हैं जिनको राहुल गांधी ने इतनी जोर-शोर से उठाया कि राष्ट्रीय मुद्दा बन गया. पूरा विपक्ष एक सुर से सेबी, अदाणी, बीजेपी की मिलीभगत के खिलाफ बोल रहा है.

ये भी पढ़ें- Weather Update: 'दाना' तूफान पहुंचा इन राज्यों के करीब, भारी बारिश के बीच ट्रेनें रद्द और स्कूलों की हो गई छुट्‌टी

    follow on google news
    follow on whatsapp