राहुल गांधी पार्टी में शशि थरूर को देने जा रहे हैं बड़ी जिम्मेदारी? कांग्रेस की रणनीति में होगा बड़ा बदलाव

विजय विद्रोही

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Major shift in Congress: शशि थरूर केरल की तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद हैं और बड़े नेता हैं. वह केरल में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर चर्चा में हैं. साथ ही उनके बीजेपी ज्वॉइन करने की अटकलें भी राजनीतिक गलियारों में लगाई जा रही हैं. ऐसे में कांग्रेस में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. चर्चा है कि वरिष्ठ नेता शशि थरूर को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. कांग्रेस नेतृत्व उन्हें केरल से अलग राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका देने की योजना बना रहा है. हालांकि सवाल ये भी है कि क्या थरूर पद पाने के बाद संतुष्ट हो जाएंगे.

सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व का मानना है कि शशि थरूर मुख्यमंत्री पद की राजनीति के बजाय राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के विचारधारा वाले अभियानों में अधिक प्रभावी हो सकते हैं. उनके शानदार वक्तृत्व कौशल, युवाओं में मजबूत पकड़ और सोशल मीडिया पर प्रभाव को देखते हुए, कांग्रेस उन्हें उत्तर-पूर्व राज्यों सहित देशभर में पार्टी के प्रचार अभियान की जिम्मेदारी सौंप सकती है.

राहुल गांधी बदल रहे हैं रणनीति

राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रणनीति में बदलाव साफ देखा जा सकता है. अब पार्टी अपने नेताओं के मनोबल को बनाए रखने और आंतरिक मतभेदों को खत्म करने की कोशिश कर रही है. नेतृत्व का जोर इस बात पर है कि पहले पार्टी के भीतर एकता लाई जाए, नेताओं की नाराजगी दूर की जाए और फिर संगठन को मजबूती दी जाए.

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प्रियंका गांधी को भी मिल सकती है नई जिम्मेदारी

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. उन्हें पार्टी वेणुगोपाल की जगह संगठन महामंत्री या किसी अन्य महत्वपूर्ण पद पर लाने की योजना बनाई जा रही है. इसके अलावा, इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं से बातचीत और समन्वय की जिम्मेदारी भी उन्हें दी जा सकती है.

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बिहार में गठबंधन मजबूत करने की कवायद

बिहार में महागठबंधन को मजबूत करने के लिए भी राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं. पार्टी को डर है कि तेजस्वी यादव कांग्रेस को कम सीटें देने की कोशिश कर सकते हैं, जबकि कांग्रेस खुद को 40-50 सीटें जीतने की स्थिति में मान रही है. ऐसे में राहुल गांधी और खड़गे लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी से मिलकर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर सकते हैं.

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क्या कांग्रेस की वापसी संभव?

हालांकि, इन बदलावों से कांग्रेस का संगठन तुरंत मजबूत हो जाएगा, यह कहना मुश्किल है. लेकिन अगर पार्टी अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में कामयाब होती है, तो बीजेपी को सीधी चुनौती दे सकती है. कांग्रेस की वापसी आसान नहीं है, लेकिन अगर वह संघर्ष करती हुई दिखे, तो बीजेपी को भी नई रणनीति बनानी होगी.

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कुल मिलाकर, कांग्रेस नेतृत्व अपनी कमजोरियों को दूर करने और पार्टी को मजबूती देने की कोशिश कर रहा है. अब देखना होगा कि ये बदलाव चुनावी समीकरणों को कितना प्रभावित कर पाते हैं.

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